3 सदस्यीय जांच टीम पहुंची डायट, की पूछताछ
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कर्मियों से यौन उत्पीड़न का मामला : 3 सदस्यीय जांच टीम पहुंची डायट, की पूछताछ संगीत व कला विषय के व्याख्याता पर लगे आरोप पुरुष गार्ड व प्राचार्य से टीम ने ली घटना की जानकारी फोटो: नूरसराय01-नूरसराय डायट में गार्ड से पूछताछ करते जांच टीम के सदस्य। नूरसराय, निज प्रतिनिधि। स्थानीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान (डायट) इनदिनों यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर सुर्खियों में है। इस मामले की जांच के लिए राज्य शिक्षा शोध व प्रशिक्षण परिषद ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है। टीम के सदस्य डायट पहुंचे और कर्मियों से पूछताछ की। उन्होंने पुरुष गार्ड व प्राचार्य से घटना की जानकारी ली।
दरअसल, संगीत व कला विषय के व्याख्याता डॉ. राहुल कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है। पुरुष छात्रावास का प्रभारी रहने के दौरान उनपर ये आरोप लगे थे। बाद में उन्हें प्रभार से हटा दिया गया था। जांच टीम में राज्य शिक्षा षोडज व प्रशिक्षण परिसर की संयुक्त निदेशक सुषमा कुमारी, विभाग प्रभारी डॉ. स्नेहाशीष दास व डीईओ राजकुमार शामिल थे। जांच दल ने पीड़ित तीन पुरुष गार्ड से गहन पूछताछ की। संस्थान में प्रशिक्षण कार्य बंद रहने के कारण पीड़ित मेस के कर्मी अपने घर चले गये हैं। इस वजह से उनसे पूछताछ नहीं हो पायी। मामले की डोर अब जांच टीम के सदस्यों के हाथों में है। जांच कमेटी के रिपोर्ट में क्या रहता है, इसके लिए इंतजार करना होगा। कैसे हाईलाइट हुआ मामला : डायट के पुरुष गार्ड, पुरुष मेस कर्मी व दैनिक आधार पर कार्यरत कर्मियों ने अध्यापक पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे। इस संबंध में कांग्रेस अतिपिछड़ा वर्ग के प्रदेश अध्यक्ष शशिभूषण पंडित ने डीएम, सीएम, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों को आवेदन देकर जांच की मांग की थी। उनका कहना था कि शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। 15 दिन बाद दिखावे के लिए उन्हें वार्डन के पद से हटा दिया गया। उन्होंने प्राचार्य पर मामले को छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। सात सदस्यीय टीम ने की थी जांच : प्राचार्य डॉ. फरहत जहां का कहना है कि 21 मई को उन्हें जानकारी मिली। इसके बाद जांच के लिए सात सदस्यीय टीम का गठन किया गया। उनसे स्पष्टीकरण की मांग की। उन्हें वार्डन के पद से हटा दिया गया। जांच रिपोर्ट 3 जून को विभाग को भेज दी गयी थी। 9 जून को विभाग ने जांच टीम का गठन किया है। डा. राहुल ने खुद को बताया बेकसूर: संस्थान को दिये गये स्पष्टीकरण में डॉ. राहुल ने खुद को बेकसूर बताया है। उनका कहना है कि महिला छात्रावास की वार्डन रात में परिसर में नहीं रहती हैं। केवल वे ही रात को भी परिसर में रहते हैं। पुरुष व महिला दोनों छात्रावासों की देखरेख करते हैं। मेस के कर्मी, सुरक्षा गार्ड ने छात्रावास के कमरों पर कब्जा जमा रखा है। मेन्यू के अनुसार खाना नहीं दिया जाता है। नाइट गार्ड दरवाजा बंद कर सो जाते हैं। कर्मियों के कमरे के पास शराब की बोतलें भी मिलती रही है। इन सबकी शिकायत करने के कारण ही उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
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