हत्या कर टुकड़ों में काटा, 16 साल के लड़के का निचला हिस्सा अब भी गायब; बिहार में लव अफेयर का खौफनाक अंजाम
अमित की मां व बहन ने बताया कि अमित को फोन कर घर से बुलाने वाले गांव के ही फूल मोहम्मद का पुत्र राजू, उसकी पुत्री नाजिया खातून, राजू की मां हमेशा अमित से फोन पर बातचीत करते थे। अमित व राजू छठी से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई एक साथ किए थे।

पश्चिम चंपारण के बेतिया में मुफस्सिल थाने के सनसरैया गांव से 27 मार्च को अगवा अमित कुमार (18) की हत्या कर दी गई। अपराधियों ने शव के टुकड़े कर चंद्रावत नदी किनारे झाड़ी में फेंक दिया। शनिवार शाम बैरिया थाने के बगही गांव के पास टुकड़ों में अमित का नरकंकाल पुलिस ने बरामद किया। खोपड़ी रविवार सुबह बरामद की गई। शरीर का निचला हिस्सा गायब है। परिजनों ने पैंट व बेल्ट से शव की पहचान की।
एसडीपीओ विवेक दीप ने बताया कि मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दो को हिरासत में लिया गया है। परिजनों ने प्रेम प्रसंग में हत्या की आशंका जताई है। उधर, घटना से नाराज लोगों ने रविवार सुबह बेतिया-नौतन पथ जाम कर दिया। पुलिस अधिकारियों ने जाम हटवाया। एसपी डॉ. शौर्य सुमन ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की।
अमित की मां व बहन ने बताया कि अमित को फोन कर घर से बुलाने वाले गांव के ही फूल मोहम्मद का पुत्र राजू, उसकी पुत्री नाजिया खातून, राजू की मां हमेशा अमित से फोन पर बातचीत करते थे। अमित व राजू छठी से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई एक साथ किए थे। इससे दोनों की दोस्ती हो गई और दोनों का एक-दूसरे के घर आना-जाना हो गया।
बहन अनिशा कुमारी ने बताया कि अमित के लापता होने के कुछ दिनों के बाद राजू के पिता फूल मोहम्मद हमारे घर पर आए थे। घर पर आकर उन्होंने कहा था कि बाहरी लड़का अगर आपके घर में आएगा तो आप लोग क्या करोगे? यह बात उन लोगों को समझ में उस वक्त नहीं आई। जब गंभीरता से सोचा गया तब उन लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। बताया था कि उसने अप्रत्यक्ष तौर पर धमकी दी थी। लेकिन पुलिस ने उन लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की।
पुलिस ने कहा भगवान नहीं है कि तुम्हारे बेटे को ढूंढ कर ला दें : सनसरैया निवासी ललन महतो के पुत्र अमित कुमार के परिजनों ने मुफस्सिल पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अमित की मां व बहन ने पत्रकारों को बताया कि शिकायत करने के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। पुलिसिया छानबीन के दौरान अमित के कॉल डिटेल से जानकारी मिलने के बाद भी पुलिस ने आरोपी व उसके परिजनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
मां ने बताया कि मैं अपने पुत्र के बारे में जानकारी लेने के लिए लगातार थाना पर जाती थी। लगभग हर दूसरे-तीसरे दिन थाने पर हमलोग जाते थे, लेकिन पुलिस ने तत्परता नहीं दिखायी। पुलिस पदाधिकारी उन्हें यह कह कर लौटा देते कि कि पुलिस वाले भगवान नहीं है कि आपके पुत्र को ढूंढ कर ला दें। वे लोग कहते थे लड़का उनकी मुट्ठी में नहीं है कि उठा कर दे दें।
लड़के का सुराग नहीं मिल रहा है, सुराग मिलने पर कार्रवाई होगी। मां व बहन ने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले वे लोग इस मामले में शिकायत करने एसपी के पास भी गए थे। लेकिन पुलिस कार्यालय में तैनात गार्डों ने उन्हें एसपी से मिलने नहीं दिया। गार्डों ने उन्हें थाना पर भेज दिया। वे लोग थाना पर जाते थे, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जाती थी।
पुलिस की कार्यशैली से खफा थे परिजन
अमित की हत्या की खबर गांव में फैलते ही लोगों में आक्रोश फूट पड़ा। रविवार की सुबह आक्रोशित ग्रामीणों ने बांस-बल्ला लगाकर बेतिया नौतन पथ को जाम कर दिया। लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। लोगों का कहना था कि अपहरण जैसे गंभीर मामले में पुलिस की टीम ने दो माह तक सक्रियता नहीं दिखायी।
अमित के कॉल डिटेल से पुलिस को पता चल गया था कि उसके लापता होने के पहले किससे बात हुई थी। आरोपियों से सही पूछताछ नहीं की गई। उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। यह तो संयोग है कि घास काटने वाली महिला ने शव को देख लिया नहीं तो पुलिस अंधेरे में ही तीर मारती रहती। हत्या की जानकारी भी नहीं होती।