Government Wheat Procurement Price Set at 2425 INR Farmers Reluctant to Sell खोदावंदपुर में 319 एमटी की जगह अबतक सिर्फ 5 क्विंटल गेहूं की खरीद, Begusarai Hindi News - Hindustan
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खोदावंदपुर में 319 एमटी की जगह अबतक सिर्फ 5 क्विंटल गेहूं की खरीद

खोदावंदपुर में किसानों से गेहूं की सरकारी खरीद 15 जून तक होगी, लेकिन अब तक केवल 5 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। सरकार ने 2025-26 के लिए समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, जो बाजार मूल्य...

Newswrap हिन्दुस्तान, बेगुसरायThu, 29 May 2025 08:16 PM
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खोदावंदपुर में 319 एमटी की जगह अबतक सिर्फ 5 क्विंटल गेहूं की खरीद

खोदावंदपुर, निज संवाददाता। सरकारी समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं की खरीद15 जून तक होगी। इस बीच प्रखंड के पैक्सों द्वारा गेहूं खरीद का कार्य ठप है। प्रखण्ड में कुल 319 मैट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य है। इनमें मात्र 5 क्विंटल गेहूं की खरीद अबतक की गई है। सरकार ने वर्ष 2025-26 में गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 2425 रुपया प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। यह बाजार मूल्य से काफी कम है। इसके कारण किसान पैक्सों में अपना गेहूं बेचने के प्रति बिल्कुल उदासीन हैं। पिछले वर्ष भी गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था।

वह बाजार मूल्य से काफी कम था। इसके कारण किसानों ने अपना गेहूं पैक्सों में नहीं बेचा था। पिछले वर्ष खोदावंदपुर में सरकारी समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीद का कार्य शून्य रहा। प्रखण्ड सहकारिता पदाधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि प्रखण्ड में मेघौल, खोदावंदपुर, फफौत, बरियारपुर पश्चिमी, बरियारपुर पूर्वी, बाड़ा, दौलतपुर एवं सागी पैक्सों के अलावे खोदावंदपुर व्यापार मंडल को गेहूं खरीदने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रजिस्टर्ड किसानों को अपना गेहूं पैक्सों में बेचने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना है। परन्तु किसान पैक्सों में गेहूं बेचने में उदासीनता बरत रहे हैं। एकमात्र बरियारपुर पूर्वी पैक्स के द्वारा ही अब तक 5 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। किसानों ने बताया कि खुले बाजार में गेहूं का मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल है। वहां गेहूं बेचने के लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करने की जरूरत भी नहीं होती। बाजारों में किसानों को उनके गेहूं का मूल्य तुरन्त मिल जाता है। वहीं गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य बाजार मूल्य से काफी कम निर्धारित किया गया है। यह किसानों के साथ अन्याय है।

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