Schoolchildren in Rampur Struggle with Homework Due to Lack of Textbooks रामपुर के 2882 बच्चों को नहीं मिलीं किताबें, कैसे करें पढ़ाई, Bhabua Hindi News - Hindustan
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रामपुर के 2882 बच्चों को नहीं मिलीं किताबें, कैसे करें पढ़ाई

रामपुर के प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में 2882 बच्चों को पाठ्य पुस्तकें नहीं मिली हैं, जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। 12242 नामांकित बच्चों में से केवल 9360 को ही किताबें मिली हैं। बिना किताबों...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआFri, 16 May 2025 09:47 PM
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रामपुर के 2882 बच्चों को नहीं मिलीं किताबें, कैसे करें पढ़ाई

गृह कार्य पूरा करने में हो रही है परेशानी, दूसरे के किताब से पढ़ रहे बच्चे रामपुर के विद्यालयों में नामांकित 12242 में से 9360 बच्चों को दी किताबें (बोले भभुआ) रामपुर, एक संवाददाता। प्रखंड के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में पढ़नेवाले 2882 बच्चों को पाठ्य पुस्तकें नहीं मिल सकी हैं। इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे बच्चे विद्यालयों से मिले गृह कार्य को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। वह विद्यालय में दूसरे बच्चों की किताब से पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। कोई वैसी कक्षा नहीं है, जिसमें नामांकित सभी बच्चों को किताबें मिली हो। शिक्षा विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, रामपुर प्रखंड के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में 12242 बच्चे नामांकित हैं।

लेकिन, 9360 बच्चों को देने के लिए ही किताबें मिल सकी हैं। यानी 2882 बच्चे विद्यालयों में बिना पाठ्य-पुस्तक के पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के डाटा ऑपरेटर अनिश कुमार ने बताया है कि पहली कक्षा में 977 बच्चों के लिए 825 सेट किताबें, दूसरी कक्षा में 1386 बच्चों के लिए 1126 सेट किताबें, कक्षा तीन में 1602 बच्चों के लिए 1188 सेट किताब, कक्षा चार के 1417 बच्चों के लिए1602 सेट किताबें, कक्षा पांच के 1902 बच्चों के लिए 1373 सेट किताबें, कक्षा छह के 1624 बच्चों के लिए 1225 सेट किताबें, कक्षा सात के 1634 बच्चों के लिए 1127 सेट किताबें और कक्षा आठ में नामांकित 1515 बच्चों के लिए 1075 सेट किताबें आई थीं, जिसका वितरण छात्र-छात्राओं में कर दिया गया है। इधर, अभिभावकों गंगापुर के शंकर राम व रामायण राम ने कहा कि जब बच्चों को सरकार से किताब ही नहीं मिल सकी तो उनका कोर्स कैसे पूरा होगा। केवल विद्यालय में पढ़ाई करने से बच्चे आगे कैसे बढ़ेंगे। शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी में कहा जाता है कि बच्चों की निगरानी करें और उनके होमवर्क पूरा कराने में मदद करें। जब किताब ही नहीं मिल सकी तो वह घर पर गृहकार्य कैसे पूरा करेंगे। कोर्स अधूरा रहेगा तो परीक्षा में अच्छे अंक भी नहीं मिल सकेंगे। एक शिक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बच्चों को किताब नहीं मिलने से विद्यालय में उन्हें पढ़ाने में दिक्कत हो रही है। फोटो- 16 मई भभुआ- 2 कैप्शन- रामपुर प्रखंड के गम्हरिया मध्य विद्यालय में शुक्रवार को बच्चों को पढ़ाते शिक्षक।

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