अररिया: जयंती पर याद किये गए कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर
फारबिसगंज में इंद्रधनुष साहित्य परिषद ने साहित्यकार कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर की जयंती मनाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता बाल साहित्यकार हेमंत यादव ने की। उपस्थित साहित्यकारों ने प्रभाकर की तस्वीर पर...

फारबिसगंज, एक संवाददाता। इंद्रधनुष साहित्य परिषद द्वारा गुरुवार को स्थानीय प्रोफेसर कॉलोनी स्थित स्थित पीडब्ल्यूडी परिसर में साहित्यकार कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई।इस मौके पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता बाल साहित्यकार हेमंत यादव एवं संचालन मनीष राज ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों के द्वारा प्रभाकर की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पण किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व सैनिक सुनील कुमार झा के स्वागत गान और भक्ति गीत से हुआ। उसके बाद वक्ताओं ने कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। इस अवसर पर हरिशंकर झा, सुरेंद्र प्रसाद मंडल, अरविंद ठाकुर,दिवाकर कुमार,विनोद कुमार तिवारी और सभाध्यक्ष हेमंत यादव ने कहा कि प्रभाकर हिंदी के कथाकार,निबंधकार, पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी थे।
उनका जन्म 29 मई 1906 को यूपी के देवबंद,सहारनपुर में हुआ था। उनके लेखन और विशेष कर पत्रों के पढ़ने से जीवन के प्रति उनकी सोच स्पष्ट झलकती है। उनके पत्र विश्वास और प्रयास के दृश्य उपस्थित करते हैं। उसमें निहित संदेश किसी को भी प्रेरित करने में सहायक हैं। अपने एक निबंध मृत्यु चिंतन में प्रभाकर जी ने कहा है कि मृत्यु ने फिर एक झटका दिया है और छूमंतर हो गई है। कितनी शैतान है,जानता हूं अंतिम जीत उसी की होगी और अंतत: 9 मई 1995 को वे पंचतत्व में विलीन हो गए। इस अवसर पर निशा पाठक, नागेंद्र शुक्ला, हरिनंदन मेहता, सुनील दास के द्वारा कविता और गीत प्रस्तुत किया गया। मौके पर शिवनारायण चौधरी, रामजी मिश्रा,परितोष कुमार,आलोक दुगड़,पूनम पांडिया, पलकधारी मंडल,लक्ष्मीकांत,मंगल मंडल,अशोक कुमार,शिवराम साह,जयकांत मंडल आदि साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।
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