श्रावणी मेला नजदीक, कांवरिया पथ के साथ-साथ मुख्य मार्ग को करना होगा दुरुस्त
सुल्तानगंज- देवघर मुख्य मार्ग में कई जगहों पर बने गड्डे, कांवरिया वाहन चालकों को होगी परेशानीसुल्तानगंज- देवघर मुख्य मार्ग में कई जगहों पर बने गड्डे,

कटोरिया (बांका), निज प्रतिनिधि। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में महज डेढ़ महीने का समय शेष रह गया है। हालांकि कांवरिया पथ पर तो 15 दिन पूर्व से ही बंगला सावन शुरू होते ही कांवरियों की भीड़ उमड़नी शुरू हो जाएगी। लेकिन अब तक श्रावणी मेले की तैयारी धरातल पर शुरू नहीं हो सकी है। श्रावणी मेले में पैदल चलने वाले कांवरियों के लिए जहां कच्ची कांवरिया पथ को सुगम बनाना होगा। वहीं हजारों की संख्या में प्रतिदिन गाड़ियों से चलने वाले कांवरियों के लिए पक्की सड़क को दुरुस्त करना होगा। जिसको लेकर सुल्तानगंज- कटोरिया- देवघर मुख्य मार्ग में कई जगह पर मरम्मत की जरूरत है।
सुल्तानगंज से देवघर तक जाने वाली यह मार्ग महत्वपूर्ण होने के बाद भी कई जगह तीखे मोड़, घनी आबादी, स्कूल आदि के संकेतक व दिशा निर्देशक बोर्ड नहीं लगे हैं। तो कुछ जगह ऐसे भी है जहां संकेतक झाड़ियों में छुप गए हैं। ऐसे में यहां पूरा ट्रैफिक सिस्टम वाहन चालकों के अंदाजे पर चल रहा है। लेकिन ऐसे में मेले में बाहर से आने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी होगी। पलक झपकते ही दुर्घटना घट सकती है। मुख्य सड़क पर अधिक दुर्घटना वाले स्थलों को ब्लैक स्पाट के रूप में चिह्नित कर सुरक्षा के जरूरी उपाय करना जरूरी है। दुर्घटना संभावित स्थानों को परिवहन विभाग की ओर से चिन्हित करके उन पर रेडियम रिफ्लेक्टर लगाए जाने चाहिए। जिससे रात के समय में भी चालकों को परेशानी ना हो। इसके अलावा इस मार्ग में नियमों को ताक पर रखकर कई ब्रेकर बने हैं। ब्रेकर से पहले कहीं भी संकेतक नहीं लगाए गए हैं। कोल्हुआ, चांदन बाजार, चांदन नदी पुल, पांडेयडीह के आगे, बियाही मोड़ आदि जगहों पर अधिक ऊंचाई के ब्रेकर का निर्माण तो करवाया ही गया है, ब्रेकर के पास सफेद और पीली रंग की पुताई भी नहीं कराई गई है। जिससे राहगीरों को दूर से स्पीड ब्रेकर होने की जानकारी नहीं मिल पाती है। मुख्य मार्ग की चिकनी सड़क कई जगहों पर गड्ढे में तब्दील हो गई है। सबसे बुरा हाल फिलहाल कटोरिया बाजार के कांवरिया धर्मशाला एवं चांदन नदी पुल के पास है। जहां सड़क पूरी तरह से टूट गई है। चांदन नदी पुल के पास बना गड्ढा तो जानलेवा साबित हो सकता है। वहीं सतलेटवा, अबरखा, कटोरिया बाजार के देवघर रोड, तुर्की मोड़, बियाही मोड़ आदि जगहों पर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इसके अलावा कटोरिया में जमुआ पुल जगह-जगह से दरक चुकी है। इसी पुल के होकर पैदल कांवरिया भी गुजरते हैं। हालांकि पुल के समानांतर नई पुल का निर्माण हो रहा है। लेकिन निर्माण की रफ्तार को देख यह संभव नहीं प्रतीत हो रहा है कि पुल का उपयोग सावन के महीने में हो सकेगा। सुल्तानगंज-देवघर मुख्य मार्ग में बांका जिले में पड़ने वाले सड़कों पर कई तीखे मोड़ हैं। जहां हल्की सी लापरवाही दुर्घटना को अंजाम दे देती है। मुख्य मार्ग में जिलेबिया मोड़, लेटवा मोड़, तेतरिया मोड़, कौवादह मोड़, टंगेश्वर मोड़, बलसारा मोड़, शिवलोक मोड़, महेशमारा मोड़ अबरखा मोड़, सतलेटवा मोड़, जमुआ मोड़, डुमरिया मोड़, कोल्हूआ मोड़, देवासी मोड़, लक्ष्मणझूला मोड़, तुर्की मोड़, सुग्गासार मोड़, बियाही मोड़ आदि जगहों पर आए दिन दुर्घटना होती है। इनमें से कई मोड़ काफी तीखे हैं, जहां सामने से आ रही वाहन सड़क किनारे झाड़ियों के कारण नहीं दिखते। इन झाड़ियों की भी कटाई- छंटाई करनी होगी।
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