इंतजार में बीते पांच साल, शुरू नहीं हुआ रोप-वे निर्माण
वर्ष 2018 में मुंडेश्वरी धाम में रोप-वे निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ। भक्तों का कहना है कि पांच साल बीत गए, लेकिन अब तक कोई प्रगति नहीं हुई। पर्यटन विभाग को रोप-वे निर्माण...

वर्ष 2018 में राष्ट्रीय वन्य प्राणी पर्षद ने दी थी निर्माण कराने की स्वीकृति भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण व केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग से एनओसी (पेज चार की फ्लायर खबर) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। भक्तों का पांच इंतजार में बीत गया, लेकिन अभी तक मुंडेश्वरी धाम में रोप-वे निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया जा सका। जबकि वर्ष 2024 के जनवरी माह से निर्माण कार्य शुरू कराने की बात पर्यटन विभाग के सचिव अभय सिंह ने कही थी। रोप-वे निर्माण के लिए 14 नवंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वन्य प्राणी पर्षद की बैठक दिल्ली में हुई थी, जिसमें राज्य व केंद्र के वन विभाग व पर्यटन विभाग के वरीय अधिकारी शामिल हुए थे। इसी बैठक में पर्षद ने रोप-निर्माण की स्वीकृति दी थी। बिहार राज्य वन्य प्राणी पर्षद की बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 3 नवंबर 2018 को हुई थी। तब वन विभाग के तत्कालीन मुख्य वन्य प्राणी प्रतिपालक भारत भूषण ने मुंडेश्वरी में रोप-वे निर्माण से वन्य जीवों को कोई खतरा नहीं होने और न ही पर्यावरण को नुकसान होने की बात कही थी। तब मुख्यमंत्री ने इसके निर्माण के प्रस्ताव को अनुशंसित कर प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय वन्य प्राणी पर्षद में इसपर निर्माण लेने के लिए भिजवाया था। मां मुंडेश्वरी के भक्तों शिवजी प्रसाद, बुचुन सिंह, रमेश प्रजापति ने बताया कि जब पंवरा पहाड़ी पर रोप-वे निर्माण की स्वीकृति मिली थी, तब उन्हें लगा था कि अब उनके परिवार के वृद्ध सदस्य भी माता रानी का दर्शन-पूजन कर सकेंगे। लेकिन, इस इंतजार में पांच साल बीत गए और रोप-वे निर्माण की दिशा में स्थल पर अभी तक कार्य शुरू नहीं किया जा सका। जबकि भारतीय पुरातत्व सर्वेंक्षण, केंद्रीय व राज्य वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनापत्ति पत्र दे दिया गया है। अब पर्यटन विभाग को चाहिए कि वह इस दिशा में पहल तेज करे, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके। 325 डी. जमीन में बनेगा रोप-वे रोप-वे निर्माण पर 1265 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। इसके निर्माण में वन विभाग की 325 डी. जमीन का उपयोग पर्यटन विभाग करेगा। यही जमीन मुंडेश्वरी मंदिर के पास स्थित पंवरा पहाड़ी के पास है। बताया गया है कि इस जमीन के एवज में जिला प्रशासन ने वन विभाग को भभुआ प्रखंड के दुमदुम मौजा में जिला निबंधन केंद्र के पास 33 डी. एवं भगवानपुर प्रखंड के टोड़ी मौजा में 292 डी. जमीन उपलब्ध करा दिया है। असमर्थ लोगों को मिलेगी सुविधा मुंडेश्वरी धाम में रोप-वे निर्माण हो जाने से माता का दर्शन करना श्रद्धालुओं के लिए आसान हो जाएगा। शरीर से असमर्थ व वृद्ध श्रद्धालुओं को सीढ़ी या सड़क मार्ग से दर्शन-पूजन करने जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके निर्माण होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। मुंडेश्वरी मंदिर में श्रद्धालुओं व दर्शनार्थियों की भीड़ बढ़ने से लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। कोट वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने पर्यटन विभाग को अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया है। अब पर्यटन विभाग को रोप-वे निर्माण की दिशा में पहल करनी है। वन विभाग की ओर से किसी तरह की दिक्कत नहीं है। चंचल प्रकाशम, डीएफओ, वन विभाग फोटो- 09 अप्रैल भभुआ- 4 कैप्शन- कैमूर जिले के भगवानपुर प्रखंड की पंवरा पहाड़ी के इसी स्थल से मुंडेश्वरी मंदिर में जाने के लिए रोप-वे का निर्माण होगा।
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