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आधा एकड़ में बनाएं तालाब, 3 लाख 75 हजार मिलेगा अनुदान

आधा एकड़ में बनाएं तालाब, 3 लाख 75 हजार मिलेगा अनुदानआधा एकड़ में बनाएं तालाब, 3 लाख 75 हजार मिलेगा अनुदानआधा एकड़ में बनाएं तालाब, 3 लाख 75 हजार मिलेगा अनुदानआधा एकड़ में बनाएं तालाब, 3 लाख 75 हजार...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफFri, 23 May 2025 11:15 PM
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आधा एकड़ में बनाएं तालाब, 3 लाख 75 हजार मिलेगा अनुदान

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव: आधा एकड़ में बनाएं तालाब, 3 लाख 75 हजार मिलेगा अनुदान बोरिंग, मोटर व पम्पहाउस स्थापित करने के लिए भी मिलेगी सब्सिडी नालंदा में निजी जमीन पर 16 तालाब बनाने का मिला है लक्ष्य ऑनलाइन आवेदन शुरू, पहले आओ पहले पाओ के आधार चयन फोटो तालाब : तालाब में मछली पकड़ते मजदूर। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। निजी जमीन पर तालाब बनाकर मछलीपालन करने की इच्छा है तो आवेदन करें। आधा एकड़ में तालाब बनाने के लिए सरकार तीन लाख 75 हजार अनुदान देगी। राहत यह कि बोरिंग कराने, मोटर लगाने और पम्पहाउस स्थापित करने के लिए भी सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।

इस साल नालंदा में 16 तालाबों का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभुकों का चयन किया जाना है। विशेष सहायता योजना के तहत अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के छह तो अनुसूचित जाति के 10 किसान योजना का लाभ ले सकते हैं। समान्य वर्ग को योजना में शामिल नहीं किया गया है। प्रति यूनिट (आधा एकड़) की स्थापना पर लागत करीब पांच लाख आएगी। इसमें तालाब के निर्माण पर करीब 280 हजार, बोरिंग और मोटर लगाने पर एक लाख 20 हजार तो पम्प हाउस बनाने पर एक लाख खर्च होगा। किसान कर्कट का शेड या सीमेंट का पक्का पम्पहाउस बना सकते हैं। तालाब के पानी में मछलियों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए एक एयररेटर मशीन भी लगानी है। इसकी लागत 50 हजार निर्धारित की गयी है। सभी को मिलकर 70 फीसद अनुदान का प्रावधान किया गया है। लीज पर जमीन लेकर भी कर सकते हैं मछलीपालन: अच्छी बात यह भी कि जिन किसानों के पास अपनी जमीन नहीं है। वे लीज पर जमीन लेकर भी मछलीपालन यूनिट की स्थापना कर सकते हैं। शर्त यह कि एक हजार के स्टाम्प पेपर पर जमीन मालिक से कम से कम नौ साल के लिए लीज का दस्तावेज तैयार करना होगा। इसे आवेदन के साथ देना होगा। दो किस्तों में मिलेगी राशि : चयनित किसानों को दो किस्तों में राशि दी जाएगी। तालाब का निर्माण करा लेने पर योजना की 60 फीसद राशि का भुगतान होगा। शेष 40 फीसद राशि बोरिंग, मोटर व पम्पहाउस की स्थापना तथा एयररेटर मशीन लगाने के बाद मिलेगी। प्रत्येक मत्स्यजीवी समिति को मिलेगा एक ऑटो: खास यह भी कि जिले के प्रत्येक प्रखंड में बनी मत्स्यजीवी सहयोग समिति को एक ऑटो उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी कीमत तीन लाख निर्धारित की गयी है। डेढ़ लाख रुपया समिति सदस्य को लगाना तो शेष डेढ़ लाख रुपए अनुदान सरकार देगी। कतरीसराय को छोड़कर 19 प्रखंडों में मत्स्यजीवी सहयोग समिति गठित है। जबकि, कतरीसराय में समिति के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। दो-दो मत्स्य किट भी : इतना ही नहीं योजना के तहत हर मत्स्यजीवी सहयोग समिति को दो-दो मत्स्य किट भी दी जाएगी। कीट में मछलियों को ताजा रखने के लिए आईबॉक्स, फेंका जाल, इलेक्ट्रॉनिक्स तराजू, गिल नेट, चाकू व अन्य जरूरी सामान रहेगा। खास यह भी कि किट सौ फीसद अनुदान पर विभाग उपलब्ध कराएगा। कहते हैं अधिकारी विशेष सहायता योजना के तहत जिले में 16 तालाबों का निर्माण निजी जमीन पर होना है। इच्छुक किसान आवेदन कर सकते हैं। जिनके पास अपनी जमीन नहीं है, वे लीज पर जमीन लेकर भी योजना का लाभ उठा सकते हैं। आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आवेदकों का चयन होगा। शंभु प्रसाद, जिला मत्स्य पदाधिकारी

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