Impact of US Tariffs on India s IT Sector Need for Strategic Measures बोले भागलपुर: भारत से प्रतिभाओं का पलायन रुके, हो सॉफ्टवेयर निर्माण, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsBhagalpur NewsImpact of US Tariffs on India s IT Sector Need for Strategic Measures

बोले भागलपुर: भारत से प्रतिभाओं का पलायन रुके, हो सॉफ्टवेयर निर्माण

अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का भारत के आईटी सेक्टर पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। छात्रों और शिक्षकों ने सुझाव दिया कि भारत को अपनी मैनपॉवर का सही उपयोग कर स्वदेशी सॉफ्टवेयर विकसित करना चाहिए। इसके लिए सरकार...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरMon, 7 April 2025 11:30 PM
share Share
Follow Us on
बोले भागलपुर: भारत से प्रतिभाओं का पलायन रुके, हो सॉफ्टवेयर निर्माण

अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए गए टैरिफ असर आईटी सेक्टर पर भी प्रभाव होगा। आईटी सेक्टर पर पड़ने वाले प्रभाव पर ट्रिपल आईटी भागलपुर के फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थियों ने अपनी बातें रखी। उन्होंने अपने विचार हिंदुस्तान के ‘बोले भागलपुर अभियान के तहत साझा किया। साथ ही इस परिस्थिति से लड़ने के उपाय पर भी कई जरूरी सुझाव दिए। छात्र अतुल कुमार ने कहा कि भारत को इस स्थिति से लड़ने के लिए ठोस राजनीति तैयार करने की जरूरत है। अन्यथा अभी जो टैरिफ लगाया गया है, वह अमेरिका बढ़ा भी सकता है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि भारत अपने मैनपॉवर का उपयोग करके देश के बाहर बनने वाले सॉफ्टवेयर को भारत में विकसित करें। उन्होंने कहा कि भारत के दिमाग का प्रयोग दूसरे देश आईटी सेक्टर में उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। जबकि भारत इससे अछूता रह जा रहा है।

हर्ष ने कहा कि योग्यता के मामले में भारत काफी आगे है। यहां युवाओं की संख्या भी है जो भारत से अमेरिका जाकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। भारत के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमेरिका में महंगी नौकरी करने जा रहे हैं। ऐसे लोगों को का पलायन रोकना चुनौती है। इससे आईटी सेक्टर को समृद्ध करने में काफी हद तक इस समस्या का निदान हो सकता है। इसके लिए जरूरी है कि भारत में शोध और स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाए। तभी भारत इस क्षेत्र में अमेरिका का मुकाबला कर पाएगा। आदित्य कुमार ने कहा कि भारत को अमेरिका से आईटी सेक्टर में मुकाबले के लिए सक्षम होना पड़ेगा। तभी टैरिफ को लेकर जो मनमानी अमेरिका कर रहा है, वह नहीं कर पाएगा। सॉफ्टवेयर के मामले में दूसरे देशों पर आत्मनिर्भरता के कारण ही यह स्थिति है। अन्यथा ये परिस्थिति उत्पन्न नहीं होती। भारत को अपने योग्य मैन पावर का पलायन रोकते हुए भारत में ही सॉफ्टवेयर निर्माण की जरूरत है। भारत को इस सेक्टर में आगे के समय के लिए काम करने की जरूरत है। आईटी सेक्टर में हार्डवेयर के साथ सॉफ्टवेयर निर्माण की जरूरत है।

उत्कर्ष ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने के कारण अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। विशेष कर आईटी सेक्टर में जो सॉफ्टवेयर अमेरिका से खरीदे जा रहे हैं। वे काफी महंगे हो जाएंगे। इससे भारत में आईटी के क्षेत्र में आर्थिक बोझ बढ़ेगा। इस समस्या से लड़ने के लिए भारत को तैयार होने की जरूरत है। भारत हर व्यवस्था से सक्षम है। इसके लिए आईटी के सेक्टर में नए शोध निर्माण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सरकार को इस दिशा में काम करने के आवश्यकता है।

आशीष ने बताया कि आईटी सेक्टर में अमेरिकी टैरिफ का काफी असर होगा। यही वजह है कि आईटी सेक्टर के शेयर भी काफी नीचे आ गए हैं। भारत को इस समस्या से निपटने के लिए रणनीति की जरूरत है। ज्यादातर सॉफ्टवेयर अमेरिका से खरीदे जा रहे हैं। भारत के इंजीनियर अमेरिका में जाकर अपनी सेवा दे रहे हैं। ऐसी स्थिति उत्पन्न करने की जरूरत है। ताकि वे लोग भारत में रहकर देश के लिए निर्माण करें।

बोले भागलपुर ट्रिपल आइटी (IIIT) के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं से संवाद

बाहर या दूसरे देशों में जाने की बजाय भारत में ही आईटी के क्षेत्र में जरूरी व्यवस्था विकसित करनी चाहिए। भारत के पास क्षमता है कि मैन्युफैक्चरिंग यूनिट तैयार कर खुद को सक्षम बनाए।

अर्घ्य विश्वास

दूसरे देशों के लोग भी भारत में आकर काम करना चाहते हैं। हमें दूसरे देशों पर निर्भरता की बजाय अपनी योग्यता का उपयोग कर खुद को आगे ले जाना होगा। बार-बार प्रमोट करने पर भी लोगों के मन में एक छवी बनती है, इसलिए प्रचार प्रसार पर ध्यान देना होगा।

आस्तिक दास

भारत को आईटी या किसी सेक्टर में यूएस पर निर्भर नहीं होना चाहिए। चीन के पास आईटी के क्षेत्र में काफी क्षमताएं हैं और वह टेक्नोलॉजी की मदद से प्रोडक्ट प्रोड्यूस करता है। भारत को भी इस दिशा में आगे बढ़कर जरूरी पहल करनी चाहिए, जिससे अमेरिका जैसे देशों से आने वाला दबाव कम होगा।

परमप्रीत सिंह

आईटी सेक्टर की पढ़ाई कर अक्सर काफी छात्र-छात्रा और युवा देश के बाहर चले जाते हैं। हमें ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे की दूसरे देशों के लोग भारत की टेक्नोलॉजी का भी उपयोग करें।

ज्योति सक्सेना

यूपीआई की व्यवस्था आने से आईटी सेक्टर में काफी विस्तार हो रहा है। किसी की कॉपी करना ठीक नहीं है, लेकिन दुनिया को अपनी क्षमता का अहसास कराने के लिए खुद को मजबूत करना जरूरी है। ऑनलाइन शॉपिंग में मार्केटिंग बेहतर हो रही है। सरकार को यूएसपी पर भी फोकस करना चाहिए।

आदित्य जौहरी

मेड इन इंडिया को प्रमोट करना चाहिए, जिससे भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता अधिक नहीं रहे। कई एंसी कंपनियां हैं, जिन्होंने रेट कम कर बेहतर व्यवसाय को प्राप्त किया है। विदेशी दबाव से बचने के लिए भारत को भी अपनी अलग नीति बनाकर आईटी सेक्टर में अपनी मौजूदगी जतानी होगी।

आकांक्षा कुमारी

चीन में कच्चा माल सस्ता मिलता है, और खिलौने का भी बाजार व्यापक स्तर पर फैला है। चीन क्रिएटिविटी के साथ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बेहतर है, लेकिन मैन पॉवर के मामले में भारत की स्थिति मजबूत है, इसलिए हमें इस मैन पॉवर का उपयोग अपने देश में करने से आईटी सेक्टर में अन्य देश की भारत पर निर्भरता बढ़ेगी।

शौर्य साकेत

अमेरिकी टेरिफ से भारत के आईटी सेक्टर को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए भारत सरकार को आगे आना होगा। जिस तरह से देश में फ्री की चीजें लोगों को बांटने के लिए स्कीम लाई जा रही, उसी प्रकार इससे बाहर आकर आईटी के क्षेत्र में भारत की कंपनियों को रियायत देते हुए प्रमोट करना देश के लिए जरूरी है।

अभिनव शुक्ल

अपनी रुचि के अनुसार युवा अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ें, जिससे वो अपनी क्षमता के अनुसार बेहतर करियर का चयन कर आगे बढ़ सके। उनपर कोई भी कार्य थोपा नहीं जाना चाहिए।

आकाश शर्मा

जिस तरह से कई क्षेत्रों में व्यवसाय और विकास कार्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है। उसी प्रकार टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप और आईटी सेक्टर की बड़ी इंडस्ट्रीज को भी बेहतर करने के लिए सब्सिडी दी जानी चाहिए।

श्रेयांश आनंद

भारत सरकार रिसर्च डेवलपमेंट स्कीम लॉंच करे। सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी में अधिक इन्वेस्टमेंट करे, जिससे टेक्नोलॉजी एवं सॉफ्टवेयर हमारी होगी, और हमारा सारा डाटा भी सुरक्षित रहेगा।

आदित्य गुप्ता

हमारे देश की टेक्नोलॉजी, स्किल और यूथ का उपयोग हमारे देश के विकास के लिए होना चाहिए। सरकार बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ ऐसी व्यवस्था विकसीत करें, जिससे देश में भी युवाओं अच्छी सैलरी और सुविधा मिले।

श्रीजा

भारत में शोध की दिशा में बेहतर कार्य किया जाय

भारत पर अमेरिकी टैरिफ के कारण आईटी सेक्टर पर काफी प्रभाव पड़ेगा। इसके लिए जरूरी है कि भारत को एक रणनीति के तहत कार्य योजना तैयार करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी चुनौतियों से लड़ने के लिए मुश्किल ना हो। वर्तमान स्थिति में भारत पर जो टैरिफ लगाया गया है। इससे आईटी सेक्टर में संबंधित संस्थाओं को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। सॉफ्टवेयर महंगे दामों में अमेरिका से खरीदने पड़ेंगे। इसके लिए जरूरी है कि भारत में ही सॉफ्टवेयर निर्माण और शोध की दिशा में बेहतर कार्य कराया जाए। इसके लिए सरकार को बेहतर प्रोजेक्ट के साथ संस्थाओं को शामिल करने की जरूरत है, ताकि भारत सॉफ्टवेयर के मामले में खुद भी आत्मनिर्भर हो सके। आईटी क्षेत्र काफी प्रगति कर रहा है। भारत का मैन पावर हर परिस्थिति से लड़ने के लिए तैयार है, जरूरी है कि उन्हें ऐसी सुविधाएं दी जाए, जिससे वे इस दिशा में बेहतर काम कर सके।

डॉ. चंदन कुमार झा, असिस्टेंट प्रोफेसर (ईसीई)

स्वदेशी सॉफ्टवेयर विकसित किए जाएं

अमेरिका के टैरिफ की वजह से भारत में जो स्थितियां बनी है। इससे आईटी सेक्टर में काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। भारत को अमेरिका से महंगे सॉफ्टवेयर खरीद कर काम करना मजबूरी होगी। ऐसी स्थिति में जरूरी है कि स्वदेशी सॉफ्टवेयर विकसित किए जाएं, लेकिन इसके लिए सरकार को इस दिशा में बड़ा कदम उठाने की जरूरत होगी। बजट में सॉफ्टवेयर विकसित करने और इस पर शोध के लिए बड़ा प्रावधान करना होगा। साथ ही देश की अग्रणी तकनीकी संस्थानों पर इसे जोड़ना होगा। सबसे बड़ी बात यह है कि भारत के प्रतिभा विदेश में जाकर विशेष कर अमेरिका में बड़े कंपनियों में सॉफ्टवेयर सहित आईटी सेक्टर में काम कर रही है। इससे अमेरिका का आईटी क्षेत्र समृद्ध हो रही है। इस स्थिति को ही बदलने की जरूरत है। ऐसी प्रतिभाओं को देश से बाहर न जाना पड़े। इस पर भी सरकार को विशेष जोर देने की जरूरत है। तभी वे लोग देश में रहकर आईटी सेक्टर में बेहतर खोज कर पाएंगे।

डॉ. प्रकाश चन्द्र रंजन

स्वदेशी वस्तुओं का लोग करें इस्तेमाल

अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के कारण देश की अर्थव्यवस्था में प्रभावित होगी। इस कारण जरूरी है कि भविष्य में ऐसी चुनौतियों से लड़ने के लिए रणनीति के तहत काम किया जाए। उसके लिए भारत में लोगों को चाहिए कि वह स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करें। साथ ही भारत सभी क्षेत्रों में भारत आत्मनिर्भर बने। इसके लिए केंद्र स्तर से बड़े प्रयास की जरूरत है। बजट में भी इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। देश में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके अलावा आईटी सेक्टर में सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर निर्माण की दिशा में सरकार को एक बड़े प्रोजेक्ट के साथ आना चाहिए। तभी ऐसी स्थितियों में भारत पर अन्य देशों का दबाव नहीं होगा। आईटी क्षेत्र में टैरिफ के कारण आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। जो सॉफ्टवेयर अमेरिका से खरीदे जाएंगे वह महंगे दामों में भारत को मिलेंगे।

डॉ पीके विश्वास (सीएसई)

सॉफ्टवेयर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो देश

अमेरिकी टैरिफ का भारतीय आईटी सेक्टर पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। इसके लिए जरूरी है कि लोगों को ऐसी परिस्थितियों के लिए तैयार किया जाए। सबसे बड़ी चुनौती भारत में भारतीय प्रतिभाओं को विदेश जाने से रोकना है। भारत की प्रतिभाओं से अमेरिका का आईटी सेक्टर उपलब्धियां हासिल कर रहा है। भारत के प्रतिभाओं से तैयार सॉफ्टवेयर को अमेरिका भारत में बेचकर आर्थिक समृद्धि हासिल कर रहा है। भारत को चाहिए कि ऐसी प्रतिभाओं को देश में ही अमेरिकी जैसा सुविधा उपलब्ध कराकर सॉफ्टवेयर निर्माण की दिशा में बेहतर काम करें, ताकि भारत में सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सके। इस स्थिति के बाद अमेरिका जैसे देश भारत पर टैरिफ का दबाव नहीं दे सकेंगे। इससे ही भारत का भी भविष्य उज्जवल होगा। भारत उन क्षमताओं से लड़ने के लिए सक्षम है। उसके लिए सरकार को विशेष प्रयास की आवश्यकता है

डॉ. धीरज कुमार सिन्हा (सीएसई)

शिकायत

1. आईटी सेक्टर की पढ़ाई कर अक्सर काफी छात्र छात्रा देश के बाहर चले जाते हैं। जिसका सीधा लाभ भारत की बजाय विदेशी कंपनियों को मिलता हैं।

2. चीन की तुलना में भारत के पास कई तरह की टेक्नोलॉजी और जरूरी सुविधाओं के नहीं होने से वैश्विक बाजार होते हुए भारत दूसरे देशों पर निर्भर है।

3. अमेरिका के टैरिफ पॉलिसी का भारतीय आईटी सेक्टर पर असर पड़ने का मुख्य कारण टेक्नोलॉजी के मामले में कई देशों पर निर्भरता है।

4. टेक्नोलॉजी के मामले में भारत के मैन पॉवर का सही उपयोग देशों में होने की बजाय विदेशों में होना, जिसके कारण हमारी क्षमता सिमित रह जाती है।

5. आईटी सेक्टर के मामले में जागरूकता की कमी होने के कारण भारत में काम करने की बजाय युवा पीढ़ी विदेशों कंपनियों को अधिक प्राथमिकता देते हैं।

सुझाव

1. अमेरिकी टेरिफ से भारत के आईटी सेक्टर को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए भारत सरकार को आगे आना चाहिए।

2. अपनी रुचि के अनुसार छात्र छात्रा अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हुए अपनी क्षमता के अनुसार करियर का चयन कर सके।

3. टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप और आईटी सेक्टर की बड़ी इंडस्ट्रीज को भी बेहतर करने के लिए भारतीय कंपनियों को सब्सिडी दी जानी चाहिए।

4. भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता अधिक नहीं रहे, इसके लिए मेड इन इंडिया को प्रमोट कर बेहतर व्यवसाय को प्राप्त किया जा सकता है।

5. सरकार को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए, जिससे की दूसरे देशों के लोग भारत के युवाओं के साथ टेक्नोलॉजी का भी उपयोग करें।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।