World Bicycle Day Cyclists in Bihar Struggle for Resources and Facilities अच्छी सड़क न संसाधन, साइक्लिंग खिलाड़ियों की उड़ान को चाहिए मदद, Bagaha Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBagaha NewsWorld Bicycle Day Cyclists in Bihar Struggle for Resources and Facilities

अच्छी सड़क न संसाधन, साइक्लिंग खिलाड़ियों की उड़ान को चाहिए मदद

हर साल 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। पश्चिम चंपारण में साइकिलिंग के खिलाड़ी संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। साइकिल का ट्रैक नहीं होने और महंगी साइकिलों के अभाव में वे आगे नहीं बढ़ पा रहे...

Newswrap हिन्दुस्तान, बगहाMon, 2 June 2025 10:26 PM
share Share
Follow Us on
अच्छी सड़क न संसाधन, साइक्लिंग खिलाड़ियों की उड़ान को चाहिए मदद

त्येक वर्ष 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। साइकिल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। साइकिलिंग ऐसा खेल है जिसे ओलंपिक में मान्यता मिल चुकी है। खिलाड़ी इसमें मेडल लाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन संसाधनों के अभाव में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। पश्चिम चंपारण जिले में कई ऐसे साइकिलिंग के खिलाड़ी हैं जो मेहनत तो करते हैं लेकिन राज्य और नेशनल लेवल तक पहुंचने के बाद आगे नहीं बढ़ पाते हैं। वे ओलंपिक में भारत का नेतृत्व करना चाहते हैं इसके लिए जो फिटनेस चाहिए व साइकिल चाहिए वह उन्हें मिल नहीं पा रहा है।

लोकल स्तर पर साइकिल को अपग्रेड कराकर वह प्रैक्टिस करते हैं। संसाधन के अभाव में साइक्लिंग करने वाले खिलाड़ी सोनू कुमार बताते हैं कि जिले में कहीं भी साइकिल का ट्रैक नहीं है। सरकारें सड़क बनवा देती हैं लेकिन साइकिल का ट्रैक नहीं बनाती है। सड़कें भी ऐसी बन रही हैं कि उसपर साइकिल नहीं चल सकता है। कॉलेज और दूसरी जगहों पर जगह-जगह ब्रेकर बना हुआ है। सड़कों पर भी ब्रेकर बना हुआ है। ऐसे में हम लोग रेसिंग नहीं कर सकते हैं। नेशनल लेवल तक साइक्लिंग प्रतियोगिता में भाग ले चुके खिलाड़ी अफरोज आलम ने बताया कि 5000 से 10000 की साइकिल से साइक्लिंग नहीं हो पाती है। जिस साइकिल से साइक्लिंग की प्रतियोगिता होती है उसकी कीमत 6 लाख से शुरू होती है। यह साइिकल जर्मनी से मांगनी पड़ती है। देश में इसकी कीमत और ज्यादा है। लगभग 12 लाख रुपए तक की साइकिल आती है। ऐसे में जिला प्रशासन और बिहार सरकार से सहयोग के बिना हमलोग आगे नहीं बढ़ सकते हैं। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग ले चुके खिलाड़ी दशरथ कुमार ने बताया कि स्टेट में जब कैंप लगता है तो वहां प्रैक्टिस करते हैं। नियमित रूप से प्रैक्टिस छूट जाने के कारण अच्छा प्रदर्शन नहीं हो पाता है । जबकि उन्होंने बाहर से साइकिल मंगायी है, इसके बावजूद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राजगीर में साइकिल का ट्रैक बन रहा है लेकिन बेतिया में ऐसी कोई सुविधा नहीं है। जब तक यहां पर साइकिल का ट्रैक नहीं बनता है तब तक बाहर ही प्रैक्टिस करना पड़ेगा। इधर, साइकिल संगठन के सचिव संदीप कुमार राय ने बताया कि साइकिल के उपकरण महंगे आते हैं इसके लिए खेल पदाधिकारी से गुहार लगाई गई है लेकिन मामला अभी आगे नहीं बढ़ पा रहा है। संगठन के पास इतनी राशि नहीं है कि वह बच्चों के लिए साइकिल उपलब्ध कराए। इरफान ने बताया कि जब तक हमें बेहतर संसाधन कोच आदि सुविधाएं नहीं मिल जाती है तब तक साइकिलिंग के क्षेत्र में बच्चे आगे नहीं बढ़ पाएंगे। पथ निर्माण विभाग सभी सड़कों पर साइक्लिंग ट्रैक भी बनाये। इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। इधर साइकिलिंग करने वाले खिलाड़ियों के लिए कहीं भी जिम की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में ओपन जिम की सुविधा जिला में करनी चाहिए। ताकि जो खिलाड़ी फिटनेस के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं बढ़ सके। फिटनेस के बिना खिलाड़ी इसमें नहीं टिक सकते हैं। प्रस्तुति-गौरव कुमार -- बिहार राज्य खेल प्राधिकरण से साइक्लिंग से जुड़े सामान की प्राप्ति अभी नहीं हुई है। एसोसिएशन द्वारा दिए गए अन्य सामानों को लेकर भी खेल प्राधिकरण को लिखा गया है। वहां से सामान आने के बाद उसे खिलाड़ियों को दिया जाएगा। साइकिल के लिए मुख्यालय को पत्र भेजा गया है। साइकिल की कीमत बहुत ज्यादा है वहां से अनुमति मिलने के बाद ही साइकिल की खरीदारी हो सकती है। -विजय कुमार पंडित, जिला खेल पदाधिकारी। -- प्राक्कलन के अनुरूप निर्माण कार्य कराया जाता है। प्राक्कलन में जो भी प्रावधान होते हैं। उसके अनुरुप निर्माण कार्य संवेदक द्वारा किया जाता है। फिलहाल जो भी पथ निर्माण विभाग के अधीन सड़कें हैं, उसमें साइक्लिंग के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं है। इसके लिए अलग से कार्य योजना बनानी पड़ती है। आगे से इसपर विचार किया जाएगा। -वीरेंद्र कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग --सुझाव 1. बेतिया में साइक्लिंग करने के लिए ट्रैक का निर्माण कराया जाए। खिलाड़ियों के साथ लोगों को भी इससे लाभ होगा। 2. खिलाड़ियों को प्रोफेशन साइकिल उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को पहल करना चाहिए। 3. साइकिल खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच व उपकरण उपलब्ध कराया जाए। 4. साइक्लिंग के खिलाड़ियों के लिए जिम की व्यवस्था की जानी चाहिए। ताकि खिलाड़ी फिटनेस कायम रख सकें। 5. साइकिल को अपग्रेड कराने में जिला प्रशासन की ओर से सहयोग मिलना चाहिए। --शिकायतें 1. खिलाड़ियों को साइकिल अपग्रेड कराना पड़ता है। इसमें अधिक खर्च आता है। यह खर्च वे वहन करने में सक्षम नहीं हैं। 2. साइकिल चलाने व खिलाड़ियों के लिए ट्रैक नहीं है। सड़कों पर साइकिल चलाने के लिए अलग ट्रैक या लेन नहीं है। 3. साइकिल 6 लाख रुपए में आती है। जर्मनी से मंगानी पड़ती है। ऐसे में जिला प्रशासन से सहयोग की अपील है। 4. साइक्लिंग करने के लिए फिटनेस की जरूरत है, लेकिन खिलाड़ियों के लिए जिम उपलबध नहीं है। 5. साइक्लिंग के लिए कैंप का आयोजन बेतिया में नहीं हो पाया है। खिलाड़ियों को पटना के कैंप में जाना पड़ता है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।