हाशिये पर रहने वाले बच्चों को शिक्षा देकर मौलिक रूप से बनाएं दक्ष
हाशिये पर रहने वाले बच्चों को शिक्षा देकर मौलिक रूप से बनाएं दक्षहाशिये पर रहने वाले बच्चों को शिक्षा देकर मौलिक रूप से बनाएं दक्षहाशिये पर रहने वाले बच्चों को शिक्षा देकर मौलिक रूप से बनाएं...

हाशिये पर रहने वाले बच्चों को शिक्षा देकर मौलिक रूप से बनाएं दक्ष पहली में नामांकन के साथ ही अंकगणित का दें विशेष ज्ञान डीएम ने कहा-सरकारी स्कूलों के प्रति बदलें गलत धारणा, हमारे शिक्षक हैं काबिल कहा-गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही संवरेगा नौनिहालों का भविष्य शिक्षा विभाग की योजनाओं की हुई समीक्षा फोटो: डीएम एजुकेशन : शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट में बैठक करते डीएम कुंदन कुमार। बिहारशरीफ, हमारे संवाददाता। शैक्षणिक स्तर पर बुनियाद बेहतर होने पर ही कौशल विकास संभव है। यह तभी संभव है जब पहली कक्षा में नामांकन लेने वाले छात्रों को अंकगणित का विशेष ज्ञान देने में सक्षम होंगे।
इसके लिए शिक्षा विभाग से जुड़े सभी लोगों का दायित्व है कि पहली से तीसरी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को मौलिक रूप से दक्ष बनाया जाये। डीएम कुंदन कुमार ने शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान सोमवार की देर शाम में कहा कि बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान मिशन का उद्देश्य कक्षा एक से तीन के बच्चों में जोड़, घटाव, गुणा, भाग, माप व समय की बेहतर समझ हो। शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि चहक कार्यक्रम के तहत बच्चों को विद्यालय के प्रति लगाव बढ़ाना और उन्हें खेलों के माध्यम से शिक्षा से जोड़ना है। ताकि, वे विद्यालय आने में रुचि लें और पढ़ाई में सक्रिय भागीदारी निभाएं। शिक्षा प्राथमिकता में है। गांवों में हाशिये पर रहने वाले जरूरतमंद बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाना मकसद है। हमें सरकारी स्कूलों के प्रति बनी गलत धारणा बदलनी होगी। हमारे ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में एक से बढ़कर एक काबिल शिक्षक हैं। आईसीडीएस डीपीओ को 10 दिनों के अंदर सभी छह साल के आंगनबाड़ी बच्चों को नजदीकी प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन कराने का टास्क दिया गया। टीमवर्क के माध्यम से शिक्षा का जगाएं अलख: उनका एकमात्र मकसद हाशिये पर रहने वाले जरूरतमंद बच्चों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है। उन्होंने निर्देश दिया कि बच्चों को वाद-विवाद और स्पोकेन इंग्लिश जैसी गतिविधियों से जोड़ें। स्कूलों का स्थापना दिवस मनाएं। टीमवर्क के माध्यम से शिक्षा का अलख जगाएं। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी प्राथमिक विद्यालयों में निपुण बिहार के लक्ष्य प्रदर्शित हों। बैठक में डीडीसी श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर, डीईओ राजकुमार, डायट की प्राचार्य फरहत जहां व अन्य मौजूद थे।
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