Investigation Reveals Waste of Millions at Kasturba School Due to Neglect रहुई कस्तूरबा स्कूल में लाखों का सामान बन गया कचरा, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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रहुई कस्तूरबा स्कूल में लाखों का सामान बन गया कचरा

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Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफFri, 30 May 2025 10:37 PM
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रहुई कस्तूरबा स्कूल में लाखों का सामान बन गया कचरा

रहुई कस्तूरबा स्कूल में लाखों का सामान बन गया कचरा सहायक अभियंता की जांच में हुआ इसका खुलासा देखरेख के अभाव में कई सामान हुए बर्बाद अप्रैल 2022 को विद्यालय के जर्जर घोषित होने पर कराया गया था खाली प्रखंड के डाटा संग्रहण केन्द्र में रखा जा रहा छात्राओं को फोटो : खिरौना जांच : रहुई प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के जर्जर भवन में जांच करते शिक्षा विभाग के सहायक अभियंता सुनील कुमार व अन्य। बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। रहुई प्रखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के जर्जर भवन की अधिकारियों ने गुरुवार को गहन जांच की। शिक्षा विभाग के सहायक अभियंता सुनील कुमार की जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आयी हैं।

स्कूल में रखा लाखों रुपये का सामान कचरा में तब्दील हो गया है। दर्जनों लोहे की चौकी, कुर्सियां, एक कड़ाहा, दो अलमारी, कई पुस्तकें व अन्य सरकारी सामान को कचरा में नष्ट होने के लिए यूं ही छोड़ दिया गया है। हद तो यह कि कई सामान कस्तूरबा स्कूल के बगल में बने समावेशी केन्द्र में भी रखे गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि आखिर किस अधिकारी की अनुमति से कस्तूरबा स्कूल का सामान दूसरी जगह रखा गया है। लोग निष्पक्ष जांच कराने की मांग कर रहे हैं। सामानों की देखरेख नहीं होने से कई कुर्सियां टूट चुकी है। जबकि, कई कुर्सियां को एक जगह रखा गया है। दीवार में कई स्थानों पर दरार पड़ चुकी है। विनोद कुमार, राकेश रंजन व अन्य स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार अधिकारियों की टीम ने जांच की, पर सामान को सुरक्षित रखने का किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया। नतीजा यह कि लाखों रुपये का सामान बर्बाद हो रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि 2009 में भवन बनाने की स्वीकृति मिली थी। वर्ष 2012-13 में यह भवन बनकर तैयार हो गया था। महज 10 सालों बाद 2022 में इसे जर्जर करार देकर खाली करा दिया गया। इससे समझा जा सकता है कि भवन निर्माण में मानकों का कितना पालन किया गया होगा। भवन निर्माण में भी घोटाले की बू आ रही है। अभी प्रखंड के डाटा संग्रहण केन्द्र में छात्राओं को रखा जा रहा है। सरकारी राशि का दुरुपयोग : लोहे की करीब 20 मजबूत चौकी को सड़ने के लिए कचरे के बीच छोड़ दिया गया है। आखिर बच्चियों के लिए फिर से 20 चौकी की व्यवस्था कहां से करायी गयी। कहीं विभाग को गलत रिपोर्ट देकर नई चौकी की खरीदारी तो नहीं की गयी। इसकी भी जांच होनी चाहिए। सहायक अभियंता ने बताया कि जर्जर भवन की जांच कर ली गयी है। इनमें रखे सामान की सूची भी बना ली गयी है। कई कमरों का दरवाजा नहीं खुलने से वहां रखे सामानों की जांच नहीं की जा सकी। पूरी जांच रिपोर्ट वरीय अधिकारी को भेजी जा रही है। वरीय अधिकारी के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। डाटा सेंटर में चल रहा स्कूल : शिक्षा विभाग अप्रैल 2022 में खिरौना कस्तूरबा स्कूल के भवन को जर्जर घोषित कर दिया था। बच्चियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए प्रखंड डाटा संग्रहण केन्द्र में पढ़ाई कराने का निर्णय लिया गया। 27 मई 2022 से बच्चियों के रहने की व्यवस्था डाटा संग्रहण केन्द्र में बने तीन हॉल में करायी गयी। पढ़ाई के लिए मिर्जापुर मध्य विद्यालय से संबद्ध किया गया। दो साल से किसी तरह कस्तूरबा स्कूल की छात्राओं की पढ़ाई करायी जा रही है। आपके अपने दैनिक अखबार ‘हिन्दुस्तान के ‘बोले बिहारशरीफ संवाद अभियान के तहत 23 मई 2025 को ‘कस्तूरबा विद्यालय का बने नया भवन तो छात्राओं को मिलेगी राहत शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की गयी थी। खबर छपने के बाद अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए यह संज्ञान लिया। 29 मई को जर्जर भवन व वहां फेंके गए सामानों का भौतिक सत्यापन कर सूची बनायी गयी। कई बंद कमरों में क्या है, यह अब भी पहेली बनी हुई है। ग्रामीणों ने उन कमरों की भी जांच कराने की मांग की है।

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