बारिश ने दी गर्मी से राहत, धान के बिचड़ा के लिए संजीवनी
कैरूर जिले में हाल ही में हुई बारिश ने किसानों के लिए राहत का काम किया है। सूखते धान और सब्जियों के पौधों को नई जिंदगी मिली है। किसान अब अपने संसाधनों से धान का बिचड़ा डाल रहे हैं। बारिश ने गर्मी से...

16 हजार हे. में किसान डालेंगे बिचड़ा, सूखते सब्जी के पौधों को लाभ शहर में जगह-जगह जलजमाव व कीचड़ से राहगीरों को हुई परेशानी (पेज चार) भभुआ, हिन्दुस्तान संवाददाता। आसमान में दो-तीन दिनों से उमड़-घुमड़ रहे बादल आखिरकार शुक्रवार को बरस ही पड़ा। कैमूर जिले में हुई झमाझम बारिश से मौसम सुहाना हो गया है। बारिश से एक तरफ जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं वर्षा के पानी ने खेतों में मुरझा रहे धान के बिचड़ा व सब्जी के पौधों के लिए संजीवनी का काम किया है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों के किसान अपने निजी संसाधनों से रोहिणी नक्षत्र में खेतों में धान का बिचड़ा डाले हैं।
कुछ किसान डीजल पंप, मोटर व समरसेबल के पानी से धान का बिचड़ा डाल रहे हैं। गर्मी के कारण धान के पौधे मुरझा रहे थे और उनका विकास भी धीमी गति से हो रहा था। लेकिन, शुक्रवार को हुई बारिश से पौधों की पत्तियों का रंग हरा हो जाएगा। खेतों में मुरझा रहे सब्जी के पौधों को भी वर्षा के पानी ने काफी लाभ पहुंचाया है। किसान संजय सिंह, हरिद्वार सिंह, अक्षयवर सिंह और राममूरत सिंह ने बताया कि हमलोग खेत में कद्दू, नेनुआ, करैला, बोदी, भिंडी, पालक, मूली आदि सब्जी की खेती किए हैं। तीखी धूप के कारण सब्जी के पौधे झुलस रहे थे। शुक्रवार की सुबह कुछ देर तक बारिश होने के कारण पौधे में जान आ गई है और पत्ते लहलहा रहे हैं। इधर, बारिश के कारण शहर के एकता चौक, कचहरी पथ में शहीद संजय सिंह महिला कॉलेज से सदर अस्पताल गेट तक, पुराना प्रखंड कार्यालय पथ व अन्य जगहों पर पानी जमा हो गया। हालांकि कुछ देर बाद पानी निकल गया। फोटो-06 भभुआ- 7 कैप्शन- भभुआ शहर के कचहरी पथ में सदर अस्पताल गेट के पास शुक्रवार को जमा वर्षा के पानी से होकर आते-जाते वाहन व राहगीर।
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