Khalasi Mohalla Residents Demand Basic Amenities Amidst Neglect बोले मुंगेर : सड़क खोद कर छोड़ी, घरों तक नहीं पहुंचा नल का जल, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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बोले मुंगेर : सड़क खोद कर छोड़ी, घरों तक नहीं पहुंचा नल का जल

खलासी मोहल्ला, जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र का एक घना बसा इलाका है, जहाँ की आबादी लगभग 15,000 है। यहाँ के नागरिक जल-निकासी, स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छता और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं।...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरFri, 30 May 2025 10:13 PM
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बोले मुंगेर : सड़क खोद कर छोड़ी, घरों तक नहीं पहुंचा नल का जल

खलासी मोहल्ला, जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र का एक घना बसा इलाका है जिसकी आबादी लगभग 15,000 है। यहां के नागरिक वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। जल-निकासी, स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छता, सड़क और विद्युत जैसे बुनियादी ढांचे की हालत दयनीय है। मोहल्ले में निवासियों के साथ हुए संवाद से यह स्पष्ट हुआ कि नगर प्रशासन की उपेक्षा के कारण यह क्षेत्र विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर है। स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है। सभी घरों में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाई है। सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं है। संवाद के दौरान खलासी मोहल्ले के लोगों ने अपनी परेशानी बताई।

15 हजार है खलासी मोहल्ला की आबादी

65 सौ मतदाता रहते हैं मोहल्ले में लगभग

03 सौ की एलईडी लाइट खराब पड़ी है

05 सौ घरों में नहीं पहुंचा नल का जल

संवाद में लोगों ने बताया कि, खलासी मोहल्ला में लगभग 6,500 मतदाता निवास करते हैं, परंतु यहां की सुविधाएं शून्य के करीब हैं। क्षेत्र में करीब 300 स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं, जिससे रात होते ही अंधकार छा जाता है और अवैध शराब कारोबार को पनपने का मौका मिल जाता है। मोहल्ले में नल-जल योजना भी अधूरी पड़ी है। लगभग 500 घरों तक अब तक नल-जल योजना से जल की आपूर्ति नहीं हो पाई है। इस योजना के लिए की गई खुदाई के बाद टूटी सड़कों की अब तक मरम्मत नहीं की गई है, जिससे बारिश के दिनों में जलजमाव आम बात हो गई है। ऐसे में, बच्चे फिसल कर घायल होते हैं और लोगों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है।

नहीं है उपस्वास्थ्य केंद्र :

स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो, इतनी बड़ी आबादी के बावजूद खलासी मोहल्ला में एक भी उप-स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। हम लोगों को सामान्य बीमारी में भी मुंगेर सरकारी अस्पताल जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि, मोहल्ले में बच्चों के खेलने के लिए कोई मैदान भी नहीं है। इससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास बाधित हो रहा है। मोहल्ले में सबसे अधिक संख्या में सरकारी कर्मचारी रहते हैं, इसके बावजूद सुविधाओं का घोर अभाव है।

सफाई व्यवस्था हुई ढेर:

लोगों ने बताया कि, स्वच्छ भारत अभियान के तहत नगर परिषद ने पुराने कूड़ेदानों को हटा दिया, लेकिन उनकी जगह कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। परिणामस्वरूप, कचरा अब मोहल्ले में इमामबाड़ा नंबर-2 में खुले में फेंका जा रहा है, जिससे न केवल बदबू और गंदगी फैल रही है, बल्कि बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है और स्थानीय लोगों का जीवन और भी कठिन हो गया है। वैसे यहां नियमित साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है और मोहल्ले की गलियां अक्सर गंदगी से भरी रहती हैं। यही नहीं, मोहल्ले में पिंक शौचालय जैसी आवश्यक‌ सुविधाएं महिलाओं के लिए उपलब्ध नहीं हैं, जिससे उन्हें भारी परेशानी होती है। सुरक्षा की दृष्टि से भी यह चिंताजनक स्थिति है। मुख्य सड़क वर्षों से नहीं बनी है और नाला निर्माण कार्य भी अधर में लटका है। जाम की समस्या इतनी गंभीर है कि, दिनभर लोगों को आवागमन में कठिनाई होती है।

सवालों के घेरे में नगर परिषद की भूमिका:

लोगों ने सवाल उठाया कि, जब नगर परिषद सबसे अधिक टैक्स वसूल रही है, तो फिर सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही हैं? क्या नगर परिषद केवल टैक्स वसूलने के लिए है, या फिर नागरिकों को एक सम्मानजनक जीवन देने की भी कोई जिम्मेदारी है? खलासी मोहल्ला की समस्याएं वर्षों की उपेक्षा का परिणाम हैं। यहां के निवासी अब केवल आश्वासनों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की अपेक्षा कर रहे हैं। नगर प्रशासन को चाहिए कि, वह अविलंब इन मुद्दों पर ध्यान दे और खलासी मोहल्ला को भी विकास की मुख्यधारा में शामिल करे।

शिकायत

1. मोहल्ले में लगभग 300 एलईडी लाइटें खराब हैं, जिससे रात में अंधकार फैल जाता है और अपराध तथा अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।

2. लगभग 500 घरों में नल-जल कनेक्शन दिया गया है, लेकिन पानी नहीं पहुंचता है। योजना के तहत खुदी सड़कों की मरम्मत नहीं होने से जलजमाव और अन्य दुर्घटनाएं होती हैं।

3. लगभग 15,000 की आबादी के बावजूद खलासी मोहल्ला में कोई उप-स्वास्थ्य केंद्र नहीं है, जिससे लोगों को इलाज के लिए मुंगेर जाना पड़ता है।

4. स्वच्छ भारत अभियान के तहत मोहल्ले से पुराने कूड़ेदान तो हटा दिए गए, लेकिन नई व्यवस्था नहीं की गई, जिससे खुले में कचरा फेंका जा रहा है।

5. बच्चों के लिए खेलने का मैदान नहीं है और महिलाओं के लिए पिंक शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा उपलब्ध नहीं है।

सुझाव:

1. बंद पड़ी एलईडी लाइटों को जल्द मरम्मत कर चालू किया जाए, ताकि अंधेरा दूर हो और अपराध पर नियंत्रण हो सके।

2. जिन घरों में पानी नहीं पहुंच रहा, वहां आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और खुदी हुई सड़कों की मरम्मत तत्काल की जाए।

3. खलासी मोहल्ला में एक प्राथमिक उप-स्वास्थ्य केंद्र खोला जाए, ताकि सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए दूर न जाना पड़े।

4. हर मोहल्ले में वैकल्पिक कूड़ेदान की व्यवस्था की जाए और इमामबाड़ा नंबर-2 जैसे डंपिंग स्थल को हटाया जाए।

5. बच्चों के लिए खेल मैदान विकसित किए जाएं और सार्वजनिक स्थलों पर महिला पिंक शौचालय बनवाया जाए जिससे उनकी गरिमा और सुरक्षा बनी रहे।

हमारी भी सुनें

खलासी मोहल्ले में सफाई और पानी की गंभीर समस्या है। नल-जल योजना का कार्य अधूरा है। लोग अब तक शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं।

-उमेश दास

नगर परिषद टैक्स तो वसूलता है, लेकिन सुविधा नहीं दे रहा है। नल-जल का लाभ भी अब तक हम लोगों को नहीं मिला। जमालपुर शहर से डस्टबिन हटाकर जहां-तहां कचरे को डंप किया जाता है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है।

-नीतीश पासवान

मोहल्ले में बिजली, पानी और सड़क की गंभीर समस्या है। नल-जल योजना का कार्य अधूरा है। लोग अब तक शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं।

-पप्पू पासवान

नाले को पूरा कवर कर दिया गया है, जिससे नाले की सफाई नहीं हो पाती है। बरसात के दिनों में परेशानी होती है।

-अवधेश पासवान

जमालपुर स्टेशन से लेकर धरहरा मुख्य मार्ग की सड़क लगभग 20 वर्षों से खराब पड़ी है। जाम की समस्या बनी रहती है।

-हेमंत

जमालपुर को लोह नगरी कहा जाता है, लेकिन इतनी बड़ी बाजार होने के बावजूद यहां एक भी पिंक शौचालय नहीं है। महिलाओं को काफी परेशानी होती है।

-पीयूष

हम लोग नगर परिषद को नियमित टैक्स देते हैं, फिर भी नल-जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इसके अलावा हमें बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है।

-मो. समीम

गैस कनेक्शन और नल-जल योजना के लिए सड़क को बर्बाद कर दिया गया है। बाजार से कोई भी ई-रिक्शा आना नहीं चाहता है।

-विनोद

नल-जल योजना का कनेक्शन दो साल बीत जाने के बाद भी कई घरों में नहीं हुआ। वही हाल गैस कनेक्शन का भी है।

-हीरा राव

स्वच्छ भारत अभियान के तहत जमालपुर के सारे कूड़ेदानों को नगर परिषद द्वारा तोड़ दिया गया, जबकि इसकी वैकल्पिक व्यवस्था नगर परिषद को करनी चाहिए थी।

-चंदन

खलासी मोहल्ले की आबादी लगभग 15,000 है, लेकिन स्वास्थ्य के नाम पर एक भी उप-स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था नहीं है।

-शंभू प्रसाद साह

जमालपुर के बीचो-बीच डंपिंग यार्ड बना दिया है, जिससे स्थानीय लोगों को बीमारी का खतरा बना रहता है। कभी डीडीटी छिड़काव भी नहीं होता है।

-प्रियम पासवान

इस मोहल्ले में एलईडी लाइट की भी स्थिति सही नहीं है। लगभग 300 लाइट आज भी बंद हैं। अंधेरे का फायदा उठाकर यहां शराब का कारोबार फल-फूल रहा है।

-सचिन कुमार

करीब दो दशक से जमालपुर-धरहरा मुख्य मार्ग की सड़क जर्जर स्थिति में है। इस पर आए दिन जाम लगता है और रोजाना एक-दो सड़क हादसे होते रहते हैं।

-मो. प्यारे

खलासी मोहल्ला के इमामबाड़ा नंबर दो में सार्वजनिक कूड़ा स्थल बना दिया गया है, जिससे आसपास के लोगों को परेशानी हो रही है।

-मो. कयामुद्दीन

पानी के लिए वार्ड की कई गलियों में सड़क को बर्बाद कर दिया गया है। आए दिन बच्चे गिरकर चोटिल हो रहे हैं।

-धीरज

बोले जिम्मेदार

जहां पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां पानी का प्रेशर नहीं होने के कारण पानी नहीं पहुंचने की शिकायत मिल रही है। जहां हाउस कनेक्शन छूटा हुआ है, उसे बुडको देख रही है। पानी का प्रेशर नहीं बन पा रहा है। इसे लेकर जमालपुर में नया सर्वे हो रहा है। नये ओएसडी से पानी की सप्लाई होगी। इसके लिए नई बोरिंग होगी। नगर विकास विभाग से कंसल्टेंसी आई हुई है, जिसने सर्वे किया है। इसके लिए टीपीआर तैयार हो रहा है। चार नई पानी की टंकी का निर्माण होगा और जल्द ही पानी की समस्याएं दूर हो जाएंगी। वार्ड की बाकी समस्याओं को भी दूर किया जाएगा।

-विवेक कुमार, सहायक अभियंता, नगर परिषद, जमालपुर

बोले मुंगेर असर

मुंगेर बस स्टैंड का होगा कायाकल्प, घेराबंदी शुरू

मुंगेर, एक संवाददाता। वर्ष 1956 में बना मुंगेर सरकारी स्टैंड अब जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है। इसका कायाकल्प जल्द ही होने वाला है। इसको लेकर बोले मुंगेर अभियान के तहत बीते 3 फरवरी को अपने हिन्दुस्तान समाचार पत्र में खबर का प्रकाशन हुआ था। इसका असर विभाग पर पड़ता दिखाई पड़ रहा है। असर यह है कि विभाग द्वारा फिलहाल इस बस स्टैंड घेराबंदी कराई जा रही है। यहां से प्रतिष्ठान अधीक्षक विजय यादव ने बताया कि विभाग द्वारा इसके पुनर्निर्माण का प्रस्ताव भी दिया जा चुका है। पटना से आई विभाग की टीम ने बस स्टैंड का मुआयना किया है और अब इसका डीपीआर बनाने की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही इस बस स्टैंड के पुनर्निर्माण के लिए व्यवहार द्वारा टेंडर भी प्रकाशित किए जाने की संभावना है। ऐसे में मुंगेर के लोगों में आस जगी है। इस बस स्टैंड के कर्मियों के साथ-साथ यहां से यात्रा करने वाले यात्रियों को एक हाईटेक बस स्टैंड मिलने की उम्मीद है। इसे लेकर आम लोगों ने हिन्दुस्तान के बोले मुंगेर मुहिम का आभार व्यक्त किया है।

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