मासिक धर्म पर खुली चर्चा से ही बदलेगी सोच
मासिक धर्म पर खुली चर्चा से ही बदलेगी सोचमासिक धर्म पर खुली चर्चा से ही बदलेगी सोचमासिक धर्म पर खुली चर्चा से ही बदलेगी सोचमासिक धर्म पर खुली चर्चा से ही बदलेगी सोच

मासिक धर्म पर खुली चर्चा से ही बदलेगी सोच स्वच्छता, जागरूकता और लैंगिक समानता पर हुआ संवाद मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर सदर अस्पताल में एएनएम छात्रों के बीच हुआ जागरूकता कार्यक्रम, दी गई जानकारी फोटो : एएनएम : सदर अस्पताल एएनएम स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम में शामिल एएनएम की छात्राएं। बिहारशरीफ, एक संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर सदर अस्पताल स्थित एएनएम स्कूल में जागरूकता कार्यक्रम हुआ। एएनएम स्कूल की प्रधानाध्यापिका अलका कुमारी व शिक्षिका सिंधु कुमारी ने छात्राओं को बताया कि मासिक धर्म एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। इससे महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य, हार्मोनल संतुलन तथा एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतक के रूप में पहचाना गया है।
मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखना, संक्रमण से बचाव, आत्मविश्वास में वृद्धि और बेहतर मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। उचित सैनिटरी पैड्स के चयन, उनके सही उपयोग एवं निपटान के तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी गई। इस बात पर भी जोर दिया गया कि मासिक धर्म के दौरान लड़कियों एवं महिलाओं को आराम करने का समय और स्थान मिलना चाहिए, जिससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित न हो। मासिक धर्म से जुड़ी रूढ़िवादी सोच, पूर्वाग्रह एवं भ्रामक धारणाएं आज भी समाज में व्याप्त हैं। इन्हें दूर करने के लिए परिवार, समाज और विशेषकर पुरुषों की भूमिका अहम है। वक्ताओं ने कहा कि अगर समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है, तो महिलाओं की दैनिक दिनचर्या में पुरुषों का सहयोग आवश्यक है। जब हम मासिक धर्म को एक सामान्य जैविक प्रक्रिया मानकर इसके बारे में खुलकर बात करेंगे, तभी लड़कियों के स्वास्थ्य और आत्म-सम्मान की रक्षा हो सकेगी। मौके पर पिरामल स्वास्थ्य संस्था की ओर से जिला प्रबंधक वीणा कुमारी, प्रतिस कुमार, अंशु कुमारी, सुमन कुमारी, अंजली कुमारी व अन्य मौजूद थीं।
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