जिले में 8 लाख 7 हजार पौधे लगायेगा वन विभाग, क्षेत्र में छायेगी हरियाली
हिन्दुस्तान विशेषहिन्दुस्तान विशेष 15 जून से जिले में शुरू होगा वन विभाग का पौधरोपण अभियान जिले में वन विभाग के 10 व जीविका दीदियों की है 5 पौ

बांका, निज प्रतिनिधि। जिले में मानसून के आगाज के साथ ही पौधरोपण का सिलसिला शुरू हो जाता है। जो अगस्त तक चलता है। इस साल भी बारिश के मौसम में यहां जल जीवन हरियाली अभियान के तहत वन विभाग एवं जीविका दीदीयों की ओर से 8 लाख 7 हजार पौधे लगाये जाएंगे। इसमें वन विभाग की ओर से वन क्षेत्रों में 5 लाख 77 हजार एवं जीविका दीदी निजी व सार्वजनिक स्थानों पर 3 लाख 30 हजार पौधे लगाये जाएंगे। जिससे यहां हरियाली का दायरा बढेगा। यहां 15 जून से पौधरोपण अभियान शुरू होगा। जिले में वन विभाग एवं जीविका दीदी की पौधशाला से ही पौधरोपण अभियान चलेगा।
इसमें 10 पौधशाला वन विभाग के हैं। जहां करीब 15 लाख पौधे तैयार किये गये हैं। जबकि जीविका दीदी की 5 पौधशाला में 5 लाख 57 हजार 500 पौधे उपलब्ध हैं। क्षेत्र में जीविका दीदी की पौधशाला से पौधे की खरीद कर मनरेगा योजना के तहत भी 4 लाख 36 हजार 800 पौधे निजी व सार्वजनिक स्थानों पर लगाये जा रहे हैं। जिसके पौधरोपण अभियान की शुरूआत पर्यावरण संरक्षण दिवस के दिन 1 जून से ही हो गई है। जो 20 जून तक चलेगी। वहीं, जीविका दीदियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने और समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए हरित जीविका, हरित बिहार कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। जिसके लिए जीविका दीदियों को नर्सरी लगाने के लिए सहायता राशि दी गई है। क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक जीविका दीदी सामूहिक रूप से नर्सरी चला रही हैं। जिन्हें नर्सरी लगाने के लिए वन विभाग की ओर से पौधे उपलब्ध कराये जा रहे हैं। अब इनकी नर्सरी में तैयार पौधे से हरियाली लाई जा रही है। जिले में जीविका दीदियों की पांच नर्सरी चल रही है। इसमें अमरपुर में एक, शंभूगंज में एक, फुल्लीडुमर में एक, बौंसी में एक एवं बाराहाट में एक नर्सरी है। जहां अभी 5 लाख 57 हजार 500 पौधे तैयार किये गये हैं। इसमें महोगिनी, सागवान, आम, अमरूद, कटहल, ग्रिन सिमल, शीशम, जामुन, गुलमोहर, अर्जुन एवं मलेशियन शाल के पौधे शामिल हैं। जिसका उपयोग पौधरोपण में किया जा रहा है। जीविका दीदी की नर्सरी पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ ही उनके लिए आय के स्त्रोत को भी बढा रहा है। इससे जीविका दीदी आत्मनिर्भर बनने के साथ ही सशक्त भी बन रही हैं। बांका जिला वन क्षेत्र का दायरा बढाने में राज्य में पहले स्थान पर है। यहां के वन क्षेत्रों में हर साल बडे पैमाने पर पौधरोपण किया जा रहा है। वहीं यहां वन विभाग के पौधशाला में भी बडे पैमाने पर पौधों का उत्पादन किया जा रहा है। जिसमें फलदार व छायादार पौधों के साथ ही कीमती लकडियों के पौधे भी शामिल हैं। जिससे बांका जिला हाल के कुछ वर्षों से पौधा उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बना है। अब यहां चलने वाले पौधरोपण अभियान में अन्य जिले व प्रांतों से पौधे मंगाने की जरूरत नहीं हो रही है। जिससे यहां लगातार हरियाली का दायरा बढ रहा है। कोट : बांका जिला पौधा उत्पादन के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन रहा है। यहां वन विभाग के 10 एवं जीविका दीदियों के 5 पौधशाला हैं। जहां हर साल करीब 15-20 लाख पौधे तैयार किये जा रहे हैं। जिससे यहां पौधरोपण अभियान चलाया जा रहा है। इस साल यहां वन विभाग की ओर से वन क्षेत्रों में 5 लाख 77 हजार एवं जीविका दीदियों की ओर से निजी व सार्वजनिक स्थानों पर 3 लाख 30 हजार पौधे लगाये जाएंगे। शिखर प्रधान, डीएफओ, बांका।
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