Pakistan politician Sherry Rehman gets flustered when grilled on Pakistan terror links watch video क्या भारत से हर बार युद्ध लड़ना पड़ेगा, पाक सांसद के छूटे पसीने; विदेशी एंकर ने ब्रिगेड 313 पर घेरा, International Hindi News - Hindustan
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क्या भारत से हर बार युद्ध लड़ना पड़ेगा, पाक सांसद के छूटे पसीने; विदेशी एंकर ने ब्रिगेड 313 पर घेरा

पाकिस्तान की पूर्व राजदूत शैरी रहमान ने स्काई न्यूज पर भारत द्वारा लगाए गए आतंकवाद संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए ब्रिगेड 313 और जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े सवालों पर बचावात्मक रुख अपनाया।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, इस्लामाबादTue, 10 June 2025 02:35 PM
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क्या भारत से हर बार युद्ध लड़ना पड़ेगा, पाक सांसद के छूटे पसीने; विदेशी एंकर ने ब्रिगेड 313 पर घेरा

दुनिया के सामने पाकिस्तान का आतंकी चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया। आतंकवाद से जुड़े सवाल पर पाकिस्तान की जानी मानी सांसद तक की बोलती बंद हो गई। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की सीनेटर और पूर्व राजदूत शेरी रहमान को स्काई न्यूज की एंकर याल्दा हकीम के साथ एक इंटरव्यू में कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। जब उनसे पहलगाम हमले और पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों से संबंधों के बारे में पूछा गया तो उनके पास कोई तर्क मौजूद नहीं था। इंटरव्यू के दौरान रहमान ने बार-बार सवालों को टालने की कोशिश की, जिससे वह वैश्विक मंच पर असहज नजर आईं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें रहमान की बेचैनी साफ दिखाई दे रही है।

इंटरव्यू में क्या हुआ?

एंकर याल्दा हकीम ने शेरी रहमान से अल-कायदा से जुड़े ब्रिगेड 313 जैसे आतंकवादी संगठनों के बारे में सवाल किए। ये संगठन पाकिस्तान में सक्रिय हैं। हकीम ने पूछा कि पाकिस्तान इन संगठनों को अपने क्षेत्र में पनाह क्यों देता है, खासकर तब जब हाल ही में हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाया था। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के शीर्ष कमांडर मसूद अजहर के परिवार के दस सदस्यों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी।

याल्दा हकीम ने रहमान से पूछा कि TRAC (टेररिज्म रिसर्च एंड एनालिसिस कंसोर्टियम) के विश्लेषकों ने ब्रिगेड 313 को अल-कायदा से जुड़ा मुखौटा संगठन बताया है जो पाकिस्तान की धरती से ऑपरेट होता है। इस पर रहमान बेचैन दिखीं। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता आपको ये किसने बताया, लेकिन मैं इसके जवाब में कई पन्नों का डिजिटल डोजियर बना सकती हूं। आप सिर्फ एक ही पक्ष की कहानी बता रही हैं।” शैरी रहमान ने सवालों को टालने की कोशिश करते हुए कहा, “क्या पाकिस्तान भारत के अंदर चल रही सभी 100 विद्रोहों के लिए जिम्मेदार है? क्या हर बार कोई हमला होता है तो उसकी जड़ें पाकिस्तान में ही ढूंढी जाएंगी?”

ऑपरेशन सिंदूर और बहावलपुर में जैश के ठिकानों पर हमला

इंटरव्यू के दौरान हकीम ने “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई के बाद जैश-ए-मोहम्मद के चीफ ने खुद कबूला कि उसके 10 लोग मारे गए। इस पर पाकिस्तानी सांसद ने कहा, “बच्चे मारे गए। बच्चे नेता नहीं होते। जिन विश्लेषकों का आप जिक्र कर रही हैं, वे भारत की कहानी को ही आगे बढ़ाते हैं। ये विश्लेषण निष्पक्ष नहीं हैं।”

रहमान ने कहा, "मुझे नहीं पता कि आपको यह जानकारी किसने दी। मैं इस तरह के दावों के खिलाफ ढेर सारे दस्तावेज पेश कर सकती हूं। क्या हर बार जब भारत में कोई हमला होता है, तो क्या मुझे युद्ध के लिए तैयार होना पड़ेगा? क्या हम वहां होने वाली हर चीज के लिए जिम्मेदार हैं?"

पाकिस्तान का "आतंकवादी रिकॉर्ड"

इंटरव्यू के दौरान रहमान ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान का "आतंकवादी रिकॉर्ड" रहा है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका देश इस छवि को सुधारने के लिए "कड़ी मेहनत" कर रहा है। यह बयान हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के उस कबूलनामे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान ने पिछले 30 वर्षों तक आतंकवादी समूहों को समर्थन, वित्त पोषण और सहायता प्रदान की थी, और यह काम उसने अमेरिका के इशारे पर किया था।

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हकीम ने ब्रिगेड 313 के बारे में और सवाल उठाए, जो कि पूर्व पाकिस्तानी कमांडो से जिहादी बने इलियास कश्मीरी द्वारा स्थापित एक आतंकवादी संगठन है। यह संगठन अल-कायदा से संबद्ध हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी (एचयूजेआई) के तहत काम करता है और भारत और पश्चिमी हितों के खिलाफ हमलों में शामिल रहा है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, इस संगठन के पाकिस्तान की सैन्य-खुफिया तंत्र से गहरे संबंध हैं।

रहमान का राजनीतिक और राजनयिक इतिहास

शैरी रहमान पाकिस्तान की राजनीति और पत्रकारिता की एक जानी-मानी हस्ती रही हैं। वे 2011 से 2013 तक अमेरिका में पाकिस्तान की राजदूत रहीं और पाकिस्तान की सीनेट में विपक्ष की पहली महिला नेता भी बनीं। इस इंटरव्यू के दौरान उनका रुख यह दर्शाता है कि पाकिस्तान इन आरोपों को लेकर कितनी असहज स्थिति में है।

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