महिला अभ्यर्थियों को भूखे पेट लगानी पड़ी दौड़
होमगार्ड बहाली शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए झेली 15 घंटे परेशानी पानी पीकर दौड़ व

भागलपुर, वरीय संवाददाता। होमगार्ड बहाली प्रक्रिया के दौरान महिला अभ्यर्थियों और उनके परिजनों को सोमवार को भीषण परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह 4 बजे टीएमबीयू स्टेडियम पहुंची सैकड़ों महिला अभ्यर्थियों को लगभग 15 घंटे तक भूखे पेट शारीरिक दक्षता परीक्षा में हिस्सा लेना पड़ा, जिससे उनमें और उनके अभिभावकों में भारी आक्रोश दिखा। महिला अभ्यर्थियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बहाली प्रक्रिया में काफी शिथिलता बरती जा रही थी, जिसकी वजह से प्रक्रिया में अत्यधिक देरी हुई। उन्हें सुबह 4 बजे से ही इंतजार करना पड़ा। रात आठ बजे तक बहाली प्रक्रिया चलती रही। जब कुछ अभ्यर्थियों ने देरी की शिकायत की, तो मौजूद अधिकारियों ने खाना उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
खाना बनवाया भी गया, लेकिन वह आधे अभ्यर्थियों के लिए भी पर्याप्त नहीं था और जल्द ही खत्म हो गया। नतीजतन, कई अभ्यर्थियों को भूखे पेट ही दौड़ लगाने पर मजबूर होना पड़ा। अभ्यर्थियों ने बताया कि शौचालय भी काफी गंदे थे। वहीं, अभ्यर्थियों के भूखे रहने के बावजूद, वहां मौजूद पदाधिकारियों और कर्मियों के लिए समय-समय पर नाश्ते और खाने का प्रबंध किया जा रहा था, जिससे अभ्यर्थियों में असंतोष और बढ़ा। अभिभावकों का फूटा गुस्सा स्टेडियम के बाहर घंटों से इंतजार कर रहे अभिभावकों में भी अपने बच्चों को इतने लंबे समय तक भूखे रखकर शारीरिक दक्षता परीक्षा दिलवाने को लेकर गहरा आक्रोश था। वे लगातार प्रशासनिक अव्यवस्था पर सवाल उठा रहे थे। इसको लेकर अनिल महतो ने बताया कि वह कई किलोमीटर दूर से अपनी बच्ची को लेकर बहाली में दिलाने के लिए लेकर आये हैं। अभ्यर्थियों को भूखे शारीरिक दक्षता परीक्षा लिये जाने की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने खुद बाहर से खाने का सामान खरीद कर बच्ची तक पहुंचाने का प्रयास किया। पर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। प्रशासन का पक्ष और कारण मामले को लेकर बहाली प्रक्रिया का संचालन करा रहे वरीय जिला समादेष्टा हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि महिला अभ्यर्थियों की बहाली प्रक्रिया सोमवार से ही शुरू हुई है। उन्होंने देरी का मुख्य कारण अप्रत्याशित रूप से बड़ी संख्या में महिला अभ्यर्थियों का 800 मीटर दौड़ में क्वालीफाई करना बताया। उन्होंने कहा कि जहां पुरुषों के क्वालिफाइंग दौड़ में केवल 20% अभ्यर्थी सफल हो रहे थे, वहीं महिला अभ्यर्थियों में मात्र 15% ही बाहर हुईं। अधिक संख्या में अभ्यर्थियों के क्वालीफाई करने के कारण ही समय अधिक लगा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि खाने का प्रबंध किया गया था, लेकिन वह कम पड़ गया। इस संबंध में सोमवार को ही जिलाधिकारी को जानकारी दे दी गई है, और मंगलवार से अभ्यर्थियों के लिए खान-पान का उचित इंतजाम करने का आश्वासन मिला है। सिंह ने अंत में बताया कि करीब 93 अभ्यर्थियों के विवरण बेल्ट्रॉन द्वारा अपलोड नहीं किए जाने के कारण भी बहाली प्रक्रिया में कुछ देरी हुई।
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