चेहरे से बड़े होंठ,खाना-पीना था मुश्किल,दिल्ली AIIMS ने बच्चे को दी नई जिंदगी
सब कुछ ठीक चल रहा था,लेकिन तभी उसके होठ पर हल्की सी सूजन आई। घरवालों ने सोचा,शायद मच्छर ने काटा होगा,कुछ दिन में ठीक हो जाएगी। वक्त के साथ सूजन बढ़ती गई। एक साल में सूजन उसके पूरे होंठ और मुंह के चारों ओर फैल गई।

सोचिए अगर किसी दुर्लभ बीमारी की वजह से किसी के होंठ इतने बड़े हो जाएं कि वह न तो खा सके और न ही सामने ठीक से देख सके तो कैसा लगेगा। एम्स के डॉक्टरों ने बिहार एक बच्चे को इस बीमारी से बचाने में सफलता हासिल की है। सालभर तक बीमारी को समझने और इलाज के बाद अब बच्चे के होंठों की सूजन काफी कम हो गई है। बिहार के एक गांव में जन्मे दो साल के मासूम अर्पित (बदला नाम) की कहानी किसी हीरो से कम नहीं है।
सब कुछ ठीक चल रहा था,लेकिन तभी उसके होठ पर हल्की सी सूजन आई। घरवालों ने सोचा,शायद मच्छर ने काटा होगा,कुछ दिन में ठीक हो जाएगी। वक्त के साथ सूजन बढ़ती गई। एक साल में सूजन उसके पूरे होंठ और मुंह के चारों ओर फैल गई। हालत इतनी खराब हो गई कि बच्चा खाना तक नहीं खा पा रहा था। केवल दूध या पानी से उसका पेट भरता था। उसके होंठों का आकर इतना बढ़ गया था कि वह आंखों के सामने होंठ आने की वजह से ठीक से देख भी नहीं पाता था।
एक साल चला उपचार
एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर गगनदीप के नेतृत्व में जांच हुई। सैंपल लिए गए और फिर सामने आया एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन बेसिडियोबोलोमाइकोसिस। ये बीमारी आमतौर पर शरीर के कमर और जांघ जैसे हिस्सों में होती है, लेकिन इस बच्चे के चेहरे पर हमला कर चुकी थी। बच्चे का एक साल तक उपचार चला। इस दौरान डॉक्टर लगातार उसकी निगरानी करते रहे। इलाज के बाद बच्चे के होंठों की सूजन काफी हद तक कम हो गई। अब वो धीरे-धीरे बोलने और मुस्कुराने लगा है।
डॉक्टर भी रह गए थे हैरान
जब बच्चे को दिल्ली के एम्स लाया गया तो डॉक्टर भी हैरान रह गए। उसके होंठों का आकार लगभग 10 सेंटीमीटर लंबा और 9 सेंटीमीटर चौड़ा हो गया था। यानि एक बड़ी बॉल जितना, जबकि आमतौर पर एक बच्चे के होंठ सिर्फ 2-4 सेंटीमीटर के होते हैं। ये इतनी बुरी तरह सूज गए थे कि उनका आकार चार गुना से भी ज्यादा हो गया था।