अतिथि शिक्षकों के 65 साल में रिटायर होने की अनुशंसा
भागलपुर में अतिथि शिक्षकों की रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने की मांग पूरी होती दिख रही है। 8 अप्रैल को हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन अतिथि शिक्षकों की अर्हता स्थायी शिक्षकों के समान है, उन्हें 65...

भागलपुर, वरीय संवाददाता लंबे समय से विश्वविद्यालयों में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों की रिटायरमेंट अवधि 65 साल किए जाने की मांग अब फलीभूत होता दिख रहा है। बीते आठ अप्रैल को बिहार विधान परिषद के उप सभापति प्रो. रामवचन राय की अध्यक्षता में उनके चेंबर में हुई बैठक में लिए गये निर्णय की अनुशंसा हो गई। इस बैठक में अतिथि शिक्षकों को 65 साल में रिटायर करने का निर्णय लिया गया था। शिक्षा समिति की बैठक के निर्णय से अवगत कराते हुए बिहार विधान परिषद के उपसचिव शंकर प्रसाद ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए कहा है कि राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अंगीभूत महाविद्यालयों में विश्वविद्यालय चयन समिति की अनुशंसा पर नियुक्त वैसे अतिथि शिक्षक जिनकी अर्हता स्थायी शिक्षक के समतुल्य है तथा उनकी नियुक्ति राज्य सरकार के आरक्षण नियम के अनुरूप है फिर भी पांच-छह वर्षों से नियमित सेवा के बावजूद उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है।
ऐसे शिक्षकों को सेवा में फिर से लेते हुए उनकी उम्र सीमा भी स्थायी शिक्षकों की भांति 65 वर्ष करने हेतु समिति अनुशंसा करती है।
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