Anger Among Darbhanga Municipal Councillors Over Lack of Authority and Public Issues वार्ड पार्षदों को चाहिए स्वास्थ्य बीमा, अधिकारों और मानदेय में बढ़ोतरी, Darbhanga Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsDarbhanga NewsAnger Among Darbhanga Municipal Councillors Over Lack of Authority and Public Issues

वार्ड पार्षदों को चाहिए स्वास्थ्य बीमा, अधिकारों और मानदेय में बढ़ोतरी

दरभंगा नगर निगम के पार्षदों में आक्रोश है। पार्षद जनता की समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहे हैं। पार्षदों का कहना है कि सरकार और अधिकारियों ने उनके अधिकार छीन लिए हैं। पार्षदों को केवल 2500 रुपए...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाThu, 22 May 2025 05:37 PM
share Share
Follow Us on
वार्ड पार्षदों को चाहिए स्वास्थ्य बीमा, अधिकारों और मानदेय में बढ़ोतरी

दरभंगा नगर निगम के पार्षदों में आक्रोश है। इनका कहना है कि शहर की जनता अपनी आवाज उठाने के लिए पार्षदों को चुनती है। इसके बावजूद पार्षद जनता की समस्याओं का निदान नहीं करा पा रहे हैं। निगम पार्षद इस स्थिति के लिए जिम्मेदार सरकार व अधिकारियों को मानते हैं। वे बताते हैं कि नगर निगम के स्वतंत्र निकाय होने के बाद भी सरकार पार्षदों को अधिकारों से लैस नहीं कर रही है। उल्टे जो थोड़े-बहुत अधिकार थे, उसे छीनकर अधिकारियों के हवाले किया जा चुका है। इस वजह से पार्षदों के लिए वार्ड के विकास का प्रस्ताव बनाना भी बेकार साबित हो रहा है।

सड़क-नाले जैसी योजना के लिए भी अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाना पड़ता है। सफाईकर्मी व अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते हैं। अव्यवस्था से आजिज आम शहरी पार्षदों को कोसते हैं। पार्षद महासंघ के अध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, नवीन सिन्हा, सोनी पूर्वे, मो. निसार, शत्रुघ्न प्रसाद उर्फ नारद, नसीफुल हक रिंकू, रियासत अली, मुकेश महासेठ, राकेश पासवान आदि बताते हैं कि शहर में हो रहे विकास कार्यों का श्रेय बड़े नेता लेते हैं। पार्षदों की मर्जी से एक सड़क या नाले का निर्माण नहीं होता है। वार्ड की जनता की अन्य समस्याओं का समाधान भी मुश्किल से होता है। इसके चलते पार्षदों के पास अधिकार-प्राप्ति का एकमात्र विकल्प आवाज बुलंद करना बचा है। उन्होंने बताया कि पार्षदों का सीधा जुड़ाव शहर की जनता से है। रोजाना सैकड़ों लोग नाला-जाम, साफ-सफाई, वृद्धा-विधवा पेंशन, आवास योजना आदि से जुड़ी शिकायतें लेकर पार्षदों के पास आते हैं। इसका निदान निगम अधिकारी नहीं करते हैं और जनाक्रोश का सामना पार्षदों को करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि शहर में अतिक्रमण के कारण ट्रैफिक जाम, जलजमाव आदि की समस्या है। इसके स्थायी निदान के लिए वर्षों से पार्षद आवाज उठा रहे हैं, फिर भी सिर्फ अतिक्रमण हटाने की खानापूरी हो रही है। इसके चलते शहरवासियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि दरभंगा नगर निगम में चल रहे घोटाले के कारण अधिकारी पार्षदों को कार्य से अलग रखते हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम के क्रियाकलापों से शहरवासियों को अवगत कराया जाएगा। उन्होंने इसके लिए निगम के कार्यों की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

पार्षदों को मिलता है 2500 रुपए का मानदेय: दरभंगा नगर निगम क्षेत्र कुल 48 वार्डों में बंटा है। इसका दायरा करीब 19.18 वर्ग किलोमीटर में फैला है। पार्षद पिंकी देवी, ज्योति कुमारी, संजू देवी, पूनम देवी, मंजू देवी, सुभाष कुमार सौरभ आदि बताते हैं कि निगम के अधिकारी की मनमानी के कारण एक भी कार्य पार्षदों के मुताबिक नहीं हो रहा है। ऊपर से निगम के पार्षद वेतन-पेंशन, स्वास्थ्य सुविधा, हेल्थ इंश्योरेंस आदि से भी वंचित हैं। इनका कहना है कि पार्षदों को मानदेय के तौर पर मात्र 2500 रुपए मिलते हैं। इसके बूते पार्षद बाइक-स्कूटी से अपने क्षेत्र भ्रमण का पेट्रोल खर्च भी पूरा नहीं कर पाते हैं। ऊपर से अधिकार या पावर के नाम पर भी स्थिति शून्य है। उन्होंने बताया कि इसलिए दरभंगा प्रमंडलीय पार्षद महासंघ का गठन किया गया है।

-बोले जिम्मेदार-

दरभंगा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड पार्षदों के कार्यक्षेत्र के संबंध में अद्यतन विस्तृत जानकारी से अवगत नहीं हूं। इसके बारे में मैं संबंधित विभाग से आवश्यक जानकारी लूंगा। इसके बाद वार्ड पार्षदों की परेशानियों से राज्य सरकार को अवगत कराकर समाधान का प्रयास करूंगा।

- संजय सरावगी, मंत्री सह नगर विधायक

दरभंगा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड पार्षदों की समस्याएं संज्ञान में आयी हैं। शीघ्र ही पार्षदों की भावना से राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार को अवगत कराया जाएगा तथा वार्ड पार्षदों को संविधान प्रदत्त सभी अधिकार यथाशीघ्र जल्द मिले, इसके लिए उचित पहल करेंगे।

- डॉ. गोपाल जी ठाकुर, सांसद

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।