Natural Farming Initiative Surendra Becomes Master Trainer for 30 Krishi Sakhis in Nalanda प्राकृतिक खेती : दीपनगर के सुरेन्द्र बनाये गये फार्मर मास्टर ट्रेनर, Biharsharif Hindi News - Hindustan
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प्राकृतिक खेती : दीपनगर के सुरेन्द्र बनाये गये फार्मर मास्टर ट्रेनर

प्राकृतिक खेती : दीपनगर के सुरेन्द्र बनाये गये फार्मर मास्टर ट्रेनरप्राकृतिक खेती : दीपनगर के सुरेन्द्र बनाये गये फार्मर मास्टर ट्रेनरप्राकृतिक खेती : दीपनगर के सुरेन्द्र बनाये गये फार्मर मास्टर...

Newswrap हिन्दुस्तान, बिहारशरीफThu, 29 May 2025 11:32 PM
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प्राकृतिक खेती : दीपनगर के सुरेन्द्र बनाये गये फार्मर मास्टर ट्रेनर

प्राकृतिक खेती : दीपनगर के सुरेन्द्र बनाये गये फार्मर मास्टर ट्रेनर 30 जीविका दीदियां बनेंगी ‘कृषि सखी, मिलेग हर माह 5 हजार जिले के 15 प्रखंडों के किसान करेंगे 750 एकड़ में प्राकृतिक खेती किसानों को प्रशिक्षण के साथ ही खेती के लिए आर्थिक मदद भी मिलेगी फोटो सुरेन्द्र : सुरेन्द्र राम नालंदा, कार्यालय प्रतिनिधि। प्राकृतिक खेती के लिए जिले के 15 प्रखंडों में किसानों का एक-एक क्लस्टर बनाया गया है। चयनित किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीके बताये जाएंगे। साथ ही खेती के लिए आर्थिक मदद भी मिलेगी। दीपनगर के प्रगतिशील किसान सुरेन्द्र राम को जिलास्तर फॉर्मर मास्टर ट्रेन बनाया गया है।

जबकि, प्रत्येक क्लस्टर में दो-दो यानी 30 जीविका दीदियां ‘कृषि सखी के तौर काम करेंगी। कृषि सखी के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में। अच्छी बात यह कि कृषि सखी को प्रति माह पांच हजार तो फॉर्मर मास्टर ट्रेनर को प्रत्येक प्रशिक्षण के लिए पांच सौ रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। नोडल पदाधिकारी दुर्गा रंजन बताते हैं कि एक क्लस्टर में 50 हेक्टेयर यानी जिले में कुल 750 एकड़ में खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। चयनित प्रखंडों की 38 पंचायतों को मिलाकर 15 क्लस्टर बनाये गये हैं। एक क्लस्टर (समूह) में अधिकतम 125 किसान यानी कुल 1875 किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ेंगे। राहत यह कि प्रति एकड़ चार हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी। साथ ही प्रत्येक तीन क्लस्टर पर बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर(बीआरसी) भी बनेंगे। एक बीआरसी को एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। जिला विपणन पदाधिकारी अविनाश कुमार बताते हैं कि शर्त यह भी लगायी गयी है कि जिस पंचायत में प्राकृतिक खेती के लिए क्लस्टर बना है, ‘कृषि सखी वहीं की होंगी। साथ ही चयनित कृषि सखी के नाम का अनुमोदन क्लस्टर में शामिल किसानों से भी कराना अनिवार्य किया गया है। ताकि, चयन के बाद किसी तरह के विवाद की नौबत न आये।

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