पायलट प्रोजेक्ट वाले स्कूलों के हेड मास्टरों से हटा एमडीएम का प्रभार
पायलट प्रोजेक्ट वाले स्कूलों के हेड मास्टरों से हटा एमडीएम का प्रभाव पायलट प्रोजेक्ट वाले स्कूलों के हेड मास्टरों से हटा एमडीएम का प्रभाव पायलट प्रोजे

कटिहार, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले के पायलट प्रोजेक्ट वाले प्राथमिक स्कूलों के हेडमास्टरों से मध्याह्न भोजन (एमडीएम) का प्रभार हटा लिया गया है। अब इन स्कूलों में एमडीएम का संचालन प्रधानाध्यापकों की जगह नामित प्रभारी शिक्षकों द्वारा किया जाएगा। एमडीएम के डीपीओ रविन्द्र कुमार प्रकाश ने बताया कि जिले में इस प्रोजेक्ट के तहत हसनगंज प्रखंड के 51 स्कूल को पहले चरण में शामिल किया गया है। इतना ही नहीं बैंक में भी अब इन्हीं प्रभारी शिक्षकों के हस्ताक्षर मान्य होंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के निर्देश पर यह बदलाव किया गया है। प्रत्येक जिले के एक-एक प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह नई व्यवस्था लागू की गई है, जिसके लिए गुरुवार को सभी संबंधित शिक्षकों को प्रभार सौंपा गया है।
इसके तहत, प्रखंड संसाधन केंद्रों में विशेष कैंप लगाए गए, जहां प्रधानाध्यापकों के स्थान पर प्रभारी शिक्षकों के हस्ताक्षर बैंक खातों में दर्ज किए गए। नामित प्रभारी को समय से एक घंटा पहले आना होगा स्कूल: उन्होंने बताया कि अब मध्याह्न भोजन के प्रभारी शिक्षक स्कूल शुरू होने के एक घंटे बाद बच्चों की उपस्थिति का फोटो लेंगे और उसी के आधार पर भोजन पकाने के लिए सामग्री की व्यवस्था करेंगे। इसके बाद भोजन वितरण का अनुश्रवण करेंगे और प्रतिदिन लाभान्वित बच्चों का फोटो रिकॉर्ड करेंगे। साथ ही, वे पोषाहार से संबंधित सभी पंजी और लेखा का भी संधारण करेंगे। इसके अलावा, एमडीएम प्रभारी शिक्षक प्रतिदिन ई-शिक्षा कोष एप पर रिपोर्ट अपलोड करेंगे। विद्यालय शिक्षा समिति वाले स्कूलों में बैंक खाता संचालन प्रभारी शिक्षक के हाथ में रहेगा। जहां समिति नहीं है, वहां एक अन्य शिक्षक के साथ मिलकर खाता संचालित किया जाएगा। 6-8 के बच्चों को मिलेंगे प्रोजेक्ट बेस्ड हैंडबुक: कटिहार। जिले के सरकारी स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों को अब विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान के प्रोजेक्ट बेस्ड हैंडबुक मिलेंगे। इन हैंडबुक से छात्रों की पढ़ाई आसान होगी और विषयों की गहरी समझ विकसित हो सकेगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि एनसीईआरटी की तर्ज पर इन हैंडबुक का निर्माण किया जाएगा, जिसमें छात्रों को प्रायोगिक और प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही, शिक्षकों के प्रशिक्षण, सहयोगी संरचनाओं के सशक्तीकरण और जिला व प्रखंड स्तर पर अनुश्रवण की भी योजना बनाई गई है। बैठक में विगत वर्ष की उपलब्धियों की समीक्षा के साथ आगामी कार्ययोजनाओं पर चर्चा हुई। विज्ञान और गणित मेले का आयोजन भी इस योजना का हिस्सा है, जो छात्रों में विज्ञान और गणित के प्रति रुचि बढ़ाने में मदद करेगा।
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