पान की खेती करने वाले किसानों को मिलेगी आर्थिक सहायता
सारण प्रमंडलीय उद्यान केंद्र के सहयोग से मदद करने की पहल हयोग से मदद करने की पहल लाभुकों का चयन प्राप्त आवेदनों के लॉटरी के माध्यम से होगा छपरा बोले असर पेज पांच की लीड फोटो- 1- किसान को पान की...

छपरा, हिंदुस्तान संवाददाता। सारण प्रमंडल उद्यान केंद्र ने जिले के किसानों को पान की खेती करने के लिए सरकारी वित्तीय सहायता के साथ खेती में तकनीकी सहायता के लिए ठोस कदम उठाया है। जिले में पान विकास योजना के अंतर्गत कृषकों को अनुदान के रूप मे लागत मूल्य का 50 प्रतिशत यानि 11750 रुपये 100स्कॉयर मीटर के हिसाब से डीबीटी के माध्यम से दिया जायेगा। योजना में लाभार्थी का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर होगा। मालूम हो कि 12 फरवरी के बोले छपरा के अंक में पान की खेती करने वाले पनिहारी और पान दुकानदारों की मांग को प्रमुखता से उठाया गया था।
इसमें पान की खेती करने के लिए वित्तीय सहायता के साथ आधुनिक तकनीक द्वारा पान की खेती में सहायता के लिए अनुरोध किया गया था। मालूम हो कि पान की खेती जिले के मांझी, छपरा, गड़खा व सोनपुर प्रखंड में किया जाता है। सारण प्रमंडल उद्यान के सहायक निदेशक सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य पान की खेती के वर्तमान में कुल क्षेत्रफल का दुगना करने का है। इसीलिए सरकार पान विकास योजना को शुरू किया है। इस योजना के माध्यम से पान की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक मदद के साथ साथ पान की आधुनिक खेती करने में तकनीकी सहायता भी मुहैया करायी जाएगी। किसान को इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। लाभुकों का चयन प्राप्त आवेदनों के लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। इसके साथ पहले आओ और पहले पाओ सिद्धांत को विशेष महत्व दिया जाएगा। सहायक निदेशक सुधीर कुमार ने आगे बताया कि पान की खेती के लिए न्यूनतम क्षेत्रफल 100 वर्ग मीटर और अधिकतम 300 वर्ग मीटर की बीच ही होना चाहिए तथा इस क्षेत्रफल में पान की खेती के लिए आने वाले कुल लागत का 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाएगा। अनुदान की राशि सीधे लाभुक के खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाएगी। उन्होंने आगे जिला के किसानों से अनुरोध किया है कि पान की खेती करने वाले किसान बढ़ चढ़कर पान विकास योजना में अपना आवेदन करें। सहायक निदेशक सुधीर कुमार ने आगे कहा कि सरकार सिर्फ पान की खेती ही नहीं बल्कि अन्य व्यावसायिक खेती करने वाले किसानों के लिए भी योजना लॉन्च किया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए उद्यान निदेशालय द्वारा नारियल पौधा, केला, हल्दी, ओल, अदरख लगाने वाले इकच्छुक कृषकों के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू किया गया है जिसमे लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा जबकि नारियल पर अनुदान 75 प्रतिशत का प्रवधान है। इसबार विशेष रूप से जिले मे पान के विकास के लिए पहली बार पान विकास योजना अंतर्गत कृषको को अनुदान के रूप मे लागत मूल्य का 50 प्रतिशत यानि 11750रुपया प्रति 100वर्ग मीटर के दर से अनुदान डीबीटी माध्यम से दिया जायेगा।
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