Challenges Faced by Transporters in Bhagalpur Demand for Transport Nagar बोले भागलपुर: भागलपुर में शहर के बाहर ट्रांसपोर्ट नगर बनाए सरकार, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले भागलपुर: भागलपुर में शहर के बाहर ट्रांसपोर्ट नगर बनाए सरकार

भागलपुर के ट्रांसपोर्टरों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे ट्रैफिक जाम और उच्च टोल टैक्स। भागलपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि शहर के बाहर ट्रांसपोर्ट नगर...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरTue, 20 May 2025 06:59 PM
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बोले भागलपुर: भागलपुर में शहर के बाहर ट्रांसपोर्ट नगर बनाए सरकार

बिहार के मुख्य शहरों में भागलपुर शामिल है। यहां के सिल्क का कारोबार देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। बाजार बड़ा होने के चलते दूसरे राज्यों से सामान भी बड़े पैमाने पर भागलपुर आता है। यही कारण है कि यहां ट्रांसपोर्टर का भी बड़ा कारोबार है। शहर में दो तरह के ट्रांसपोर्टर काम करते हैं। एक है भागलपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन। इस संगठन से जुड़े ट्रांसपोर्टर बिहार के बाहर के शहरों से सामान लाते हैं और भेजते हैं। महीने में करोड़ों का कारोबार होता है। मुलभूत सुविधाएं नहीं होने से ट्रांसपोर्टरों में नाराजगी है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि शहरी क्षेत्र में वाहनों का लोड बढ़ने से उनका कारोबार प्रभावित होता है। अगर शहर से बाहर सभी तरह के ट्रांसपोर्टरों के लिए सरकार ट्रांसपोर्ट नगर बना दे तो राहत मिलेगी।

शहरी क्षेत्र में भागलपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े करीब 20 ट्रांसपोर्टर हैं, जो बिहार के बाहर के शहरों से सामान की ढुलाई करते हैं। बिहार के अंदर विभिन्न शहरों से सामान की ढुलाई करने वाले भी 30 से अधिक ट्रांसपोर्टर हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी छोटे-बड़े ट्रांसपोर्टर काम कर रहे हैं। भागलपुर जिले में ट्रांसपोर्टर का बड़ा कारोबार है। ट्रांसपोर्टर से हजारों मजदूर जुड़े हैं। उन्हें रोजागर भी मिल रहा है। बिहार के बाहर के शहरों से सामान लाने वाले ट्रांसपोर्टर सामान तो मंगाते हैं, लेकिन भागलपुर में उद्योग नहीं रहने के चलते सामान भेजने का काम कम मिलता है। इसका असर भी कारोबार पर पड़ रहा है। शहरी क्षेत्र में नो इंट्री के चलते ट्रांसपोर्टरों को सामान मंगाने पर अधिक खर्च पड़ रहा है। इसका भार अंतत: आम लोगों पर भी पड़ा रहा है। भागलपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि शहर के बाहर ट्रांसपोर्ट नगर बना दिया जाए तो अधिकांश समस्याओं का समाधान हो जाएगा। ट्रांसपोर्टर का खर्च कम होगा और अधिक लोगों को रोजगार भी मिलेगा। शहर में लोगों को जाम से भी राहत मिलेगी। ट्रांसपोर्टरों की शिकायत है कि बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बनाया जा रहा है।

भागलपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव की जिम्मेदारी निभा रहे मदन चौधरी ने बताया कि भागलपुर जिले में ट्रांसपोर्टरों की संख्या अच्छी है। पटना और मुजफ्फरपुर के बाद भागलपुर में ही बिहार के बाहर के शहरों से अधिक सामान आता है। संगठन बिहार गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से संबद्ध है। देश के किसी शहर से सभी प्रकार का सामान भागलपुर लाया जाता है। भागलपुर और आसपास के जिलों में बड़ा उद्योग नहीं होने से भागलपुर से दूसरे शहरों में सामान कम जाता है। दूसरे शहरों से आने वाले ट्रक यहां के परिवहन एजेंट से संपर्क कर भागलपुर के आसपास के शहरों से बांस, केला, मक्का, चावल आदि के लिए ट्रक बुक करते हैं। भागलपुर सिल्क कारोबार के लिए जाना जाता है। ट्रांसपोर्ट से सिल्क दिल्ली, मुम्बई आदि शहरों में भेजा जाता है। अगर बिहार में बड़े-बड़े उद्योग लगें तो ट्रांसपोर्ट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। ट्रांसपोर्टरों को दूसरे शहरों में सामान भेजने का मौका मिल पाएगा। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी ट्रैफिक की समस्या है। नो इंट्री के बाद गाड़ियां शहर में प्रवेश नहीं करती हैं। शहर के बाहर गाड़ियों को दिनभर इंतजार करना पड़ता है। नो इंट्री के बाद गाड़ी गोदाम पहुंचती है। सामान दूसरे दिन गाड़ियों से उतारा जाता है। इसके चलते दूसरे दिन भी रात में ही गाड़ी शहर से बाहर निकल पाती है। दो दिन गाड़ियों को खड़ा रहना पड़ता है। इससे किराया अधिक लगता है। भागलपुर शहर से बाहर ट्रांसपोर्ट नगर बनाना बहुत जरूरी हो गया है। इसके लिए कई बार जिला प्रशासन को एसोसिएशन की तरफ से ज्ञापन दिया गया। लेकिन अभी तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। ट्रांसपोर्ट नगर में ही ट्रांसपोर्टरों को जगह उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। 10 साल से इसकी मांग की जाती है। शहरी क्षेत्र में जाम के चलते ट्रांसपोर्टरों की परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि कपड़ा सूरत से सबसे अधिक आता है। दक्षिण भारत के शहरों से मसाला, मशीनरी पार्ट्स पंजाब से और रेडीमेड कपड़े लुधियाना, दिल्ली और कोलकाता से अधिक आता है।

भागलपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के सदस्य महेन्द्र सिंह ने बताया कि ट्रैफिक जाम के चलते शहर में ट्रांसपोर्टरों को काम करने में काफी मुश्किल हो रहा है। नो इंट्री में गाड़ियों को भागलपुर की सीमा पर आने के बाद भी 24 घंटे से अधिक समय तक शहर से बाहर निकलने का इंतजार करना पड़ता है। ट्रांसपोर्टरों का गोदाम शहरी क्षेत्र में है। ट्रक से सामान रात में अनलोडिंग नहीं हो पाता है। अनलोडिंग नहीं होने के सुरक्षा सहित कई कारण हैं। रात में मजदूर नहीं मिलते हैं। इसके अलावा गोदाम में रात में सामान उतारने के दौरान आपस में हो-हल्ला भी होता है। जिसका मोहल्ले के लोग विरोध करते हैं। इसके चलते दिन में ही ट्रक से सामान की अनलोडिंग हो पाती है। प्रशासन शहर से बाहर ट्रांसपोर्ट नगर बनाकर लीज पर जमीन ट्रांसपोर्टरों को उपलब्ध कराए। इससे लोगों को रोजगार भी अधिक मिलेगा। शहरी क्षेत्र में भी सड़क पर डिवाइर लगाने से जाम से कुछ राहत मिल सकती है। गुड्स ट्रांसपोर्टर दया शंकर मिश्रा ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों को सामान मंगाने में काफी टोल टैक्स चुकाना पड़ता है। इससे आर्थिक नुकसान के साथ टोल टैक्स की प्रक्रिया में काफी समय की बर्बादी होती है। इसकी प्रक्रिया सरल बनानी चाहिए।

जिले में 50 से अधिक ट्रांसपोर्ट कंपनी

भागलपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सह महासचिव मदन चौधरी ने बताया कि भागलपुर जिले में कुल पचास से अधिक ट्रांसपोर्ट कंपनी का काम चलता है। जिनके माध्यम से बिहार के अलावा देश के विभिन्न शहरों से सामान आता है। दूसरे शहरों से सामान मंगाने में पटना और मुजफ्फरपुर के बाद भागलपुर का स्थान है। समस्याओं के समाधान के लिए भागलपुर से बाहर ट्रांसपोर्ट नगर बनना चाहिए। इससे शहर में ट्रांसपोर्ट के वाहनों को प्रवेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जाम में फंसने से होने वाले नुकसान से भी राहत मिलेगी। ट्रांसपोर्टिंग से भागलपुर में करीब पांच हजार लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है। जिससे उनके परिवार का भरण-पोषण हो रहा है। कारोबार में सबसे बड़ी समस्या यातायात से जुड़ी है। शहर में माल लाने और ले जाने के दौरान कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। प्रशासन को ट्रांसपोर्टरों की सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित करनी चाहिए।

ट्रांसपोर्ट से जुड़े कारोबारियों का हो प्रशिक्षण कार्यक्रम

गुड्स ट्रांसपोर्टर जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि भागलपुर प्रशासन और सरकार को ट्रांसपोर्टरों के लिए जिले में ऐसी जगह उपलब्ध कराई जानी चाहिए, जहां व्यापारियों और आम लोगों को गाड़ी लाने ले जाने में किसी तरह की असुविधा नहीं हो। इससे ट्रांसपोर्टरों के साथ आम लोगों और व्यवसायियों को भी काफी सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। सरकार यह सुनिश्चित करे कि ट्रांसपोर्ट और इस कारोबार से जुड़े लोगों को कोई परेशानी नहीं हो। शहर से बाहर इसकी व्यवस्था होनी चाहिए। कारोबार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय प्रशासन और सरकार द्वारा कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए। जिसमें मुख्य रूप से ट्रांसपोर्टरों के लिए सम्मेलन, सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम से ट्रांसपोर्टरों को अपने व्यवसाय के बारे में ज्ञान और कौशल प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सरकार अगर इन सुझावों पर ध्यान दे तो ट्रांसपोर्टरों को लाभ होगा।

सुविधा मिले तो अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव

गुड्स ट्रांसपोर्टर महेंद्र कुमार ने बताया कि कारोबार को बढ़ाने और विकसित करने के लिए उन लोगों को सरकार से मदद मिलनी चाहिए। प्रशासन की पहल पर जाम से होने वाली समस्याओं से राहत मिल सकती है। ट्रांसपोर्टरों को सुविधा मिलने और कारोबार बेहतर होने से अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। कारोबार और सुविधाओं के बढ़ने का लाभ आम लोगों और व्यापारियों को भी मिलेगा। ट्रांसपोर्टिंग में अधिक खर्च होने पर इसकी भरपाई व्यापारियों एवं आम लोगों से अधिक शुल्क लेकर की जाती है। सुरक्षा के अभाव में रात के समय में ट्रांसपोर्टरों का काम नहीं हो पाता है। अगर पर्याप्त सुरक्षा और सुविधा की व्यवस्था सुनिश्चित हो तो रात में भी काम कराया जा सकता है। जिससे समय की बचत होने के साथ खर्च भी कम होगा। ट्रांसपोटरों को लागत और समय कम लगने पर व्यापारी आसानी से अपने माल मंगाने या भेजने का काम कर सकते हैं।

टोल टैक्स में छूट और प्रक्रिया सरल हो

गुड्स ट्रांसपोर्टर दया शंकर मिश्रा ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों को सामान मंगाने में भारी भरकम टोल टैक्स चुकाना पड़ता है। आर्थिक नुकसान के साथ उनलोगों को टोल टैक्स की प्रक्रिया में काफी समय की बर्बादी होती है। ट्रांसपोर्टरों को टोल टैक्स में छूट के साथ प्रक्रिया को सरल बनाने की जरूरत है। ट्रांसपोर्ट सेक्टर में काम करने वाले मजदूरों और कर्मियों को काम के दौरान जान का खतरा भी बना रहता है। सरकार को ऐसे मजदूर और उनके परिवार को ग्रुप इंश्योरेंस की व्यवस्था करनी चाहिए। ऐसा करने से विशेष परिस्थिति में ट्रांसपोर्ट कर्मियों के परिवारजनों को तत्काल राहत मिल सकेगी। कई लोग बेरोजगारी के बावजूद असुरक्षा की भावना से ग्रसित होकर इस क्षेत्र में जुड़कर काम करने से बचते हैं। कई जगहों पर सड़कों की चौड़ाई कम होने के कारण भी जाम की स्थिति बन जाती है।

इनकी भी सुनिए

जिले के विभिन्न बाजारों में सामान भेजने के दौरान आपराधिक तत्वों की नजर बनी रहती है। पिछले कुछ दिनों में कई घटनाएं घट चुकी हैं। व्यापारियों और वाहनों चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। ताकि ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोग सुरक्षित होकर काम कर सकें।

-राजीव कुमार सिंह

बिहार में उद्योग लगने से न सिर्फ व्यवसायियों को लाभ होगा, बल्कि इससे बिहार के लोगों को रोजगार मिलने के साथ ट्रांसपोर्ट कंपनियों और इससे जुड़े लोगों को भी लाभ होगा। उद्योग लगने से बिहार का सामान दूसरे राज्यों में भेजने का मौका ट्रांसपोर्टरों को मिलेगा।

-उमेश ओझा

भागलपुर में कपड़ा, किराना मसाला सामग्री, हार्डवेयर, मशीनरी और रेडीमेड समेत कई तरह के सामान देश के अलग-अलग हिस्से से आते हैं। यातायात की व्यवस्था सुचारू नहीं होने के कारण वाहन को आने में काफी परेशानी होती है। घंटों जाम में फंसने से समय की बर्बादी होती है।

-कन्हैया अग्रवाल

ट्रांसपोर्ट सेक्टर से जुड़े मजदूरों के लिए ग्रुप इंश्योरेंस कराने की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे काम के दौरान अगर कोई अनहोनी या दुर्घटना हो जाए तो उनके परिजनों को आर्थिक मदद मिल सके। आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होने से मजदूर भयमुक्त होकर काम कर सकेंगे।

-बीरबल पांडेय

भागलपुर में काफी संख्या में छोटी-बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनियां काम कर रही हैं। जिनके माध्यम से बिहार और दूसरे राज्यों से हर तरह का सामान आता है। भागलपुर में ट्रांसपोर्टरों का बड़ा कारोबार है। सरकार और जिला प्रशासन अगर सुविधा मुहैया कराए तो राजस्व में भी वृद्धि होगी।

-राम चन्द्र राय

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से भागलपुर में सीधे तौर पर करीब पांच हजार लोगों को रोजगार मिलता है। इसके लिए सरकार को भागलपुर में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की जरूरत है। जिससे ट्रांसपोर्ट कंपनियों और इससे जुड़े कारोबारियों, मजदूरों और व्यापारियों को जरूरी सुविधाएं मिल पाएगी।

-दिलीप जायसवाल

भागलपुर शहर के बाहर ट्रांसपोर्ट नगर की व्यवस्था होने से व्यवसायियों को काम करने में सहूलियत होगी। इससे भागलपुर के विकास को भी बल मिलेगा। व्यवसायियों का जरूरी सामान समय पर पहुंच पाएगा। ट्रांसपोर्ट की गाड़ियों को शहर में प्रवेश करने की जरूरत नहीं होगी।

-मनोज सिंह

सरकार को भागलपुर शहर से बाहर ट्रांसपोर्टरों के लिए ट्रांसपोर्ट नगर की सुविधा उपलब्ध कराना चाहिए। इससे ट्रांसपोर्टर के अलावा अन्य लोगों को लाभ मिलेगा। शहरी क्षेत्र में वाहनों का लोड कम होगा। लोगों को जाम से राहत मिलेगी।

-ब्रजेश कुमार

प्रशासन और सरकार अगर चाहे तो ट्रांसपोर्टरों के कारोबार को और भी बेहतर एवं सुविधाजनक बना सकता है। इससे व्यवसाय को बढ़ाने और विकसित करने में मदद मिलेगी। सरकार को ट्रांसपोर्टिंग के क्षेत्र में बेहतर सुविधा उपलब्ध कराना चाहिए। ताकि इससे जुड़े लोगों को लाभ मिल सके।

-रणविजय कुमार

भागलपुर में ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में कारोबार को बढ़ावा देने के लिए सरकार को समय-समय पर कई तरह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराना चाहिए। जिससे ट्रांसपोर्टर इस कारोबार से जुड़ी सही जानकारी और कौशल प्राप्त कर सकें।

-राजीव साह

जगह-जगह टोल टैक्स के कारण ट्रांसपोर्टरों के वाहनों को आर्थिक रूप से नुकसान होने के कारण समय की बर्बादी होती है। ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे टोल टैक्स में कुछ राहत मिल सके। इस प्रक्रिया को और सरल बनाने की जरूरत है। जिससे वाहन समय पर सामान लेकर अपने गंतव्य तक पहुंच सके।

-बबलू कुमार

ट्रांसपोर्टरों को सुविधा मिलने से व्यवसाय बेहतर होगा और इससे राजस्व की प्राप्ति में बढ़ोतरी होगी। अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे ट्रांसपोर्टर के साथ आम लोगों और व्यापारियों को भी लाभ होगा। प्रशासन को ट्रांसपोर्टरों और मजदूरों की सुरक्षा की गांरंटी सुनिश्चित करना चाहिए।

-धनंजय

शिकायतें

1.ट्रांसपोर्टरों के वाहनों को भारी भरकम टोल टैक्स चुकाना पड़ता है, जिसके कारण आर्थिक नुकसान के साथ समय की भी बर्बादी होती है।

2. ट्रांसपोर्ट कंपनियों की सबसे बड़ी समस्या जाम की है, जिसके कारण माल लाने और भेजने में काफी परेशानी होती है।

3. छोटे ट्रांसपोर्टरों पर आपराधिक तत्वों की नजर बनी रहती है। कई बार रात के वक्त हथियार के बल पर लूट की घटना हो चुकी है।

4. बिहार में बड़े उद्योग के नहीं होने से यहां के लोगों की पहचान खरीदने वाले और कंज्यूमर स्टेट के रूप में बनी हुई है, इसके कारण यहां का माल बाहर के राज्यों तक नहीं जाता है।

5. सुरक्षा और पर्याप्त सुविधा के अभाव में रात के समय में ट्रांसपोर्टरों का काम नहीं हो पाता है, जिसका नुकसान ट्रांसपोर्ट कंपनी और मजदूरों के साथ व्यापारियों को भी होता है।

सुझाव

1. भागलपुर में पटना और मुजफ्फरपुर के बाद सबसे अधिक सामान बिहार के बाहर के शहरों से आता है। सरकार द्वारा इन्हें जरूरी सुविधा उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

2. भागलपुर शहर के बाहर ट्रांसपोर्ट नगर की व्यवस्था होनी चाहिए। जिससे शहर में ट्रांसपोर्ट के वाहनों को प्रवेश करने की जरूरत नहीं पड़े। इससे लोगों को जाम से राहत मिलेगी।

3. ट्रांसपोर्ट सेक्टर में काम करने वाले मजदूरों और कर्मियों को जान का खतरा बना रहता है। सरकार को मजदूर और उनके परिवार के हित में ग्रुप इंश्योरेंस का प्रावधान होना चाहिए।

4. ट्रांसपोर्टरों को सुविधा मिलने से व्यवसाय बेहतर होगा। जिससे अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसका सीधा लाभ ट्रांसपोर्टर के साथ आम लोगों और व्यापारियों को होगा।

5. पुलिस द्वारा ट्रांसपोर्टरों की सुरक्षा की गांरंटी सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे काम करने में सहूलियत हो। ट्रांसपोर्ट मजदूर भयमुक्त होकर काम कर सकेंगे।

बोले जिम्मेदार

भागलपुर शहर से बाहर ट्रांसपोर्ट नगर बनना चाहिए। इससे ट्रांसपोर्टरों के अलावा अन्य लोगों को भी राहत मिलेगी। व्यापारियों को भी सुविधा होगी। शहरी क्षेत्र में वाहनों का लोड कम होगा। जाम से लोगों को राहत मिल सकती है। छोटे मालवाहकों को भी काम अधिक मिलने लगेगा। ट्रांसपोर्ट नगर का निर्णय सरकार स्तर से ही हो सकता है। इसके लिए शहर से बाहर जमीन की खोज करनी होगी। इसके लिए परिवहन विभाग हर स्तर पर ट्रांसपोर्टरों की मदद करने के लिए तैयार है।

-जनार्दन प्रसाद सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी, भागलपुर

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