Struggles of Forest Dwellers Poor Road Conditions Affect Access to Healthcare in Bihar अधौरा के कई गांवों में अब तक नहीं बनी पक्की सड़क, Bhabua Hindi News - Hindustan
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अधौरा के कई गांवों में अब तक नहीं बनी पक्की सड़क

देश की आजादी के बाद भी कई गांवों में वनवासियों को पक्की सड़क नहीं मिली है। बरसात के दौरान, गीली मोरम मिट्टी की सड़कें यात्रा को कठिन बना देती हैं। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कत होती है। स्थानीय...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआSun, 8 June 2025 08:18 PM
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अधौरा के कई गांवों में अब तक नहीं बनी पक्की सड़क

देश की आजादी के बाद भी आवागमन की समस्या से जूझ रहे वनवासी बरसात में मरीजों को अस्पताल तक ले जाने में झेलनी पड़ती है दिक्कत (बोले भभुआ) अधौरा, एक संवाददाता। देश की आजादी के बाद प्रखंड में कई ऐसे गांव हैं, जहां निवास करनेवाले वनवासियों को पक्की सड़क नसीब नहीं हुई। इस कारण उन्हें आवागमन में परेशानी झेलनी पड़ती है। उनकी यह परेशानी बरसात के दिनों में तब और बढ़ जाती है, जब मोरम मिट्टी गिली हो जाती है। वाहनों के टायर फंस जाते हैं। पैदल आने-जानेवाले लोग फिसलकर गिर जाते हैं। चोटिल हो जाते हैं। बाजार व मुख्यालय जाने, मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में ज्यादा परेशानी होती है।

भूईफोर के शिवकुमार व बहादाग के रामचन्द्र सिंह बताते हैं कि अधौरा प्रखंड के भूईफोर, श्रवणदाग, बनोदाग, ओखरगाड़ा, डुमरावां, गोइयां, पिपरा, बड़ाप, कदहर, टोड़ी आदि ऐसे गांव हैं, जहां के लोगों को आने-जाने के लिए मोरम मिट्टी की सड़क बनी है। सड़क तो चौड़ी है, पर जब मूसलाधार बारिश होती है, तब मिट्टी पानी की धार में बहने लगती है। किसी-किसी जगह तो पानी की धार इतनी तेज होती है कि सड़क से राह तय करने में खतरे की आशंका बनी रहती है। डुमरावां के भोरिक यादव ने बताया कि पक्की सड़क निर्माण कराने के लिए कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधि से गुहार लगाई गई। लेकिन, अब तक पक्की सड़क नहीं बन सकी। जब इस बारे में पूछते हैं, तो कहा जाता है कि उक्त गांवों को जोड़नेवाली मोरम मिट्टी की सड़क वन विभाग के सेंच्यूरी इलाका में आता है। ऐसे में सरकार बिना एनओसी प्राप्त किए इस क्षेत्र में कोई निर्माण कार्य नहीं करा सकती। जबकि मोरम मिट्टी की सड़क भी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाती है। जंगली पथ खराब रहने से रात में आने-जाने में जानवरों द्वारा हमला कर दिए जाने डर बना रहता है। पक्की सड़क बन जाने से वनवासियों को यह होगा लाभ कदहर के तेजु सिंह व बड़ाप के सुदामा खरवार ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री ग्राम सड़क निर्माण योजना से हर गांव व टोलों में पक्की सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन, अधौरा के दर्जनों गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने का काम नहीं किया जा रहा है। वन विभाग से एनओसी लेने का मामला सरकार स्तर का है। सरकार को चाहिए कि जिस तरह मुंडेश्वरी में रोप-वे निर्माण के लिए वन विभाग से एनओसी लिया गया, उसी तरह जंगल व पहाड़ से घिरे इस नक्सल प्रभावित अधौरा प्रखंड में पक्की सड़क निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करें। बरसात में जब किसी गर्भवती महिला या गंभीर बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाना होता है तब परेशानी इतनी ज्यादा होती है कि ऐसे गांवों से दूर रहनेवाले लोग कल्पना नहीं कर पाएंगे। प्रखंड क्षेत्र में मोरम मिट्टी की जगह पक्की सड़क का निर्माण कराना जरूरी है। फोटो- 08 जून भभुआ- 6 (रिवाइज) कैप्शन- अधौरा प्रखंड के ओखरगाड़ा से बड़गांव खुर्द जानेवाली मोरम मिट्टी की धंसी सड़क।

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