आक्रोश : भाषा ने जतायी आपत्ति, सार्वजनिक क्षमा याचना की मांग की
आक्रोश : भाषा ने जतायी आपत्ति, सार्वजनिक क्षमा याचना की मांग कीआक्रोश : भाषा ने जतायी आपत्ति, सार्वजनिक क्षमा याचना की मांग कीआक्रोश : भाषा ने जतायी आपत्ति, सार्वजनिक क्षमा याचना की मांग कीआक्रोश :...

आक्रोश : भाषा ने जतायी आपत्ति, सार्वजनिक क्षमा याचना की मांग की सदर अस्पताल में बैठक में मंत्री के डॉक्टरों पर अमर्यादित भाषा के प्रयोग पर जतायी आपत्ति कहा-सीमित संसाधन और दबाव के बीच कर रहे जनसेवा बिहारशरीफ, निज संवाददाता। सदर अस्पताल में शनिवार को चिकित्सकों के साथ बैठक में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. सुनील कुमार के डॉक्टरों पर अमर्यादित भाषा के प्रयोग पर बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ (भाषा) ने आपत्ति जतायी है। भाषा के अध्यक्ष डॉ. केके मणि ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि चिकित्सक सीमित संसाधन और दबाव के बीच जनसेवा कर रहे हैं।
कोरोना संकट काल में जब लोग घरों में कैद थे, इन्हीं चिकित्सकों ने मानवता की सेवा का धर्म निभाया था। खुद की चिंता किए बगैर रात दिन रोगियों की सेवा की थी। महासचिव डॉ. रोहित कुमार ने कहा कि एक मंत्री द्वारा चिकित्सकों के लिए आपत्तिजनक एवं अमान्य शब्दों के प्रयोग की भाषा कड़ी निंदा करती है। भाषा यह मांग करती है कि उनके आरोपों की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कर सत्यता का पता लगाकर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाय। उन्होंने कहा कि चिकित्सक समाज हमेशा से मानव सेवा में लगा रहा है। इस तरह की अमर्यादित और अपमानजनक टिप्पणियां न केवल चिकित्सकों के मनोबल को आहत करती हैं, बल्कि समाज में एक नकारात्मक संदेश भी इससे जाता है। जहां वहीं दूसरी ओर, वन मंत्री ने पुन: दोहराया कि वे भी डॉक्टर रहे हैं। ऐसे में चिकित्सकों की विरुद्ध अमर्यादित शब्द मेरे द्वारा कहा ही नहीं जा सकता। समझने की फेर हो सकती है। मैं कहा था-लोग डॉक्टर को धरती पर का भगवान मानते हैं। लेकिन, कुछ डॉक्टरों की वजह से लोग अब इन्हें जल्लाद की संज्ञा देने लगे हैं। डॉक्टरों को लोगों को बेहतर तरीके से सेवा देकर दुआएं बटोरनी चाहिए।
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