Tragic Train Accident Claims Lives of Two Migrant Workers in Chhattisgarh पांच दिन बाद गांव पहुंचा प्रवासी मजदूरों का शव, ग्रामीणों ने किया हंगामा, Dhanbad Hindi News - Hindustan
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पांच दिन बाद गांव पहुंचा प्रवासी मजदूरों का शव, ग्रामीणों ने किया हंगामा

शव पहुंचते ही गांव में मचा कोहराम, मुआवजे की मांग पर परिजनों का जताया आक्रोश

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादSat, 14 June 2025 05:26 AM
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पांच दिन बाद गांव पहुंचा प्रवासी मजदूरों का शव, ग्रामीणों ने किया हंगामा

तोपचांची, प्रतिनिधि। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के कुसुमकुसा रेलवे स्टेशन के समीप हुए रेल हादसे में मारे गए दो प्रवासी मजदूर कृष्णा राय व डीलू राय का शव शुक्रवार सुबह 11 बजे एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव तोपचांची प्रखंड के नेरो पंचायत स्थित लक्ष्मणपुर पहुंचा। शव पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया। परिजनों के रोने-बिलखने से माहौल गमगीन हो गया। डीलू राय की मां पुनकी देवी ने रोते हुए कहा कि अब कौन बुलाएगा मुझे ‘माई, मेरा बेटा तो चला गया। इतने दिन तक इंतजार किया कि वह जिंदा लौटेगा, पर अब वह कभी नहीं लौटेगा। वहीं, कृष्णा राय की मां राधिका देवी ने रोते हुए कहा कि मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई।

रो-रोकर उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे बेहोश होकर गिर पड़ीं। बताया कि दोनों मजदूर छत्तीसगढ़ के राजहरा स्थित डायनासोर कंपनी में कार्यरत थे। मजदूरी को लेकर कंपनी के सीनियर स्टाफ आषुतोष और ठेकेदार हर्षित सिंह से मजदूरों का विवाद हो गया था। विवाद मारपीट में बदल गया। डर के मारे कई मजदूर भागने लगे। इसी दौरान कृष्णा राय व डीलू राय मालगाड़ी की चपेट में आ गए जिससे उनकी मौत हो गई। इस हादसे में दो अन्य मजदूर अजय राय और विकास हेंब्रम गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज कतरास के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। मौके पर उपस्थित जिला सांसद प्रतिनिधि सुभाष रवानी, मुखिया उमेश महतो, पूर्व जिप सदस्य सहदेव सिंह ने पीड़ित परिजनों को उचित मुआवजे देने की मांग की है। सरकारी दस्तावेज नहीं देने पर ग्रामीणों का विरोध शव एंबुलेंस से गांव तो पहुंचा, लेकिन साथ में किसी तरह का आधिकारिक कागजात नहीं थे, ना ही छत्तीसगढ़ प्रशासन द्वारा कोई प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसपर परिजनों व ग्रामीणों ने शव को एंबुलेंस से उतारने से मना कर दिया और विरोध जताया। उनका कहना है कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद छत्तीसगढ़ प्रशासन और कंपनी प्रबंधन की चुप्पी शर्मनाक है।

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