बोले सहरसा : शिविर लगाकर दिव्यांगों को रोजगार व ऋण हो उपलब्ध
दिव्यांग समाज शिक्षा, रोजगार और सम्मान के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई हो रही है। दिव्यांगों का कहना है कि उन्हें रोजगार के लिए...
दिव्यांग समाज शिक्षा, रोजगार एवं सम्मान के लिए आज भी संघर्ष कर रहा है। अनुमंडल के दिव्यांग कई तरह चुनौतियों से जूझ रहे हैं। दिव्यांग की शिकायत है कि आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। दफ्तरों में संवेदनहीन रवैये का सामना करना पड़ता है। जन वितरण दुकान के चयन में भी भागीदारी नहीं मिलती है। पूंजी की कमी से खुद का रोजगार नहीं कर पा रहे हैं। इस समाज का कहना है कि प्रशासन शिविर लगाकर रोजगार दिलाए एवं सस्ती दर पर बैंक से ऋण की सुविधा दिलाये। हिन्दुस्तान के साथ संवाद में दिव्यांगों ने अपनी समस्या व शिकायत साझा की।
21 प्रकार के दिव्यांगों में से 40 से सौ फीसदी तक हैं अनुमंडल में
04 सौ से तीन हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन देने की उठा रहे है मांग
02 हजार 16 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम एक्ट लागू किया गया
दिव्यांग इसी समाज के लोग हैं। जो शारीरिक अक्षमता के कारण आम लोगों की तरह दैनिक कार्य नहीं कर पाते हैं। कहीं ना कहीं उनकी अक्षमता काम में आड़े आती है। जिसका प्रभाव उसके जीवन पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ता है। अनुमंडल के सिमरी बख्तियारपुर, सलखुआ एवं बनमा ईटहरी प्रखंड में दिव्यांगों की संख्या अधिक है। सरकार के द्वारा दिव्यांगों के लिए कई योजनाएं तो चलाई गई है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ काफी मशक्कत के बाद दिव्यांगों को मिल पाता है। आपके अपने अखबार हिंदुस्तान के साथ संवाद के दौरान दिव्यांग समाज के लोगों ने खुलकर अपनी दर्द भरी कहानी को बयां किया। उनका कहना था कि दिव्यांग समाज के व्यक्ति को कई प्रकार के चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अनुमंडल में 21 प्रकार के दिव्यांग में 40 से सौ प्रतिशत तक के भी दिव्यांग शामिल हैं। दिव्यांग लोगों की दिव्यांग प्रमाणपत्र, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार आदि की दरकार हैं। दिव्यांग की संख्या सिमरी बख्तियारपुर में हजारों में है। यह आंकड़ा भी वक्त के साथ बढ़ता ही जा रहा है। दिव्यांगता पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। लेकिन उसकी राशि प्रत्येक माह 4 सौ रुपए है। जिसे सरकार 3 हजार रुपए प्रतिमाह करें। इनको प्राथमिकता के आधार पर अंत्योदय कार्ड एवं राशन कार्ड मिलना चाहिए। विराट विकलांग सेवा समिति सिमरी बख्तियारपुर के सचिव आफताब आलम दिव्यांग की परेशानियों को साझा करते हुए बताया कि सरकार योजनाएं तो बना देती है लेकिन जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक अधिकारियों की उदासीनता से योजनाओं का लाभ सही लाभुकों तक नहीं पहुंच पाता है। अधिकारी कई मामलों में संवेदनशील नहीं रहते हैं। अभी भी कई दिव्यांग दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
कार्यालयों में रैंप सुविधा नहीं रहने से परेशानी
दिव्यांगजनों का कहना है कि कई कार्यालय में रैंप जैसी जरूरी सुविधाएं नहीं होने से अधिकारियों एवं कर्मचारी तक अपनी बात सही तरीके से नहीं पहुंचा पाते हैं। किसी भी बात को उन तक पहुंचाने के लिए किसी तीसरे आदमी की मदद लेनी पड़ती है। दिव्यांगजनों के लिए वर्ष 2016 में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम एक्ट लागू किया गया। लेकिन दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम को धरातल पर उतर रहा है। सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड में दिव्यांगों के हित के लिए वर्ष 2020 में बुनियाद केंद्र भव्य भवन में खोला गया था। जिसका उद्देश्य दिव्यांग जनों को मुख्य धारा में जोड़ना था। लेकिन बुनियाद केंद्र में कर्मचारी एवं एक्सपर्ट की कमी है। जिसका लाभ दिव्यांग नहीं उठा पा रहे हैं।
शिकायत
1. दिव्यांगों को कैंप की सूचना नहीं मिल पाती है। प्रमाण पत्र त्वरित नहीं दिया जाता है।
2. दिव्यांग जनों को हर महीने 4 सौ रुपए ही पेंशन मिलती है।
3. दिव्यांग को ऋण के साथ रोजगार कैंप लगाकर नहीं दिया जाता।
4. ट्राई साइकिल की रिपेयरिंग हेतु सेंटर अनुमंडल में नहीं है।
सुझाव
1. सरकार विशेष कैंप लगाकर दिव्यांग जनों की जांच करे एवं त्वरित प्रमाण पत्र मिले।
2. बुनियाद केंद्र में कर्मी नियुक्त कर सभी दिव्यांग को सुविधा मिले।
3. दिव्यांगों को हरेक माह 3 हजार रुपए पेंशन दी जाए।
4. दिव्यांगों को कैंप लगाकर रोजगार मिले। ऋण की व्यवस्था हो।
हमारी भी सुनें
वंचित दिव्यांगों का प्रमाण पत्र एवं यूडीआईडी कार्ड बनाने को ले सभी प्रकार की जांच की व्यवस्था अनुमंडल स्तर पर की जाए।
आफताब आलम
भूमिहीन दिव्यांग के लिए पांच डिसमिल जमीन मुहैया कराया जाएं। साथ ही आवास योजना का लाभ दिया जाए।
मो. अब्दुल
कौशल विकास योजना के तहत सभी शिक्षित दिव्यांग जनों को प्रशिक्षण देकर स्वावलंबन बनाया जाए। आर्थिक योजनाओं का लाभ मिले।
राजेन्द्र यादव
पूर्व से बना हुआ आयोग जैसे अल्पसंख्यक, युवा, महिला आयोग को देखते हुए राज्य स्तर पर दिव्यांग आयोग का गठन किया जाए। ताकि दिव्यांगजनों को पूर्ण लाभ मिल सके।
मो. फैसल
दिव्यांग को सभी प्रकार का रोजगार करने के लिए ऋण दिला जाए। इस मामले में दिव्यांगों को कई तरह की परेशाी झेलनी पड़ती है।
अजीत मालाकार
सभी दिव्यांगों के शारीरिक कष्ट, महंगाई एवं बेरोजगारी को देखते हुए पेंशन की राशि 4 सौ रुपए से बढ़ा 3 हजार रुपए किया जाए।
सिताबी यादव
प्रखंड स्तर पर सभी दिव्यांगो को श्रम संसाधन विकास की तरफ से रोजगार शिविर लगाकर रोजगार मुहैया कराया जाए।
दिव्यांग जनों को भी चुनाव लड़ने के लिए राजस्थान की तरह अपने राज्य में भी लोकसभा, विधानसभा, पंचायती राज, नगर निकाय में भी आरक्षण दिया जाए।
सुरेश मालाकार
सभी दिव्यांग का 14 प्रकार से 21 प्रकार कर दिया गया है। इसी तरह आरक्षण को 4 प्रतिशत से बढ़ा कर 10 प्रतिशत किया जाए।
अरुण शर्मा
सभी दिव्यांग को शौचालय निर्माण योजना का लाभ दिया जाए। उन्हें चिह्नित कर अविलंब शौचालय निर्माण कराया जाए।
संजू देवी
विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र बनाने के लिए दिव्यांगों को कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है। शिविर लगाकर निष्पादन किया जाएं।
कौशल्या देवी
सिमरी बख्तियारपुर रेलवे स्टेशन पर दिव्यांगों एवं बुजुर्ग यात्रियों के लिए अलग से टिकट काउंटर शौचालय जाने के लिए रैंप की व्यवस्था की जाएं।
चंद्रशेखर स्वर्णकार
सभी दिव्यांग जनों के शारीरिक कष्ट को देखते हुए प्रत्येक अनुमंडलीय अस्पताल में उपचार की समुचित व्यवस्था हो।
अमित कुमार
दिव्यांगों को 10 लाख रुपए का बीमा किया जाए। ताकि आपात स्थिति में दिव्यांगों का काम आ सके। वहीं अन्य सुविधा मिले।
मो. इजाज
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सभी दिव्यांगों को आवास सुविधा मिले और प्रमाण पत्र का वितरण किया जाए।
इतवारी शर्मा
महिला दिव्यांग को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से कार्य करने के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण तहत चुना जाए। योजनाओं का लाभ मिलने सेमहिला आत्मनिर्भर हो सकें।
मीना खातून
बोले जिम्मेदार
दिव्यांगजनों के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। उनका लाभ दिव्यांग उठा सकते हैं। समय-समय पर मेडिकल कैंप भी लगाया जाता है। बुनियाद केंद्र में भी दिव्यांगों की सुविधा दी गई है। उनके लिए लागू योजना का वे लाभ उठाएं।
-अनिषा सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी, सिमरी बख्तियारपुर
सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड में दिव्यांग की सुविधा के लिए सरकार की योजनाओं को तहत कार्य किया जाता रहा है। समय-समय पर दिव्यांग को ट्राईसाइकिल, बैसाखी, स्टिक आदि दिए जाते हैं। दिव्यांगों के लिए जो योजनाएं आती हैं, उसे सरजमीं पर उतारा जाता है।
-जयकिशन, प्रखंड विकास पदाधिकारी, सिमरी बख्तियारपुर
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