निषाद समाज को आबादी अनुरूप राजनीतिक भागीदारी मिले
बिहार निषाद संघ ने रवीन्द्र भवन में राज्य स्तरीय निषाद जागरूकता महासम्मेलन आयोजित किया। अध्यक्ष हरेन्द्र प्रसाद निषाद ने राजनीतिक भागीदारी की मांग की। उपाध्यक्ष लालबहादुर बिंद ने अनुसूचित जाति में...

निषाद समाज को आबादी के अनुपात में राजनीतिक भागीदारी मिले। ये बातें बिहार निषाद संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरेन्द्र प्रसाद निषाद ने कहीं। बिहार निषाद संघ ने रवीन्द्र भवन में शनिवार को राज्य स्तरीय निषाद जागरूकता महासम्मेलन किया। जिसमें राज्यभर से बड़ी संख्या में निषाद समाज की लोग पहुंचे। अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष हरेन्द्र प्रसाद निषाद ने की। मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष लालबहादुर बिंद ने कहा निषाद की सभी उपजातियों को अनुसूचित जाति शामिल करने के लिए बिहार निषाद संघ जोरदार पहल शुरू की है। बंगाल और दिल्ली में मल्लाह अनुसूचित का लाभ ले रहे हैं तो बिहार के मल्लाह इससे क्यों वंचित हैं? प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जलेश्वर सहनी और डॉ. सतीश कुमार बिंद और रामजी चौधरी ने निषाद के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक विकास पर निषाद समाज को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत बताया।
प्रधान महासचिव धीरेन्द्र निषाद रामादेवी और कृष्णा देवी ने राज्य सरकार से मांग की कि परम्परागत मछुआ जाति का प्रमाणिक सूची शीघ्र प्रकाशित हो, प्रत्येक वर्ष प्रत्येक जिले में एक हजार मछुआ आवास निर्माण हो, जलकरों को अतिक्रमण से मुक्त करने और जगह जगह फिश मार्केट बनाया जाए। दिलीप कुमार निषाद ने कहा कि अगर सरकार हमारी आठ सूत्री मागों पर शीघ्र निर्णय नहीं लेगी तो राज्यभर में धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे। रामाशीष केवट, रामचंद्र प्रसाद सिंह, शैलेन्द्र सहनी, शिवनाथ चौधरी ने एनडीए और महागठबंधन से आबादी के अनुपात राजनीतिक भागीदारी की मांग की। जयराज निषाद और पप्पू कुमार निषाद ने अपने बच्चों को उच्च शिक्षा की पढ़ाई करने की जरूरत बताया। मौके पर विजय कुमार सहनी, गंगा चौधरी, संजय सहनी, अखिलेश चौधरी, अर्जुन निषाद, झपसी चौधरी, रवीन्द्र कुमार, नन्द किशोर, रघुनाथ महतो, मनोज कुमार समेत अन्य शामिल थे।
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