सोन उच्च स्तरीय नहर में अब तक नहीं छोड़ा गया पानी
किसान धान के बिचड़े डालने के लिए खेतों में पानी भरने के लिए निजी डीजल पंप, समरसेबल और मोटर पंप का उपयोग कर रहे हैं। रोहतास जिले में सोन नहर में पानी नहीं छोड़ा गया है, और बारिश भी नहीं हो रही है। किसान...

किसान निजी डीजल पंप, समरसेबल व मोटर पंप से खेत में भर रहे हैं पानी मझिगावां, झलखोरा, बड़कागांव, सोनरा, अल्लीपुर, करौंदा, कर्मा वितरणी सूखी (बोले भभुआ) रामपुर, एक संवाददाता। रोहतास जिले के इंद्रपुरी बराज से अभी तक सोन उच्च स्तरीय नहर में पानी नहीं छोड़ा गया। बारिश भी नहीं हो रही है। जबकि रविवार से ही रोहिणी नक्षत्र शुरू हो गया है। इस नक्षत्र में किसान धान का बिचड़ा डालते हैं। लेकिन, पानी के अभाव में वही किसान बिचड़ा डालने के लिए खेतों में पानी भर रहे हैं, जिनके पास निजी डीजल पंप, समरसेबल व मोटर पंप की सुविधा है। कुछ किसान भाड़े के डीजल पंप से भी खेत में पानी जमा कर रहे हैं।
कृषि विभाग के एटीएम अमन कुमार सिंह ने बताया कि रामपुर में 8281.700 हेक्टेयर में धान की खेती होगी। बिचड़ा डालने के लिए 60 प्रतिशत बीज किसानों को दिया जाएगा। गम्हरियां के विनोद सिंह, करिगाईं के प्रमोद कुशवाहा, अकोढ़ी के त्रिवेणी दुबे ने बताया कि हमलोग रोहिणी नक्षत्र के शुरुआती दौर में ही डीजल पंप चलाकर धान का बिचड़ा डालने के लिए खेत में पानी भर रहे हैं। सोंचा था कि नहर में समय से पानी आ जाएगा या झमाझम बारिश हो जाएगी, तो धान का बिचड़ा डालने के लिए डीजल पंप नहीं चलाना पड़ेगा। लेकिन, नहर में पानी नहीं आया। खेत में पानी भर रहे हैं। खर-पतवार खेत में ही सड़ा-गलाकर जुताई कर बिचड़ा डाल देंगे। किसान अयोध्या पांडेय, रामबली सिंह व कन्हैया तिवारी ने बताया कि धान का बिचड़ा डालने के लिए हमलोग नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे है। हमलोगों के पास खेतों में पानी भरने का कोई साधन नहीं है। किसानों ने बताया कि भाड़ा के डीजल पंप एवं मोटर पंप से खेत में पानी भरने पर अतिरिक्त खर्च बैठेगा। क्योंकि खेत में चौड़ी दरारें उभरी हैं। उसे भरने के लिए काफी देर तक डीजल पंप या मोटर चलाना पड़ोगा। कुछ दिन नहर में पानी आने व बारिश होने का इंतजार करेंगे। अन्यथा, भाड़े के डीजल पंप या मोटर से खेत में पानी भरकर बिचड़ा डालेंगे। सूखी पड़ी हैं रामपुर की सभी सात वितरणियां व सोन नहर रामपुर प्रखंड की सभी सात वितरणियां व नहर सूखी पड़ी है। सोन उच्च स्तरीय नहर, दुर्गावती जलाशय परियोजना के अलावा मझिगावां, झलखोरा, बड़कागांव, सोनरा, अल्लीपुर, करौंदा, कर्मा वितरणी तथा आहर, पइन, बाहा से यहां के किसान फसल की सिंचाई करते हैं। लेकिन, सोमवार को उक्त सभी जलस्रोत सूखे पड़े थे। ऐसे में चिंतित किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हैं। किसान प्रदीप मौर्य व राजधार सिंह कहते हैं कि मौसम विभाग ने संभावना जताई थी कि इस वर्ष मानसून पहले आएगा। लेकिन, अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई। कभी बूंदाबांदी तो कभी रिमझिम बारिश हुई। खेत की मिट्टी सूखी पड़ी है। दरारें दिख रही हैं। जबतक मूसलाधार बारिश नहीं होगी, खेत की दरार नहीं भरेगी। हालांकि कुछ किसान खेतों में पानी भरकर जुताई कर रहे हैं। खेत तैयार हो जाने पर धान का बिचड़ा डालेंगे। फोटो- 26 मई भभुआ- 1 कैप्शन- रामपुर प्रखंड के बेलांव में सोमवार को सूखी पड़ी सोन उच्च स्तरीय नहर।
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