Damaged Bridge Disrupts Connectivity for 50 000 Residents in Siwan District दाहा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त, भारी वाहनों का परिचालन रुका, Chapra Hindi News - Hindustan
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दाहा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त, भारी वाहनों का परिचालन रुका

सारण जिले के मांझी को सीवान के सिसवन प्रखण्ड से जोड़ने वाला दाहा नदी पर बना पुल 2013 में बना था और अब जर्जर हो गया है। इससे दो दर्जन गांवों की 50,000 की आबादी प्रभावित हुई है। पुल के क्षतिग्रस्त होने...

Newswrap हिन्दुस्तान, छपराThu, 12 June 2025 09:36 PM
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दाहा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त, भारी वाहनों का परिचालन रुका

जिले के मांझी को सीवान के सिसवन प्रखण्ड से जोड़ता है पुल दो दर्जन गांवों की पचास हजार की आबादी हो रही प्रभावित मांझी, एक संवाददाता। सारण जिले के मांझी को सीवान के सिसवन प्रखण्ड से जोड़ने वाला दाहा नदी पर वर्ष 2013 में निर्मित सड़क पुल जर्जर होकर क्षतिग्रस्त हो गया है। मांझी गुठनी राजकीय उच्च पथ पर ताजपुर के समीप यह पुल अवस्थित है। नतीजा है कि दो दर्जन गांवों की पचास हजार की आबादी प्रभावित हो रही है। वैसे तो इस पुल के निर्माण के कुछ ही वर्षों बाद इसके बीम में दरार की बातें सामने आ गई थी व टूटे बीम की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल भी हुई थी।

पांच पायों पर बने इस पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबर वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों द्वारा इसके ध्वस्त होने की आशंका जाहिर की गई थी व इस सम्बंध में वरीय पदाधिकारियों से पत्राचार भी किया गया था। बाद में जिला प्रशासन के निर्देश पर स्थानीय प्रशासन द्वारा पुल के मुहाने पर लोहे का मजबूत खम्भा गाड़कर इस पर भारी वाहनों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया। पुल होकर भारी वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित कर दिए जाने के बाद उन्हें एकमा व चैनपुर के रास्ते सिसवन रूट पर डायवर्ट कर दिया गया। बताते चलें कि लगभग पांच वर्षों से उक्त पुल पर भारी वाहनों का परिचालन ठप है। छोटे वाहनों के परिचालन से खतरा कुछ शरारती तत्वों द्वारा पुल की घेराबन्दी वाले लोहे को जेसीबी की सहायता से दबाकर छोटे वाहन और लोडेड ट्रैक्टर आदि का परिचालन क्षतिग्रस्त पुल से ही कराया जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षतिग्रस्त बीम वाले स्थान पर पुल नीचे की तरफ टेढ़ा हो गया है और लगातार नीचे की तरफ लटकता ही जा रहा है। लोगों को आशंका है कि क्षतिग्रस्त पुल का वह हिस्सा कभी भी धराशायी हो सकता है। पुल पर ही सजतीं हैं मछली की दर्जनों दुकानें लोगों ने बताया कि उक्त पुल पर रोज शाम को मीट व मछली की दर्जनों दुकानें सजती हैं । यहां खरीदारों की भारी भीड़ जुटती हैं। इतना ही नहीं उक्त पुल के ऊपर छोटे वाहनों की अवैध तरीके से पार्किंग भी की जाती है। लोगों ने आशंका जताई है कि शाम को पुल पर उमड़ने वाली भीड़ कभी भी भयंकर हादसे का शिकार बन सकती है। सात करोड़ दस लाख 37 हजार की लागत से पांच पायों पर बने सड़क पुल के क्षतिग्रस्त होने को लेकर लोगों ने इसके निर्माण में घपलेबाजी की आशंका जाहिर की है। मालूम हो कि वर्ष 2013 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उक्त पुल का विधिवत उद्घाटन किया था। इन गांवों के लोग प्रभावित मेंहदीगंज, फतेहपुर, डुमरी,घोरहट,ग़ैरतपुर,सलेमपुर, ताजपुर, फुलवरिया, रनपट्टी, मटियार, जई छपरा, साईपुर, ग्यासपुर आदि कोट इस पुल के कमजोर व जर्जर होने से लोगों को बड़ी परेशानी हो रही है। एकमा होकर रूट डायवर्ट करने से लोगों के श्रम व समय की बर्बादी होती है। सरकार को इस पुल के बारे में संजीदगी से सोचना चाहिए। अनिल साह शाम को पुल पर उमड़ने वाली भीड़ कभी भी भयंकर हादसे का शिकार बन सकती है। प्रशासन की ओर से यहां स्थायी तौर पर आवागमन को नियंत्रित करने की दिशा में पहल करनी चाहिए ताकि लोग सुरक्षित रह सकें। चंदेश्वर सिंह छोटे वाहन और लोडेड ट्रैक्टर आदि का परिचालन क्षतिग्रस्त पुल से ही कराया जाता है। इससे हरदम खतरे का अंदेशा बना रहता है। समझाने पर भी लोग नहीं मानते हैं। प्रशासन को पुल बनाने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। भानु सिंह क्षतिग्रस्त बीम वाले स्थान पर पुल नीचे की तरफ टेढ़ा हो गया है और लगातार नीचे की तरफ लटकता ही जा रहा है। क्षतिग्रस्त पुल का वह हिस्सा कभी भी धराशायी हो सकता है। ध्यान देने की जरूरत है। नवीन साहनी बोले जिम्मेवार ताजपुर सड़क पुल निर्माण में कथित तौर पर लूट खसोट करने वाली मारुति इंटरप्राइजेज लिमिटेड को ब्लैक लिस्टेड करके उसे दंडित किया जाना चाहिए था पर सरकार ने ऐसा नहीं किया। क्षतिग्रस्त पुल पर अवरोधक लगाए जाने की स्थिति में सरकार को दूसरे नए पुल के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए थी ताकि आम जनता को आवगमन में कठिनाई नहीं उठानी पड़ती। मैंने विधानसभा में उक्त क्षतिग्रस्त पुल का मुद्दा उठाया था। डॉ सत्येन्द्र यादव विधायक, मांझी -- निगम प्रशासन ने निगरानी के हत्थे चढ़े लिपिक सूर्य मोहन को किया सेवा मुक्त छपरा, एक संवाददाता। छपरा नगर प्रशासन ने निगरानी के हत्थे चढ़े सूर्य मोहन यादव को गुरुवार को सेवा मुक्त कर दिया। मालूम हो कि सूर्य मोहन यादव को निगरानी की छह सदस्यीय टीम ने रिश्वत के 60 हजार रुपया के साथ पिछले 10 जून को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। इस संबंध में अवकाश प्राप्त सफाई निरीक्षक राजनाथ राय ने निगरानी के कार्यालय में शिकायत दर्ज करायी थी जिसमें आरोप लगाया था कि स्थापना का कार्य कर रहे सूर्य मोहन यादव ने सेवांत लाभ भुगतान करने के एवज में एक लाख बीस हजार रुपए की डिमांड की है । इसमें प्रथम किस्त का 60 हजार रुपये दिया गया। जहां निगरानी की टीम ने जाल बिछाया व आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इधर सेवा मुक्त होने के बाद नगर प्रशासन ने सदर एसडीओ को विभागीय पत्र भेजकर आवंटित कार्य से संबंधित संचिका, आलमारी,भंडारपंजी की इन्वेंटरी बनाकर हस्तगत कराने का पत्र में जिक्र किया है। इस घटना को लेकर नगर प्रशासन कर्मियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। काफी दिनों से एक ही टेबल पर कार्य कर रहे कर्मियों को इधर उधर किया गया है। यह जानकारी नगर आयुक्त सुनील कुमार पांडे ने पूछे जाने पर मोबाइल पर बताया। सहाजितपुर के राजस्वकर्मी से स्पष्टीकरण, हलके से हटाया गया दाखिल खारिज के नाम पर खर्च मांगने का वॉयस क्लिप वायरल बनियापुर, एक प्रतिनिधि। दाखिल खारिज के नाम पर खर्च मांगने का वॉयस क्लिप वायरल होने के बाद बनियापुर सीओ ने राजस्व कर्मचारी से स्पष्टीकरण की मांग की है। चौबीस घण्टे के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर राजस्व कर्मचारी हरेंद्र साह के विरुद्ध वरीय अधिकारी को प्रतिवेदन समर्पित किया जाएगा। कार्रवाई के तहत राजस्व कर्मचारी को तत्काल सहाजितपुर हलके से हटाकर कार्यालय कार्य में लगाया गया है। सीओ दीनानाथ कुमार ने बताया कि अब सहाजितपुर हलका में दाखिल खारिज व अन्य कार्यों के निष्पादन की जिम्मेवारी राजस्व कर्मचारी रोहित कुमार को दी गयी है। जानकारी हो कि बुधवार की देर शाम को राजस्व कर्मचारी व दाखिल खारिज का आवेदक छठु मांझी के परिजन की बातचीत का वॉयस क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। इस वायरल वॉयस क्लिप की पुष्टि ' हिंदुस्तान ' नहीं करता है। वायरल वॉयस क्लिप में राजस्व कर्मचारी द्वारा एक बिचौलिये की चर्चा करते हुए आवेदक को उससे मिलकर खर्च देने की बात कही जा रही है। वॉयस क्लिप में कहते सुना जा रहा है कि प्लॉट नम्बर इंट्री नहीं होने के कारण खर्च अधिक लग रहा है। राजस्व कर्मचारी द्वारा कार्यालय के कई कर्मियों और अधिकारियों को खर्च देने की बात भी कही जा रही है। आवेदक के आग्रह के बाद कर्मचारी बिचौलिये से मिलकर खर्च देने के बाद काम पूरा करने का वादा करता है। इधर, राजस्व कर्मचारी से जवाबतलब की कार्रवाई के बाद कर्मचारियों में हड़कम्प है। सीओ ने बताया कि राजस्व कर्मचारी इसके पहले पैगम्बरपुर व पिठौरी में तैनात था। वहां से भी शिकायत मिली थी।

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