उर्दू शिक्षा को लेकर लोहरदगा शिक्षा विभाग निष्क्रिय: वारिस
झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य वारिस कुरैशी ने कहा है कि उर्दू शिक्षा को लेकर लोहरदगा शिक्षा विभाग निष्क्रिय और उदासीन है। लोहरदगा जिले में कित

लोहरदगा, संवाददाता।झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य वारिस कुरैशी ने कहा है कि उर्दू शिक्षा को लेकर लोहरदगा शिक्षा विभाग निष्क्रिय और उदासीन है।लोहरदगा जिले में कितने उर्दू स्कूल हैं, इन स्कूलों में कितने उर्दू के पद सृजित हैं, साथ ही जिले में कितने उर्दू के पद सृजित हैं, वर्तमान में कितने कार्यरत है और कितने पद रिक्त हैं, उर्दू के 107 पद में से 105 पद को क्यों सरेंडर किया गया और 105 उर्दू का पद सरेंडर करते समय कौन जिला शिक्षा अधिकारी पदस्थापित थे, आदि सवालों पर विभाग मौन है। वारिश ने कहा कि सूचना नहीं देने के पीछे लोहरदगा शिक्षा विभाग की मंशा गलत प्रतीत होती है।
जबकि लोहरदगा जिला में उर्दू पढ़ने वालों की संख्या लगभग 22 फीसदी है। फिर भी समझ से परे है कि लोहरदगा शिक्षा विभाग को उर्दू भाषा पढ़ने वालों से क्या परेशानी है, जो अभी तक सही जानकारी छिपायी जा रही है। यह आश्चर्यजनक है कि 29 जुलाई 2024 को लोहरदगा वासियों की शिकायत पर विभाग के अधिकारी से उर्दू भाषा की पढ़ाई से संबंधित समस्या को लेकर मुलाकात कर विचार विमर्श किया गया था। डीएसई ने भरोसा दिलाया था कि उर्दू स्कूलों में उर्दू की पढ़ाई बाधित नहीं होगी। इसके लिए अति शीघ्र शिक्षकों को उर्दू स्कूल में भेज दिया जाएगा। क्योंकि अभी शिक्षकों का प्रमोशन हुआ है। प्रमोशन के बाद तबादला हो गया है।मगर इसकी कोई भी जानकारी न ही राज्य अल्पसंख्यक आयोग के कार्यालय पहुंचा। न ही सदस्य के रूप में मुझे मिला। जबकि लगभग एक साल का समय होने जा रहा है। राज्य अल्पसंख्यक आयोग इस कृत्य पर संज्ञान लेकर अधिकारी के ऊपर कार्रवाई के अनुशंसा राज्य के शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग को करेगा, उपायुक्त को भी जानकारी दी जाएगी।
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