Sudden Rise in Kanakai River Water Level Causes Devastating Damage to Maize Crops in Dighalbank किशनगंज : नदी का जलस्तर बढ़ा, मक्का किसानों को व्यापक नुकसान, Bhagalpur Hindi News - Hindustan
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किशनगंज : नदी का जलस्तर बढ़ा, मक्का किसानों को व्यापक नुकसान

दिघलबैंक प्रखंड में कनकई और बूढ़ी कनकई नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से तटवर्ती इलाकों में मक्का की फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है। नदियों के उफान के कारण कई चचरी...

Newswrap हिन्दुस्तान, भागलपुरSat, 31 May 2025 05:46 PM
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किशनगंज : नदी का जलस्तर बढ़ा, मक्का किसानों को व्यापक नुकसान

दिघलबैंक। एक संवाददाता नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों से निकलकर दिघलबैंक प्रखंड में बहने वाली कनकई और बूढ़ी कनकाई नदी के जलस्तर में शुक्रवार देर रात अचानक से हुई वृद्धि ने तटवर्ती ईलाकों में मक्का की फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया है। नेपाल में हो रहे मूसलाधार बारिश के बाद अचानक से बढ़े जलस्तर के कारण दिघलबैंक प्रखंड से बहने वाली कनकई और बूढ़ी कनकई नदियों का जलस्तर शुक्रवार की मध्य रात्रि से बढ़ते बढ़ते शनिवार की सुबह तक करीब नदी का पानी तीन से चार मीटर ऊपर आ गया। जिस कारण दिघलबैंक प्रखंड के तटवर्ती पंचायतों के पांचगाछी, डोरिया,बिहारटोला, भूरलिभिट्टा, पलसा घाट, डाकुपारा, मंदिर टोला, कंचनबारी, आदिवासी टोला कुढ़ेली आदि दर्जनों गांवों में तोड़कर जमा किया गया मक्का या तो जलमग्न हो गया या पानी के बहाव में बह गया है।

जिससे क्षेत्र के किसान हताश व निराश हैं। शनिवार सुबह जब किसानों की नींद खुली तो जगह-जगह फसल जलमग्न था। जिसके बाद आनन-फानन में लोगों ने एक दूसरे का मदद करते हुए पानी में तैरते हुए या बचे खुचे तैयार मक्के की फसलों को पानी से बाहर निकालना प्रारंभ कर दिया है। इधर शनिवार दोपहर बाद नदियों के जलस्तर में गिरावट दर्ज होने लगी है और लोगों ने थोड़ी राहत कि सांस ली है। लेकिन लगातार हो रहे बारिश और अब अचानक से नदियों के उफान ने प्रखंड के धनतोला, अठगछिया, सिंघीमारी, लोहागाढ़ा, पथरघट्टी आदि पंचायतों के तटवर्ती गांवों के मक्के किसानों के मेहनत पर पूरी तरह से पानी फेर दिया है। मौसम और प्रकृति की मार ने किसानों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। तटवर्ती मक्का किसानों कि मानें तो पहले हाथियों की झुंड ने, बाद में लगातार हो रहे बारिश ने तो निराश और हताश किया ही था परंतु अचानक से नदियों के जलस्तर में हुए वृद्धि से व्यापक नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से उचित मुआवजा की मांग की है। दूसरी ओर नदियों के जलस्तर में अचानक से हुए वृद्धि के कारण कनकई और बूढ़ी कनकई के ऊपर जगह जगह बने चचरी पुल बह गये हैं। ऐसे जगहों से आवागमन करने वालें लोगों के लिए तत्काल समस्या उत्पन्न हो गई है। कई जगहों पर डायवर्सन बह गये हैं। सीमा सुरक्षा सड़क पर पुल पुलियों को लेकर युद्ध स्तर पर चल रहा कार्य जल जमाव के कारण अवरूद्ध हो गया है ।

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