चीन इस मामले में दोगलापन नहीं कर सकता, जयशंकर ने ड्रैगन को दे दिया स्पष्ट संदेश
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों यूरोपीय देशों की यात्रा कर हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि बीते महीने भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़ी थी, जिसे पाकिस्तान ने संघर्ष का रूप दिया। इस दौरान जयशंकर ने चीन को भी संदेश दे दिया है।

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ नई मुहिम शुरू की है। भारत ने आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान की पोल दुनिया भर में खोली है और सभी देशों को यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा। इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को चीन को भी चेतावनी दे दी है। जयशंकर ने कहा है कि चीन पाकिस्तान के साथ अपनी दोस्ती निभाने के चक्कर में आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड नहीं अपना सकता।
जयशंकर ने फ्रांसीसी अखबार ले फिगारो को दिए गए एक इंटरव्यू में जयशंकर ने चीन को स्पष्ट चेतावनी दी। पाक को मिली चीनी समर्थन के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, “उनके बीच दशकों से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। लेकिन आतंकवाद जैसे मुद्दे पर आप अस्पष्टता या दोहरे मापदंड नहीं अपना सकते।” उन्होंने कहा है कि आतंकवाद एक ऐसी समस्या है जो सभी देशों को प्रभावित करती है और इस पर एक्शन नहीं लिया गया तो कल को कोई भी देश इससे अछूता नहीं रहेगा।
बता दें कि जयशंकर फिलहाल बेल्जियम और फ्रांस के दौरे पर है। यहां वे दोनों देशों और यूरोपीय संघ के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक में हिस्सा लेंगे। पिछले महीने पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष के बाद से यह उनकी यूरोप की दूसरी यात्रा है। इस दौरे पर जयशंकर सहयोगी देशों संग आतंकवाद से निपटने की चर्चा करेंगे।
जयशंकर ने यूरोप में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, “भारत की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ है। यह भारत-पाकिस्तान का मुद्दा इसीलिए बन गया क्योंकि पाकिस्तान आतंकवादियों को पनाह देता है। संघर्ष भारत और आतंकवाद के बीच है, किसी देश के साथ नहीं।" उन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले का जिक्र कर कहा, “हम आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे और अगर भारत के लोगों पर कोई भी आंच आई तो हम आतंकियों को ढूंढ ढूंढ कर मारेंगे। भारत स्पष्ट है: जब तक सीमा पार आतंकवाद जारी रहेगा, तब तक हम जवाबी कार्रवाई करेंगे और अपनी आत्मरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।”
यह पूछे जाने पर कि क्या हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का एक खतरा बन सकता है, जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन दोनों तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और संतुलन बनाना एक जटिल प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, "दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बड़ा प्रभाव रखते हैं इसलिए यह केवल द्विपक्षीय मामला नहीं है।" जयशंकर ने आगे कहा, "मेरा मानना है कि दोनों पक्षों को लगता है कि संबंध बेहतर बनाए जा सकते हैं। हमने कुछ उपायों पर चर्चा की है जैसे, निलंबित सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करना।"
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।