धोरैया में दर्जनों गांवों की आबादी की लाइफ लाइन सड़क की हालत दयनीय
बोले बांकाबोले बांका प्रस्तुति- सुमन कुमार झा धोरैया( बांका) संवाद सूत्र धोरैया पुंसिया मुख्य मार्ग क़े राजबांध मोड़ से निकल कर दर्जनों गांव

धोरैया (बांका), संवाद सूत्र। धोरैया पुंसिया मुख्य मार्ग क़े राजबांध मोड़ से निकल कर दर्जनों गांव को जोड़ते हुए धोरैया नवादा मुख्य मार्ग में मिलने वाली 8 किलोमीटर वाली यह ग्रामीण सड़क पिछले दस वर्षो से उपेक्षा का दंश झेल रही है। दंश ऐसा की निर्माण क़े बाद विभाग क़े द्वारा भी इस से सड़क से पूरी तरह नजरें हटा ली गयी है। जबकि यह सड़क दर्जनों गांव क़े लिए एक महत्वपूर्ण सड़क मानी जाती। यह सड़क जहां हर गांव को सुलभ व सुगम यात्रा कराने क़े लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।वही यह सड़क ग्रामीण इलाको में रोजगार व व्यवपार करने वालों क़े लिए भी एक मात्र सड़क है।
लेकिन इस सड़क की बदकिस्मती ही कहा जाय की करीब दस वर्ष पूर्व निर्माण हुए इस सड़क का आज तक मरम्मती तक नहीं हो पाया है। सड़क की मरम्मती नहीं होने क़े कारण यह सड़क पूरी तरह से गड्डे में तब्दील हो गया है। सड़क क़े गड्डे में तब्दील हो जाने से इस सड़क पर पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है। ख़ास कर बरसात क़े मौसम में यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है की सड़क पर बने गड्डे में सड़क है या सड़क सड़क में गड्डे इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो जाता है। मालुम हो की धोरैया पुंसिया मुख्य मार्ग क़े राजबांध मोड़ से निकल कर राजबांध, ओड़ा, पड़ीहार, सोतारी,जाजु, कथोनी, खैरा, सहित दर्जनों गांव व टोला को जोड़ते हुए करीब दस हजार से ज्यादा की आवादी को सड़क सुविधा से जोड़ते हुए धोरैया नवादा मुख्य मार्ग में मिलती है। इस ग्रामीण सड़क की खासियत यह है की दोनों तरफ मुख्य मार्ग से मिलने क़े कारण ग्रामीण इलाके क़े आमलोगो क़े लिए आवागामन में जहां समय व दुरी का बचत करती है वही ग्रामीण इलाके में रहकर रोजी रोजगार करने वालों क़े लिए व्यपार का एक प्रमुख मार्ग भी है। जिस कारण इस सड़क पर हर रोज सैकड़ो वाहनो का परिचालन लगा रहता है। लेकिन सड़क पर बने गड्डे क़े कारण हमेशा दुर्घटना की भी आशंका बनी रहती है। यही नहीं इस सड़क क़े किनारे स्थित पड़ीहार गांव में उच्च माध्यमिक विद्यालय भी है। जहां शिक्षा ग्रहण करने क़े लिए हर रोज दर्जनों छात्र छात्राओ का विद्यालय आना जाना होता है। लेकिन सड़क पर बने गड्डे क़े कारण छात्राए साईकिल व वाहन से विद्यालय जाने में हीचकीचाती है। ग्रामीण बताते है की करीब दस वर्ष पूर्व इस सड़क का निर्माण कराया गया है। लेकिन निर्माण कराए जाने क़े बाद से एक बार भी इस सड़क को विभाग क़े द्वारा मुड़कर नहीं देखा गया है। जबकि क्षेत्र क़े जनप्रतिनिधि क़े द्वारा भी इस सड़क की मरम्मती को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। जिस कारण उपेक्षा का शिकार झेल रही यह सड़क पूरी तरह से गड्डे में तब्दील हो गया है।
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