िवधायक की अर्जी कोर्ट ने की खारिज
लहेरियासराय में एमपी-एमएलए कोर्ट ने भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव और सुरेश यादव को दफा 506 के तहत दो-दो वर्ष कैद और एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। मामले में सूचक उमेश मिश्र ने आरोप लगाया था कि...

लहेरियासराय। एमपी-एमएलए कोर्ट की ओर से अलीनगर के भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव व सुरेश यादव को दफा 506 के तहत दो-दो वर्ष कैद व एक-एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाये जाने के दौरान अभियुक्तों के अधिवक्ता ने न्यायालय से प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर एक्ट का लाभ अभियुक्तों को देने की गुहार लगाई। न्यायालय ने उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि अभियुक्त जनप्रतिनिधि व लॉ मेकर हैं। उन पर आपराधिक घटना का आरोप है। दूसरी ओर यह अपीलीय न्यायालय है इसलिए इसे खारिज किया जाता है। बता दें कि केवटी थाने के समैला निवासी उमेश मिश्र ने 29 जनवरी, 2019 को हुई आपराधिक घटना के मामले में लेकर 30 जनवरी को केवटी थाने में अभियुक्तों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इसमें सूचक का आरोप था कि 29 जनवरी को सुबह छह बजे वे मॉर्निंग वॉक के लिए घर से निकले थे। जब गोसाई टोला के पास पहुंचे तो अभियुक्त मिश्रीलाल यादव, सुरेश यादव व अन्य 20-25 लोग हथियारों से लैस होकर घेरकर गाली-गलौज करने लगे। विरोध करने पर मिश्रीलाल यादव ने उसके सिर पर फरसा से प्रहार किया जिससे उसका सिर काट गया। वहीं, सुरेश यादव ने लाठी और रॉड से मारकर सूचक की जेब से 2300 रुपये निकाल लिये। जख्मी का इलाज डीएमसीएच व पीएमसीएच में हुआ। इस मामले में गत 21 फरवरी को विधायक मिश्रीलाल यादव व सुरेश यादव को एमपी-एमएलए कोर्ट के तत्कालीन विशेष न्यायाधीश ने तीन-तीन महीने कैद व पांच-पांच सौ रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी। इस सजा के विरुद्ध अभियुक्तों ने क्रिमिनल अपील दायर की थी। वहीं, मामले के सूचक उमेश मिश्र ने उक्त कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि सूचक व अन्य गवाहों ने अपनी गवाही में आपराधिक घटना की धमकी सहित अन्य आरोप लगाए थे, पर कोर्ट ने दफा 506 के तहत अभियुक्तों को दोषी करार नहीं दिया। इसलिए इस पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर उचित आदेश पारित किया जाए। बता दें कि मंगलवार को अपराह्न चार बजे पुलिस अभिरक्षा में विधायक मिश्रीलाल यादव व सुरेश यादव को न्यायालय कक्ष में उपस्थित किया गया। वहां दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद सजा सुनाई गई। न्यायालय से बाहर निकलने के बाद विधायक श्री यादव ने कहा कि मैं न्यायालय का सम्मान करता हूं। मैं इस आदेश के विरुद्ध पटना उच्च न्यायालय में गुहार लगाऊंगा।
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