AIIMS में शाम और रात की ओपीडी भी होगी शुरू? केंद्र ने एम्स से मांगा जवाब
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीजों की सुविधा के लिए शाम और रात की ओपीडी शुरू करने का सुझाव दिया गया है। संसद की स्वास्थ्य पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक में उठे इस मुद्दे पर केंद्र ने एम्स से जवाब मांगा है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीजों की सुविधा के लिए शाम और रात की ओपीडी शुरू करने का सुझाव दिया गया है। संसद की स्वास्थ्य पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक में उठे इस मुद्दे पर केंद्र ने एम्स से जवाब मांगा है। दरअसल, एम्स में मरीजों की सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण सुझावों और बिंदुओं पर एम्स प्रशासन से तत्काल प्रतिक्रिया मांगी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र में एम्स को निर्देश दिया गया है कि वह संसद की स्वास्थ्य पर संसदीय स्थायी समिति (डीआरपीएससी) की बैठक में उठे मुद्दों पर विस्तृत जवाब जल्द से जल्द भेजे। इस दौरान एम्स में रात या शाम को ओपीडी शुरू करने के समिति के सुझावों पर एम्स के इस दिशा में किए गए कार्यों पर भी जवाब मांगा गया है।
13 मई को हुई बैठक में समिति ने मरीजों की समस्याओं पर एम्स प्रशासन को कई सुझाव दिए हैं। बैठक में सबसे प्रमुख मुद्दा शाम और रात की ओपीडी शुरू करने का रहा। समिति के सदस्यों ने मांग की है कि कार्यदिवस के अलावा, मरीजों की संख्या को देखते हुए शाम या रात में भी ओपीडी सेवाएं चलाई जाएं। मंत्रालय ने इस बिंदु पर एम्स से संभाव्यता, चुनौतियों और लाभ जैसे पहलुओं पर विस्तार से जवाब देने को कहा है।
मंत्रालय की सख्ती : मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस नोटिस को अत्यंत आवश्यक समझा जाए और इस संबंध में तुरंत जवाब प्रस्तुत किया जाए। मंत्रालय ने पत्र में यह भी कहा है कि एम्स ने इन मुद्दों पर ऐक्शन टेकन रिपोर्ट क्यों नहीं जमा की।
इन पर भी जवाब मांगा गया
● बिना अपॉइंटमेंट आए मरीजों को लौटाया न जाए : मंत्रालय ने जानना चाहा है कि ऐसे मरीजों को सुविधा देने के लिए एम्स क्या कदम उठा रहा है।
● सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, न्यूरोसर्जरी और नवजात चिकित्सा विभाग में वेटिंग टाइम कम करने के प्रयासों की जानकारी मांगी गई है।
● सीटी और एमआरआई मशीनों की संख्या, उनमें से कितनी चालू हैं और कितनी बंद हैं, साथ ही पीपीपी मॉडल को अपनाने की संभावना पर राय मांगी गई है।
● रिसर्च स्टाफ का पलायन : इसके कारणों और समाधान पर सुझाव
● एम्स में चल रहे शोध की जानकारी
● रोटेटरी हेडशिप का क्रियान्वयन कब होगा, टेलीमेडिसिन सेवाओं का इस्तेमाल व बढ़ाने की रणनीति
● एम्स पोर्टल को मोबाइल फ्रेंडली बनाने की दिशा में उठाए कदम
रोज आते हैं औसतन 15 हजार से अधिक मरीज
एम्स दिल्ली की ओपीडी में हर रोज औसतन 15 हजार मरीज आते हैं। यहां कई विभाग की ओपीडी में मरीजों को महीनेभर बाद ही ऑनलाइन अपॉइंटमेंट का समय मिलता है। ऐसे में संसदीय स्थायी समिति का सुझाव है कि मरीजों को ओपीडी में वॉक इन अपॉइंटमेंट मिल सकेगा। शाम या रात को ओपीडी शुरू होने से मरीजों का भार कम होगा। वहीं, मरीजों को भी ओपीडी में दिखाने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।