बांका रेलवे स्टेशन पर स्थापित हो टिकट आरक्षण केन्द्र
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- जीतेन्द्र कुमार झा छाया- कुमार आनंद यात्रियों की बढ़ती परेशानियों की अनसुनी दास्तान बांका रेलवे स्टेशन पर आ

बांका, कार्यालय संवाददाता। बांका जिला, जो कि अब शिक्षा, व्यापार, और तीव्र विकास के पथ पर अग्रसर है, आज भी बुनियादी रेलवे यात्री सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि बांका रेलवे स्टेशन पर आज तक आरक्षण केंद्र का नहीं खुलना। वर्षो से इस ओर उठ रही मांगें न सिर्फ अनसुनी रह गई हैं, बल्कि यात्रियों को लगातार मानसिक और आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार मांग उठ चुकी है कि रेलवे स्टेशन पर टिकट आरक्षण केंद्र खोला जाएगा। स्थानीय पत्रकारों, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने इस मुद्दे को कई बार उजागर किया, लेकिन हर बार आश्वासन के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। रेल प्रशासन की तरफ से एक सामान्य बयान जरूर आया कि “उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कार्य किया जा रहा है। जल्द ही ठोस निर्णय लिया जाएगा।” लेकिन अब यह “जल्द” कितनी लंबी प्रतीक्षा बन चुकी है, इसका अंदाजा यात्रियों की परेशानी से ही लगाया जा सकता है। हालांकि बांका शहर में रेलवे स्टेशन से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर एक रेलवे आरक्षण केन्द्र अनुमंडल कार्यालय परिसर में संचालित हो रहा है। जो कि रेलवे स्टेशन के स्थापना के पूर्व से चल रहा है। बांका रेलवे स्टेशन पर आरक्षण केंद्र की स्थापना अब महज मांग नहीं, बल्कि ज़रूरत बन चुकी है। हर दिन हजारों यात्री इस असुविधा का सामना करते हैं। रेलवे प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता का खामियाजा सीधे आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। बांका, जो कि झारखंड और बिहार के बीच एक अहम संपर्क बिंदु है, वहां यदि रेल यात्री सुविधा की इतनी अनदेखी हो रही है, तो यह विकास की दिशा में एक बड़ी बाधा है। जहां देश के कई छोटे कस्बों में भी डिजिटल आरक्षण केंद्र स्थापित हो चुके हैं, वहीं बांका जैसे जिला मुख्यालय का रेलवे स्टेशन आज भी इस सुविधा से वंचित है। यहां के जनप्रतिनिधि भी शायद इस ओर आजतक उदासीन बने हैं। पूर्व सांसद सह पूर्व रेल राज्यमंत्री ने स्वर्गीय दिग्विजय सिंह ने ही अपने कार्यकाल में बांका में अनुमंडल कार्यालय परिसर में एक रेल टिकट आरक्षण केन्द्र खोलवाया था जो आजतक इसी हालात में चल रहा है। अनुमंडल कार्यालय परिसर में संचालित रेलवे आरक्षण केंद्र में आज भी पुराना सर्वर और तकनीकी प्रणाली कार्यरत है। कई बार सर्वर डाउन हो जाने के कारण यात्री टिकट आरक्षित नहीं कर पाते हैं। इसके कारण कई बार जरूरी यात्राएं छूट जाती हैं, जैसे किसी परीक्षा, मेडिकल चेकअप, इंटरव्यू, या पारिवारिक आपात स्थिति में यात्रियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। वर्तमान में इस केंद्र पर यात्री संख्या कई गुना बढ़ गई है, लेकिन सुविधाएं जस की तस बनी हुई हैं। यात्रियों को टिकट बुक करवाने के लिए न सिर्फ लंबी लाइन में खड़ा होना पड़ता है, बल्कि कई बार पूरी रात तक इंतजार करना पड़ता है। तत्काल टिकट के लिए तो स्थिति और भी बदतर हो जाती है। स्थानीय यात्रियों का कहना है कि अगर उन्हें सुबह 10 बजे तत्काल टिकट आरक्षित कराना है, तो उन्हें रात के 12 बजे से ही लाइन में लगना पड़ता है। सर्दी हो या गर्मी, बरसात हो या तेज धूप, आरक्षण केंद्र पर टिकट के लिए लंबी कतारें आम हो चुकी हैं। यह सिर्फ सुविधा की कमी नहीं, बल्कि व्यवस्था की विफलता है। बांका शहर की आबादी और उसके आस-पास के इलाकों की संख्या को देखते हुए यह स्पष्ट है कि एक मात्र आरक्षण केंद्र पर्याप्त नहीं है। इसके बावजूद, रेल प्रशासन की ओर से न तो कोई नई योजना सामने आई और न ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया। टिकट की उपलब्धता की इस अनिश्चितता और परेशानी के कारण यात्री मजबूरीवश बिचौलियों से संपर्क करते हैं, जो उनसे अतिरिक्त पैसे वसूल कर टिकट आरक्षित करते हैं। कई लोग अपनी यात्रा के लिए या तो मंदारहिल या बाराहाट या फिर सीधे भागलपुर तक का सफर करते हैं, जहां आरक्षण की सुविधा उपलब्ध है। यह अतिरिक्त यात्रा न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि आर्थिक बोझ भी बढ़ाता है। बांका रेलवे स्टेशन पर आरक्षण केंद्र की स्थापना: सबसे पहला और ज़रूरी कदम यही है। यहां डिजिटल प्रणाली से लैस एक पूर्ण केंद्र की आवश्यकता है। वर्तमान केंद्र पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त काउंटरों की स्थापना की जानी चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में भी यात्रियों को आईआरसीटीसी की सुविधा के बारे में बताया जाए और सीएससी सेंटर को रेलवे टिकट सुविधा से जोड़ा जाए।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रियता: सांसद और विधायक इस मुद्दे को संसद/विधानसभा में उठाएं और रेलवे बोर्ड को ज्ञापन सौंपें। बांका में रेल अधिकारियों की नियमित उपस्थिति से समस्याओं की पहचान व समाधान हो सकेगा। स्टेशन प्रबंधक विवेकानंद मिश्र ने कहा कि बांका रेलवे स्टेशन पर आरक्षण केन्द्र की स्थापना के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। शहर के अनुमंडल परिसर में आरक्षण केन्द्र संचालित है जहां से यात्री को सुविधा मिल रही है लेकिन रेलवे स्टेशन पर आरक्षण केन्द्र का होना अनिवार्य है। वरीय अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी गई है।
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