Illegal Tree Cutting Continues in Jhajha Despite Forest Department s Inaction जमुई : सड़क किनारे लगे पेड़ों की अवैध कटाई जारी, वन विभाग बना मूकदर्शक, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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जमुई : सड़क किनारे लगे पेड़ों की अवैध कटाई जारी, वन विभाग बना मूकदर्शक

झाझा में सड़क किनारे पेड़ों की अवैध कटाई जारी है, जबकि वन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों ने कटे हुए पेड़ों के अवशेष देखे और कहा कि इस कटाई को छुपाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने वन...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSun, 11 May 2025 05:30 PM
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जमुई : सड़क किनारे लगे पेड़ों की अवैध कटाई जारी, वन विभाग बना मूकदर्शक

झाझा, नगर संवाददाता। सड़क किनारे लगे पेड़ों की अवैध कटाई जारी है। प्रतीत होता है कि इस दिशा में वन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। झाझा वन प्रक्षेत्र के अंतर्गत उत्तरी नरगंजो के जंगलों में सिरसा पहाड़ के समीप करमा मार्ग पर पेड़ों की अवैध कटाई का मामला सामने आया है। इस क्षेत्र को वन विभाग द्वारा हरित क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया था, किंतु हाल ही में सड़क किनारे लगे पेड़ों को असामाजिक तत्वों द्वारा योजनाबद्ध ढंग से काटा जा रहा है। रविवार सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले स्थानीय ग्रामीणों की नजर जब पेड़ों के कटे हुए अवशेषों पर पड़ी, तो उन्होंने पाया कि उन्हें पत्तों और टहनियों से ढकने का प्रयास किया गया है, जिससे साफ है कि इस कटाई को छुपाने की कोशिश की गई।

ग्रामीणों का कहना है कि यह सिलसिला पिछले कई महीनों से जारी है। पूर्व में भी जब ऐसी घटनाएं प्रकाश में आई थीं, तब समाचार पत्रों में खबर छपने के बाद वन विभाग ने कुछ समय के लिए अच्छी तरह से देख-रेख की थी, परंतु वह भी अब अस्थायी सिद्ध हुई।स्थानीय लोगों का कहना है कि कभी जंगलों में आग लग जाती है, तो कभी पेड़ों की बेरहमी से कटाई कर दी जाती है, परंतु वन विभाग मूकदर्शक बना बैठा है। सड़क किनारे लगे ये पेड़ न केवल पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण थे, बल्कि क्षेत्र व सड़क की प्राकृतिक सुंदरता और सौंदर्य को भी बढ़ाते थे। अब इनकी कटाई से न केवल हरित क्षेत्र को नुकसान हुआ है, बल्कि पर्यावरणीय असंतुलन की आशंका भी बढ़ गई है।ग्रामीणों ने यह भी कहा है कि जो नागरिक पर्यावरण संरक्षण की आवाज उठाते हैं, उन्हें वन विभाग द्वारा झूठे मामलों में फंसाने की कोशिशें की जाती हैं, जिससे जनभावनाओं को दबाया जा सके। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि पेड़ों की इस अवैध कटाई की जांच कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, क्षेत्र में नियमित गश्ती और निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि हरित क्षेत्र को संरक्षित किया जा सके और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

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