Ganga Erosion Displaces Families in English Village Urgent Need for Government Intervention गंगा के कटाव से गांव को बचाने के लिए बने रिंग बांध , Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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गंगा के कटाव से गांव को बचाने के लिए बने रिंग बांध

भागलपुर के इंग्लिश गांव में गंगा के कटाव से कई परिवार बेघर हो गए हैं। प्रियंका देवी जैसे लोग प्रखंड कार्यालय परिसर में झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। सरकार ने अभी तक पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की है।...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरTue, 15 April 2025 09:08 PM
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गंगा के कटाव से गांव को बचाने के लिए बने रिंग बांध

भागलपुर। 2022 में इंगलिश गांव के वार्ड तीन की निवासी प्रियंका देवी का घर गंगा में विलीन हो गया था। जिन्दगी भर की कमाई कुछ पलों में ही खत्म हो गया था। घर के साथ चापाकल, शौचालय आदि गंगा में चले गए। प्रियंका देवी परिवार के साथ विस्थापित जिन्दगी जी रही हैं। प्रखंड कार्यालय परिसर सबौर में झोपड़ी बनाकर रह रही हैं। अभी तक सरकार द्वारा बसाने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। प्रियंका कहती हैं कि प्रखंड कार्यालय परिसर में कितने दिनों तक रहा जा सकता है। सरकार जल्द से जल्द रहने के लिए जमीन और आवास की व्यवस्था करे। दूसरी जगह रहने का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। प्रियंका की तरह गांव के कई परिवार हैं। जिनका घर गंगा में विलीन हो चुका है। वह प्रखंड परिसर या अपनों के यहां रह रहे हैं। रेखा देवी का घर भी कट चुका है। गांव में एक पुराना मकान दूसरे भाई के हिस्से में था। वहीं बच्चों के साथ रह रही हैं। रेखा देवी ने बताया कि बाढ़ के दौरान कोई राहत भी नहीं मिलती है। तटबंध नहीं होने के चलते कई घर गंगा में विलीन हो गए। सरकार को ऐसे परिवारों को बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए। कितने दिनों तक दूसरे के घरों में रहकर गुजारा किया जा सकता है। अंशुराज ने बताया कि ढाई साल पहले गंगा के कटाव की जद में घर आ गया था। गांव में दूसरे के घर में परिवार शरण लिए हुए हैं। घर का सामान भी कटाव की चपेट में आ गया है। कोई मदद करने वाला नहीं है। उपजाऊ जमीन भी कट रही है। सरकार को रहने की व्यवस्था करनी चाहिए। आर्थिक मदद नहीं मिलने से काफी परेशानी हो रही है।

फरका पंचायत के मुखिया राजेन्द्र प्रसाद मंडल ने बताया कि पंचायत की करीब दो हजार आबादी गंगा के कटाव की जद में हैं। 2019 के बाद तीन दर्जन से अधिक घर गंगा में विलीन हो चुके हैं। एक दर्जन से अधिक घरों पर कटाव का खतरा मंडरा रहा है। जो भी कार्य ग्राम पंचायत के विकास निधि से किया जाता है, सारा बाढ़ से तहस-नहस हो जाता है। आपदा विभाग को लिखने के बाद भी मेंटेनेंस नहीं किया जाता है। पूर्व में ग्राम पंचायत फरका के इंग्लिश गांव की सड़क टूट गयी, घोषपुर-फरका का संपर्क पथ टूट गया, फरका गांव का इंग्लिश से जुड़ी संपर्क सड़क कट गयी। प्राथमिक विद्यालय इंगलिश कटकर गंगा में चला गया है। स्कूल के पास एक सड़क थी। वह भी कट चुकी है। प्रावि के छात्रों को मवि घोषपुर से टैग कर दिया गया है। वहां पहले से बच्चों की संख्या अधिक है। इंगलिश के बच्चों के वहां जाने से जगह कम पड़ने लगी है। पंचायत के वार्ड तीन और सात में सबसे अधिक कटाव हो रहा है। स्कूल खत्म होने से यहां के बच्चों को पढ़ने में कठिनाई हो रही है। सरकार को एक प्राथमिक विद्यालय पूर्व के विद्यालय के आसपास खोलना चाहिए। स्कूल के लिए पंचायत सरकार भवन के बगल में जमीन उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि पंचायत हर साल बाढ़ की चपेट में आता है। खेल मैदान भी गंगा के कटाव के कगार पर है, ग्राम पंचायत की सैकड़ों हेक्टेयर जमीन गंगा के कटाव में समाहित हो चुकी है। बाढ़ के दौरान पंचायतवासियों की हालत बदतर हो जाती है। अधिकांश परिवार दूसरी जगहों पर जाकर शरण लेते हैं। कुछ परिवार घर की छतों पर रहकर बाढ़ के पानी के कम होने का इंतजार करते हैं। पंचायत का तीनों गांव गंगा के कटाव की जद में हैं। लेकिन इंगलिश गांव के तीन और सात वार्ड में घरों का कटाव हो रहा है। कटाव रोकने के लिए सरकार को स्थायी व्यवस्था करनी चाहिए। इस संबंध में जिले के प्रभारी मंत्री के अलावा कई मंत्रियों और पदाधिकारियों को आवेदन देकर आग्रह किया जा चुका है। लेकिन आज तक स्थायी व्यवस्था नहीं हो पायी है। कुछ साल पहले कटाव निरोधी कार्य कराया गया था। लेकिन हमेशा गंगा किनारे रहने वाले परिवारों को डर बना रहता है। सरकार को कटाव से बचाव के लिए रजंदीपुर से शंकरपुर तक रिंग बांध बनवाना चाहिए। रिंग बांध बनने से आवागमन की भी सुविधा हो जाएगी। पंचायत के विकास के लिए जो भी राशि 15वीं वित्त आयोग और षष्टम वित्त आयोग से दी जाती है, वह पर्याप्त नहीं है। पंचायत के चौमुखी विकास के लिए स्पेशल पैकेज दिया जाना चाहिए। जिससे कि बाढ़ से पूर्ण प्रभावित ग्राम पंचायत का कार्य मजबूती के साथ किया जा सके।

इंगलिश की शांति देवी ने बताया कि आधा घर कट चुका है। कभी भी पूरा घर गंगा में समा सकता है। डर से घर में परिवार का कोई सदस्य नहीं रहता है। सरकार को आवास और जमीन की व्यवस्था करनी चाहिए। ग्रामीण गाटो यादव ने कहा कि घर के साथ ऊपजाऊ जमीन कटने से लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। जमीन कटकर गंगा की दूसरी तरफ चली गयी है। वहां फसल को लूट लिया जाता है। खेती करने के लिए गंगा पार करने का कोई साधन नहीं है। सरकार को फसल की सुरक्षा और आने-जाने के लिए नाव की व्यवस्था करनी चाहिए। विजयाधर कुमार यादव ने बताया कि पूरा गांव कटाव के मुहाने पर है। इसे रोकने की व्यवस्था होनी चाहिए। रामसेवक साह ने बताया कि आधा घर पानी में चला गया है। बचे घर में जान जोखिम में डालकर रहना पड़ रहा है। पानी का जलस्तर बढ़ने पर रहने में डर लगता है। बाबूलाल यादव ने कहा कि बाढ़ से मकान के अलावा फसल का भी नुकसान होता है। तीन और सात वार्ड के लोगों के आने-जाने के लिए रास्ता होना चाहिए। रौशन यादव ने कहा कि हर साल बाढ़ के दौरान सड़क किनारे शरण लेनी पड़ती है। बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता राशि भी नहीं मिलती है। सबौर बीडीओ प्रभात रंजन ने बताया कि कुछ परिवार प्रखंड परिसर में रह रहे हैं। जिनका घर कट गया है, उनका नाम पीएम आवास की प्रतीक्षा सूची में शामिल किया गया है। जमीन चयन करने की प्रक्रिया भी चल रही है।

बोले जिम्मेदार

पूर्व में फरका पंचायत में कटाव निरोधी कार्य किया गया था। इसके चलते करीब ढाई साल से घरों का कटाव नहीं हुआ है। कटाव वाले क्षेत्रों की नियमित निगरानी की जा रही है। बाढ़ के पूर्व कटाव से बचाव की व्यवस्था की जाती है। बाढ़ के दौरान फरका पंचायत में किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। रिंग बांध बनवाने में दिक्कत है। गंगा से 500 से 800 मीटर हटकर रिंग बांध बनवाया जाता है। इंगलिश में ऐसा करने पर आधा गांव इसकी जद में आ जाएगा। गंगा किनारे कटाव निरोधी कार्य करके भी बचाव किया जाता है।

आदित्य प्रकाश, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, भागलपुर

गंगा के कटाव से इंगलिश के ग्रामीण भयभीत

फरका पंचायत के मुखिया राजेन्द्र प्रसाद मंडल ने बताया कि पिछले कई वर्षों से इंगलिश गांव के कई वार्डों में कटाव हो रहा है। इससे ग्रामीण भयभीत हैं। तीन दर्जन से अधिक घर गंगा में समा चुके हैं। इसमें से कई परिवार प्रखंड कार्यालय परिसर में शरण लिए हुए हैं। कई ऐसे परिवार हैं जिनका घर और खेत दोनों ही गंगा में समा गया है। गंगा किनारे जियो बैग और लोहे के तार से बांधने के बाद कुछ राहत जरूर मिली। जिनकी जमीन गंगा में समा गई है, उनको परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी हो रही है। ऐसे परिवारों को सरकार से आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। जिनका घर गंगा में समा गया है। उसके लिए सरकार आवास और जमीन की व्यवस्था करे। कटाव के बचाव के लिए शंकरपुर से रजंदीपुर तक रिंग बांध बनना चाहिए।

कटाव से बचाव के लिए सरकार रिंग बांध बनवाए

स्थानीय निवासी भागवत चौबे ने बताया कि गांव को कटाव से बचाने के लिए सरकार को रिंग बांध बनवाना चाहिए। तभी ग्रामीणों को कटाव से राहत मिल सकती है। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। बोल्डर और पिचिंग से कई गांव के लोगों को सहूलियत होगी। जब तक रिंग बांध नहीं बन जाता है तब तक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जियो बैग की व्यवस्था करनी चाहिए। इससे कटाव की परेशानी से बचाया जा सकता है। 2019 में प्राथमिक विद्यालय पश्चिम टोला इंगलिश का पूरा भवन कटाव के कारण गंगा में समा गया। जिसके बाद पढ़ाई के लिए बच्चों को करीब एक किलोमीटर दूर के स्कूल में जाना पड़ता है। इतनी दूर जाना सभी बच्चों के लिए संभव नहीं हो पाता है।

पिछले कई वर्षों से हो रहा गंगा से कटाव

स्थानीय निवासी मणिभूषण चौबे ने बताया कि गंगा से पिछले छह वर्षों से हो रहे कटाव से लोग भयभीत हैं। दूसरी तरफ सरकार से कोई सुविधा नहीं मिल रही है। इससे कटाव पीड़ितों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। कटाव में घर समेत सभी कुछ गंगा की धार में बह जाता है। पानी आपूर्ति के लिए जो टंकी बनवायी गयी थी। वह भी कटाव में गंगा में समा गयी। जिसके कारण पानी की भी समस्या उत्पन्न हो गयी। पानी के लिए तत्काल बोरिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। चापाकल भी खराब पड़ा हुआ है। गांव में लोगों के बीमार पड़ने पर परेशानी और बढ़ जाती है। मरीजों को इलाज के लिए सबौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या भागलपुर के अस्पतालों में ले जाना पड़ता है। गांव में एक अस्पताल की व्यवस्था होनी चाहिए।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में स्कूल और स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्था हो

स्थानीय बाबूलाल यादव ने बताया कि कटाव की समस्या से जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है। मजदूरी करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। इलाके के कई गांव कटाव से प्रभावित हैं। सबसे अधिक प्रभावित इंगलिश गांव का वार्ड नंबर 3 एवं 7 और मसाढ़ू गांव है। जहां स्कूल, पानी की टंकी, मिल, सड़क आदि बाढ़ की चपेट में आता है। कटाव प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य केन्द्र और स्कूल के साथ पानी की भी व्यवस्था होनी चाहिए। बारिश के दिनों में परेशानी और अधिक बढ़ जाती है। इससे घर से निकलना मुश्किल हो जाता है। सड़क गंगा में समा जाने के चलते लोगों को आने-जाने में महिलाएं और बच्चों को ज्यादा परेशानी हो रही है। लोगों के घर या दरवाजे होकर आना-जाना पड़ता है।

छोटी बातचीत

1. बाढ़ के दौरान सभी पीड़ित परिवारों को राहत नहीं मिल पाती है। जबकि हर साल बाढ़ का पानी सभी के घरों में घुस जाता है। कुछ परिवार सड़क किनारे शरण लेते हैं तो कुछ अपनी छतों पर रहकर बाढ़ के पानी के घटने का इंतजार करते हैं। प्रशासन को स्थायी व्यवस्था करनी चाहिए।

गोपाल मंडल

2.कटाव के कारण कई लोगों को अन्यत्र जगहों पर शरण लेना पड़ रहा है। कुछ लोग अर्धनिर्मित मकान में ही किसी तरह जीवन यापन कर रहे हैं। जबकि कई परिवार ऐसे हैं, जिन्हें दूसरे की जमीन पर तंबू गाड़कर रहना पड़ रहा है। सरकार को उनलोगों की समस्या पर ध्यान देना चाहिए।

राधेश्याम साह

3. गंगा पार कई ग्रामीणों का खेत है। लेकिन ग्रामीण फसल काटकर नहीं ला पाते हैं। असामाजिक तत्व जबरन फसल काट लेते हैं। प्रशासन को सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि किसानों की फसल की लूट नहीं हो। आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था भी होनी चाहिए।

सुरेश साह

4. 2019 से गंगा का कटाव हो रहा है। कई परिवार बेघर हो चुके हैं। लेकिन अभी तक सरकार या प्रशासन द्वारा रहने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है। ग्रामीण मंत्री से लेकर अधिकारी तक गुहार लगा चुके हैं। सरकार ऐसे परिवारों के लिए रहने की बेहतर व्यवस्था करे।

रामाधीन यादव

5. गंगा में घर समा जाने के बाद इंगलिश के कई परिवार प्रखंड कार्यालय सबौर परिसर में झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। ऐसे परिवारों को रहने के लिए आवास और जमीन की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा सरकार हेसे परिवारों की आर्थिक मदद करे।

गाटो यादव

6. कटाव के कारण सड़क के साथ नाला और पुल-पुलिया भी गंगा नदी में बह गए। जिससे लोगों का आवागमन बाधित हो गया है। ग्रामीणों को घर जाने-आने में काफी दिक्कत होती है। ग्रामीणों को काम नहीं मिलने से परिवार का भरण-पोषण करने में परेशानी होती है।

मनोज यादव

7. सबौर प्रखंड के बाबूपुर से लेकर शंकरपुर तक गंगा किनारे बसे सभी गांव में भीषण कटाव की समस्या उत्पन्न हो गई है। बाबूपुर, रजंदीपुर, फरका, घोषपुर, इंग्लिश, ममलखा, चायचक सहित कई जगहों पर कटाव होता है। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है।

चंदन यादव

8. इंगलिश गांव का स्कूल गंगा में समाने के चलते मोहल्ले के बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। दूर के स्कूल में बच्चों को पढ़ने के लिए जाना पड़ता है। सरकार तत्काल एक प्रावि खुलवाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई बेहतर तरीके से हो सके।

भगवान यादव

9. गंगा के कटाव से खेत भी गंगा में समा गया। लोगों के पास खेती करने के लिए जमीन कम हो गयी है। गंगा पार खेत होने के चलते फसल लूट ली जाती है। गंगा पार करने का कोई साधन नहीं है। सुरक्षा के साथ नाव की व्यवस्था होनी चाहिए।

शांति देवी

10.गांव में किसी की तबीयत खराब होने पर इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। घर के बाहर निकलने वाली सड़क गंगा में समा चुकी है। वैकल्पिक रास्ता बनाकर लोगों के घरों से होकर गुजरना पड़ता है। अंधेरा होने पर परेशानी और बढ़ जाती है।

सांझो देवी

11.कटाव से बचाव के लिए सरकार को रिंग बांध बनवाना चाहिए। रिंग बांध बनने से दर्जनों गांव के ग्रामीणों को बाढ़ और कटाव की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। कटाव के चलते ग्रामीणों को रहने में काफी परेशानी हो रही है।

सरस्वती देवी

12.ग्रामीण राजकुमार साह का मकान, मिल और दुकान गंगा के कटाव में बह गए। बैंक से लिया गया लोन भी अभी तक माफ नहीं किया गया है। इंश्योरेंस का पैसा भी नहीं मिल रहा है। जिसके कारण आर्थिक स्थिति काफी बदतर हो गई है।

सीमा देवी

समस्या

1.पिछले छह वर्षों से गंगा के कटाव के कारण कई घर गंगा में समा गए हैं। इससे लोगों में भय बना हुआ है।

2.प्राथमिक विद्यालय पश्चिम टोला इंगलिश का भवन कटाव से गंगा में समा गया। इसके कारण बच्चों को दूर के स्कूल में जाना पड़ता है।

3.फरका पंचायत में स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों को इलाज के लिए सबौर पीएचसी या भागलपुर के अस्पतालों में जाना पड़ता है।

4.रास्ता नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में ग्रामीणें की परेशानी और अधिक बढ़ जाती है। एक सड़क पूर्व में गंगा में समा चुकी है।

5.इंगलिश के ग्रामणों के घर के अलावा उपजाऊ जमीन के कटाव के चलते लोगों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। कटाव की त्रासदी के कारण दर्जनों परिवार के घर और खेत गंगा में समा गए, जिससे इन लोगों के समक्ष रहने खाने के साथ कई तरह की समस्या उत्पन्न हो गई है।

सुझाव

1.गंगा के कटाव से हो रहे नुकसान को देखते हुए सरकार और प्रशासन को समस्या की स्थायी व्यवस्था करनी चाहिए।

2.कटाव प्रभावित इलाकों में प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल और पीने के पानी की बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए।

3.कटाव के बचाव के लिए रजंदीपुर से शंकरपुर तक रिंग बांध बनाया जाए। जब तक बांध नहीं बनता है तब तक कटाव निरोधी कार्य हो।

4.कटाव पीड़ितों को बसाने के लिए सरकार आवास और जमीन की व्यवस्था करे। ताकि पीड़ित परिवारों को रहने के लिए भटकना नहीं पड़े।

5.इंगलिश का एक प्रावि कटाव में गंगा में समा गया है। इसके चलते यहां के बच्चों को दूसरे स्कूल में पढ़ने के लिए जाना पड़ रहा है। सरकार बच्चों के लिए एक स्कूल बनवाए।

प्रस्तुति : वीरेन्द्र कुमार, रवि शंकर सिन्हा, पीतांबर शुक्ला

फोटोग्राफ : कान्तेश

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