कबड्डी खिलाड़ियों को मिले प्रशिक्षण व संसाधन तो जीतेंगे हर मुकाबला
कबड्डी खिलाड़ियों को उपकरण और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। खिलाड़ी मिट्टी में खेलते हैं क्योंकि उन्हें मैट और कोर्ट नहीं मिलते। खेल विभाग की उदासीनता के कारण खिलाड़ियों को चोटों का सामना...
कबड्डी खिलाड़ियों को उपकरण और बेहतर संसाधन का अभाव है। इसके चलते राज्यस्तर तक तो पहुंच रहे हैं, लेकिन राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर तक वे नहीं पहुंच पाते हैं। कबड्डी खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा मैट उपलब्ध नहीं होने से परेशानी उठानी पड़ती है। खिलाड़ी रमना मैदान में या महाराजा स्टेडियम में ही कोट बनाकर मिट्टी में खेलते हैं। इस कारण खिलाड़ियों की प्रतिभा उभर नहीं पा रही है। कबड्डी एसोसिएशन के सचिव आलोक कुमार बताते हैं कि सत्र 2024-2025 में पश्चिम चंपारण जिले के महाराजा स्टेडियम में अंडर 19 विद्यालय कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसमें पश्चिम चंपारण के खिलाड़ियों ने क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।
अगर उन्हें अच्छी सुविधा उपलब्ध कराई जाए को यहां के खिलाड़ी भी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल हो सकते हैं। जिलास्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता के माध्यम से उत्कृष्ट खिलाड़ियों का चयन किया जाता है। चयनित खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेते हैं। लेकिन खिलाड़ियों के पास सुविधाएं कम होने के कारण उन्हें खेलने में परेशानी होती है। कबड्डी के खिलाड़ियों के लिए कोर्ट नहीं बना हुआ है। कबड्डी के खिलाड़ी सचिन कुमार, सुशांत मिश्रा आदि ने बताया कि बिहार राज्य खेल प्राधिकरण एवं खेल विभाग द्वारा पश्चिम चंपारण में कबड्डी खिलाड़ियों के लिए खेलो इंडिया स्मॉल सेंटर भी दिया गया, जो खिलाड़ियों के लिए नाकाफी साबित हो रहा है। पश्चिम चंपारण कबड्डी संघ द्वारा भी कबड्डी खेल से संबंधित उपकरण, मैट, जूते एवं खेलने के लिए मैट लगाया गया आउटडोर स्टेडियम की मांग की गई थी। परंतु खेल विभाग की उदासीनता के कारण खिलाड़ियों को अभी तक मैट उपलब्ध नहीं हो सका है। खिलाड़ी दीपक कुमार, सूरज कुमार ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा खिलाड़ियों के लिए फिजियोथेरेपी की व्यवस्था होनी चाहिए। खिलाड़ियों को बार-बार चोट लगते रहती है। कबड्डी ऐसा खेल है जिसमें शारीरिक फिटनेस की काफी जरूरत है। ऐसे में खिलाड़ियों को सुविधा मिलनी चाहिए। ताकि खिलाड़ी बेहतर कर सकें। इस खेल में असीम संभावनाएं हैं। खिलाड़ी कबड्डी खेल कर अपना करियर बना सकते हैं। आज क्रिकेट में जैसे आईपीएल होता है, वैसे ही कबड्डी में भी कबड्डी लीग खेला जाता है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों की टीमें भाग लेती है। इसमें पटना की टीम भी शामिल होती है। अगर खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो इसमें शामिल हो सकते हैं। कबड्डी के लिए क्रिकेट व अन्य अन्य खेलों की तरह महंगे खर्च की आश्यकता नहीं है। बावजूद खेल विभाग की ओर से सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। इसका खामियाजा खिलाड़ियों को भुगतना पड़ता है। मैट, इनडोर स्टेडियम, अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच, पेयजल, फिजियोथेरेपिस्ट, विशेषज्ञ डॉक्टर आदि की जरूरत है। इतना कुछ मिलने पर जिले के खिलाड़ी भी लीग मैच में अपना बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। इसके लिए प्रशासन की ओर से सहायता मिलनी चाहिए।
प्रस्तुति- गौरव कुमार
प्राधिकरण से सामग्री मिलते ही उपलब्ध करायी जाएगी
जिला खेल पदाधिकारी विजय कुमार पंडित ने बताया कि बिहार राज्य खेल प्राधिकरण एवं खेल विभाग द्वारा पश्चिम चंपारण में कबड्डी खिलाड़ियों के लिए खेलो इंडिया स्मॉल सेंटर दिया गया है। इसके अलावे खिलाड़ियों की जितनी भी मांग है। उसके संबंधित पत्राचार बिहार राज्य खेल प्राधिकरण से किया गया है। बिहार राज्य खेल पदाधिकरण की ओर से अभी तक सामान जिला में नहीं भेजा गया है। जैसे ही सामान पश्चिम चंपारण जिला में पहुंचेगा, मैट और अन्य सुविधाएं कबड्डी के खिलाड़ियों को मुहैया करा दी जाएगी। यदि खिलाड़ियों को किसी तरह की समस्या हो तो वे लिखित आवेदन दें। विभाग की ओर से समस्या काे दूर करने का हर संभव प्रयास कर किया जाएगा। खिलाड़ियों को किसी तरह की समस्या नहीं होने दी जाएगी।
सुझाव
1. खिलाड़ियों के लिए कबड्डी के मैट की व्यवस्था और शेड वाले आउटडोर स्टेडियम का निर्माण होना चाहिए।
2. खिलाड़ियों को खेल से संबंधित उपकरण मिलना चाहिए। खिलाड़ियों को जूते और मैट की आवश्यकता अधिक है।
3. कबड्डी खिलाड़ियों के लिए फिजियोथेरेपिस्ट की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि चोटिल होने पर इनका इलाज हो सके।
4. कबड्डी खिलाड़ियों के लिए उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि लीग मैच में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
5. महाराजा स्टेडियम में बेहतर शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। ताकि खिलाड़ियों को परेशानी नहीं हो।
शिकायतें
1. कबड्डी के लिए शेड वाला आउटडोर स्टेडियम नहीं है। मैट नहीं होने के कारण खिलाड़ी अभ्यास नहीं कर पाते हैं।
2. खिलाड़ियों के लिए कबड्डी के जूते आदि की व्यवस्था नहीं होने के कारण खिलाड़ियों को खेलने में परेशानी होती है।
3. कबड्डी के खिलाड़ियों के लिए फिजियोथेरेपी की व्यवस्था नहीं है। चोटिल होने पर खिलाड़ियों को दर्द झेलना पड़ता है।
4. बारिश के मौसम में मिट्टी से बने कोर्ट में खिलाड़ी प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं। वहां कीचड़ हो जाता है। इससे परेशानी होती है।
5. महाराजा स्टेडियम में बने शौचालय में साफ-सफाई नहीं रहती है। इससे खिलाड़ियों को परेशानी होती है।
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