अलीनगर में पोखरों पर अतिक्रमण से जलजमाव, पेयजल का भी संकट
अलीनगर मोहल्ले में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। गर्मी में पेयजल संकट और बारिश में जलजमाव की समस्या है। नाला निर्माण अधूरा है और लोगों को कचरा सड़क पर फेंकना पड़ता है। नगर निगम की लापरवाही से स्थिति...
शहर के अलीनगर मोहल्ले में बुनियादी सुविधाओं का अभाव विस्मयकारी है। लोगों की शिकायत है कि गर्मी में पेयजल संकट तो बारिश में जलजमाव स्थायी समस्या है। इसके बावजूद निगम पार्षद-अधिकारी निदान की पहल नहीं करते हैं। लोग बताते हैं कि मोहल्ले में नाला निर्माण आधा-अधूरा है। हर घर नल की पाइप तक नहीं बिछी है। घरों के आगे कूड़ादान नहीं है। मजबूरन लोग कचरा सड़क पर फेंकते हैं। इससे जगह-जगह गंदगी है। अलीनगर के लोग पोखरों के अतिक्रमित व गंदे होने पर भी नाराजगी जताते हैं। बताते हैं कि गोपाल साह पोखर गंदा है। मोहल्ले के दबंग पोखर में घर की गंदगी बहाते हैं, कचरा फेंकते हैं। पक्का सीढ़ी घाट होने के बावजूद चारों तरफ से अतिक्रमण है। इसे हटाने की कोशिश भी नगर निगम नहीं कर रहा है। मोहल्लावासी बुजुर्ग दुलारचंद चौपाल बताते हैं कि गर्मी में चापाकलों के सूखते ही पीने के पानी के लिए भटकना पड़ता है। वर्षों से यही स्थिति है, लेकिन वाटर टैक्स देने पर भी नगर निगम पानी उपलब्ध कराने में विफल है। उन्होंने बताया कि जलजमाव की वजह बरसाती पानी निकासी नहीं होने से है। 500 फीट का एक नाला बना भी है तो अधूरा है। उससे पानी निकासी का रास्ता ही बंद है। उन्होंने बताया कि जोरदार वर्षा होते ही पूरा मोहल्ला जलमग्न हो जाता है। कच्ची गलियों में पानी भरने से लोग पैदल आवाजाही भी मुश्किल से करते हैं। उन्होंने बताया कि पहले मोहल्ले से बरसाती पानी चंद घंटों में निकल जाता था, पर आबादी बढ़ने से निकासी के रास्तों पर मकान बन गए हैं। पोखरे भर गए और जलजमाव हो रहा है। उन्होंने बताया कि निगम अधिकारी चाहें तो आसानी से अतिक्रमण हटाकर जलजमाव से मुक्ति दिला सकते हैं। इसके बावजूद अपेक्षित पहल नहीं हो रही है। इससे अलीनगर मोहल्लावासियों का जीवन दुष्कर बना है।
सालभर में 25 प्रतिशत हुआ काम, घरों में नहीं पहुंचा पानी: अलीनगर दरभंगा नगर निगम के वार्ड नंबर एक का हिस्सा है। एक वर्ष पूर्व वार्ड में हर घर नल-जल योजना का काम शुरू हुआ है। मोहल्ले के राजेश महतो, रामबालक दास, विनोद चौधरी, डॉ. शिवनारायण प्रसाद, विजय मल्लिक आदि बताते हैं कि सालभर में 25 प्रतिशत भी काम नहीं हुआ है। वार्ड के अधिकतर हिस्सों में वाटर पाइप तक नहीं बिछी है। जहां पाइप लगी है वहां सड़क तोड़कर छोड़ दिया गया है। इससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है।
लोगों ने बताया कि मोहल्ले की आबादी करीब 20 हजार है। इसमें से 80 फीसदी मजदूरी या रोजगार कर जीवन यापन करते हैं। पेयजल के लिए इनकी निर्भरता चापाकलों पर है, जो गर्मी बढ़ते ही सूख जाते हैं। इसके बाद नगर निगम एकाध टैंकर पानी भेजता है, जिसे लेने के लिए लोगों को भीड़ में मशक्कत करनी पड़ती है। वहीं, वार्ड एक की पार्षद तबस्सुम खातून बताती हैं कि जल-नल के काम की गति बेहद धीमी रहने से लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। कार्यकारी एजेंसी बुडको लापरवाही से काम कर रहा है। बुडको के अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं। उन्होंने बताया कि निगम की बैठक में इसकी शिकायत करेंगे।
अलीनगर मोहल्ले में पीने के पानी के लिए बुडको की ओर से पाइपलाइन बिछाने का काम किया जा रहा है। साथ ही नगर निगम ने पूरे वार्ड में कई जगहों पर सबमरसिबल
बोरिंग करवायी है, ताकि लोगों को पेयजल की समस्या न हो। इसके अलावा जलजमाव की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए कई नाले और सड़कों का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। अलीनगर मोहल्ले के लोगों को जल्द ही समस्या से निजात मिलेगी।
- रवि अमरनाथ, सिटी मैनेजर
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