पीरपैंती-गोड्डा एनएच 133 के चौड़ीकरण की जमीन का नक्शा गायब
हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव पीरपैंती विधायक ने विधानसभा में और मंत्री से की है शिकायत अतिक्रमण

भागलपुर, मुख्य संवाददाता। पीरपैंती-गोड्डा एनएच 133 के चौड़ीकरण की जमीन का नक्शा गायब हो गया है। यह आरोप सत्तारूढ़ दल भाजपा के पीरपैंती के विधायक ललन पासवान ने बिहार विधानसभा में लगाया है। इतना ही नहीं, विधायक ने अतिक्रमण हटाने से संबंधित पूर्व में पूछे गए सवाल के जवाब को झूठी रिपोर्ट करार देकर जांच की मांग कर दी है। जिसको लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में बवाल मचा हुआ है। विधायक ने विभागीय मंत्री संजय सरावगी को भी पूरे मामले की जानकारी से अवगत कराया है। इस पर मंत्री ने मामला गंभीर बताते हुए त्वरित कार्रवाई कर जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
इधर, विभाग के विशेष सचिव ने डीएम से इसकी स्थलीय जांच कराने का अनुरोध किया है। डीएम ने इसका जिम्मा सामान्य शाखा के वरीय उप समाहर्ता को दिया है। उन्हें कहा गया है कि अंचल प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर खानापूर्ति करने और बारा मौजा में चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहीत जमीन का दस्तावेज कार्यालय से गायब होने की जांच करें और प्रतिवेदन दें। ताकि जिलाधिकारी के स्तर से जांच प्रतिवेदन विभाग को भेजा जा सके। विधायक ने बताया कि अंचल प्रशासन द्वारा बड़ी गड़बड़ी की जा रही है। इसकी जांच के लिए दो बार विधानसभा में मामला उठाया गया है। पीरपैंती के बारा मौजा में अतिक्रमण वाद संख्या 02/2024-25 में अतिक्रमण हटाने का बजट सत्र में मुद्दा उठाया था। 27 मार्च को बजट सत्र के दौरान गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से इस जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने का प्रस्ताव पेश किया गया था। प्रस्ताव के जवाब में कहा गया कि बारा मौजे की इस जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए वाद संख्या 02/2024-25 चलाकर जमीन अतिक्रमणमुक्त करा लिया गया है। जबकि यह सरासर झूठ है। हकीकत यह है कि एक इंच भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। यह सरकार और सदन को गुमराह करने का गंभीर मामला विधायक ने कहा कि संपूर्ण जमीन पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा बरकरार है। अतिक्रमणकारियों द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से कार्यालय से संबंधित दस्तावेज और नक्शा गायब कर दिया गया है। अतिक्रमण के कारण वर्षों से सड़क एवं नाले का निर्माण कार्य बाधित है। जिसके कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है और जाम की समस्या स्थाई रूप से बनी हुई है। विधायक ने कहा कि यह हजारों लोगों के जनजीवन को बाधित और प्रभावित करने, सरकारी कामों को बाधा पहुंचाने, वर्षों से सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने, सामूहिक रूप से सरकारी दस्तावेजों को गायब करना प्रशासन द्वारा सरकार और सदन को गुमराह करने का गंभीर मामला है। .......... कोट ... आगामी 19 जून को पीरपैंती के सीओ और संबंधित राजस्व कर्मचारी एवं अमीन को संबंधित स्थल पर मौजूद रहने को कहा गया है। वे खुद जांच के लिए जाएंगे। - मिथिलेश प्रसाद सिंह, एसडीसी।
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