डिप्रेशन से लेकर तनाव तक दूर कर रही मीठी गोलियां
भागलपुर में होम्योपैथी विधा ने सर्दी, खांसी और जुकाम से लेकर डिप्रेशन और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करने में सफलता हासिल की है। होम्योपैथिक डॉक्टरों का कहना है कि यह चिकित्सा पद्धति रोगियों...

भागलपुर, वरीय संवाददाता। कल तक सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों के इलाज में मुफीद माने जाने वाली होम्योपैथी विधा, आज ढेर सारी बीमारियों के इलाज में कारगर साबित हो रहा है। होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति ने इस कदर विकास कर लिया है कि न केवल बीपी, ब्लड शुगर का इलाज इसके डॉक्टर कर रहे हैं, बल्कि डिप्रेशन और तनाव तक को इस विधा की मीठी गोलियों के जरिए दूर किया जा रहा है। यहां तक बच्चों को मिर्गी जैसी बीमारी से भी होम्योपैथी विधा मुक्त कर रही है। इसकी गवाही न केवल निजी होम्योपैथी क्लीनिक बल्कि सरकारी अस्पतालों में संचालित होम्योपैथिक ओपीडी में बढ़ी भीड़ गवाही दे रही है।
होम्योपैथिक डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. विनय कुमार गुप्ता बताते हैं कि कोरोना काल में जहां होम्योपैथ ने इम्युनिटी बढ़ाकर रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान की थी। उसी प्रकार अब अवसाद (डिप्रेशन), तनाव व मिर्गी जैसी बीमारियों के इलाज में भी होम्योपैथिक दवाएं कारगर साबित हो रही हैं। पहले जहां बुखार आम संक्रामक बीमारियों के लिए होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति कारगर थी। वहीं अब गंभीर बीमारियों में कारगर साबित हो रही है। इसके अलावा होम्योपैथिक काउंसिल में गंभीर बीमारियों के इलाज पर रिसर्च किया जा रहा है। अवसाद यानी डिप्रेशन में एलोपैथिक पद्धति की तरह ही होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति मरीजों की काउंसिलिंग से पहले उसके बीमारी की हिस्ट्री जानी जाती है। किन वजह से डिप्रेशन हुआ, पूरे परिवार के लोगों से बात करके उसे नोट किया जाता है। किस प्रकार का डिप्रेशन है, को जानने के बाद ही इलाज शुरू किया जाता है। इसके इलाज में थोड़ा समय लगता है, पर मरीज पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
हृदय रोग, बीपी व लीवर की बीमारी में होम्योपैथिक दवाएं प्रभावी
वरीय होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. विनय कुमार गुप्ता बताते हैं कि हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर यानी हाईपरटेंशन व लीवर तक की बीमारियों के इलाज में होम्योपैथिक की मीठी गोलियां बेहतरीन साबित हो रही हैं। कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए ग्लाइसेरिजा, लीवर को स्वस्थ रखने के लिए चोलिडोनियम व कालमेघ आदि व हाईपरटेंशन को नियंत्रित करने में रालफिया, स्पार्टियम बेहद कारगर साबित हो रहा है। होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एसके भौमिक बताते हैं कि हमारी संस्था (द होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया भागलपुर ब्रांच) मानिक सरकार स्थित कालीबाड़ी में रोजाना शाम चार बजे से लेकर छह बजे के बीच निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन कर रही है। इसमें बीपी, शुगर, लीवर, ह्रदय रोग समेत विभिन्न प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जा रहा है।
ओपीडी में रोजाना 40 से 45 मरीजों का हो रहा है इलाज
सदर अस्पताल परिसर में संयुक्त चिकित्सालय का संचालन किया जा रहा है। यहां पर आयुर्वेदिक, यूनानी व होम्योपैथिक ओपीडी का अलग-अलग संचालन किया जाता है। यहां संचालित होम्योपैथिक ओपीडी में रोजाना 40 से 45 मरीजों का इलाज चल रहा है। प्रभारी जिला देसी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्याम नारायण प्रसाद बताते हैं कि होम्योपैथिक दवाओं में सर्दी, खांसी, बुखाार से लेकर एलर्जी, हाईपरटेंशन, डिप्रेशन से लेकर हृदय रोग तक का इलाज किया जा रहा है। यहां तक प्रखंड स्तर पर होम्योपैथिक पद्धति से मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
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