Uttarakhand 5 new yoga hub will create 13 thousand jobs yoga neeti cabinet approval पांच नए योगा हब से 13 हजार को रोजगार देने की तैयारी,योग नीति को कैबिनेट की हां, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़Uttarakhand 5 new yoga hub will create 13 thousand jobs yoga neeti cabinet approval

पांच नए योगा हब से 13 हजार को रोजगार देने की तैयारी,योग नीति को कैबिनेट की हां

नई योग नीति के जरिए उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप विकसित किया जाएगा। राज्य में योग पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय योग और आध्यात्मिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने को योग संस्थानों के लिए नियम और दिशा निर्देश तैयार किए जाएंगे।

Utkarsh Gaharwar हिन्दुस्तान, देहरादूनThu, 29 May 2025 08:14 AM
share Share
Follow Us on
पांच नए योगा हब से 13 हजार को रोजगार देने की तैयारी,योग नीति को कैबिनेट की हां

कैबिनेट ने उत्तराखंड योग नीति 2025 को बुधवार को मंजूरी दी। इस नई नीति से 13 हजार नए रोजगार सृजित होंगे। 2500 योग शिक्षक योग सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाणित होंगे। 10 हजार से अधिक योग अनुदेशकों को होम स्टे, होटल में रोजगार मिलेंगे। राज्य में योग और ध्यान केंद्रों को बढ़ावा मिलेगा। पहाड़ पर 20 लाख और मैदान में 10 लाख तक की सब्सिडी मिलेगी।

नई योग नीति के जरिए उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप विकसित किया जाएगा। राज्य में योग पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय योग और आध्यात्मिक केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने को योग संस्थानों के लिए नियम और दिशा निर्देश तैयार किए जाएंगे। जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से योग को आम जन तक पहुंचाया जाएगा। योग को स्कूल, कालेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सहयोग कर योग के क्षेत्र में क्षमता निर्माण किया जाएगा। विश्वस्तरीय योग केंद्रों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा।

नए स्थापित होने वाले और विस्तार करने वाले योग केंद्रों को पहाड़ पर परियोजना लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख की सब्सिडी मिलेगी। मैदानी क्षेत्रों में 25 प्रतिशत या अधिकतम 10 लाख तक की सब्सिडी मिलेगी। कुल वार्षिक सब्सिडी की सीमा पांच करोड़ की होगी।

योग,ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को प्रोत्साहित करने को 10 लाख तक प्रति परियोजना सब्सिडी मिलेगी। यह सुविधा विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थानों, स्वास्थ्य संगठनों, आयुष संस्थाओं, एनजीओ के लिए होगी। अनुसंधान के लिए कुल एक करोड़ की राशि तय की गई है। नीति के सफल क्रियान्वयन को पांच वर्षों में 35 करोड़ का खर्च आएगा। इसमें योग केंद्रों को 25 करोड़, रिसर्च को एक करोड़, शिक्षक प्रमाणन को 1.81 करोड़ दिए जाएंगे। मौजूदा संस्थानों में योग सत्रों के संचालन में सहयोग को 7.5 करोड़ का खर्च आएगा। योग और प्राकृतिक चिकित्सा निदेशालय की स्थापना की जाएगी। जो पूरी नीति के संचालन, नियमन, अनुदान वितरण समेत विभिन्न गतिविधियों की निगरानी करेगा।

निदेशालय में निदेशक,संयुक्त निदेशक,उपनिदेशक, योग विशेषज्ञ, रजिस्ट्रार समेत अन्य स्टाफ शामिल होगा। निदेशालय का जिम्मा योग केंद्रों की गुणवत्ता सुनिश्चित करना, योग संस्थानों का पंजीकरण करना। योग प्रमाणन बोर्ड के तहत मान्यता प्राप्त करवाना रहेगा। योग केंद्रों की रेटिंग प्रणाली बनाने के साथ ही एमओयू के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्थापित किया जाएगा। एकल प्रमाणन व्यवस्था को बढ़ावा देने को योग सर्टिफिकेशन बोर्ड के प्रमाणनों को प्राथमिकता दी जाएगी।

बोर्ड की परीक्षाओं में सफल होने वाले योग अनुदेशकों को परीक्षा शुल्क की प्रतिवर्ष प्रतिपूर्ति दी जाएगी। हर साल 500 ऐसे अनुदेशकों को योजना का लाभ दिया जाएगा, जो योग प्रोटोकॉल इंस्ट्रक्टर से लेकर योग थेरेपिस्ट तक विभिन्न स्तरों के प्रमाणन पाठ्यक्रमों में पास होंगे। इसके साथ ही एक उच्च स्तरीय राज्य समिति का गठन किया जाएगा।

समूह कर सकेंगे पांच लाख तक के काम

नई प्रोक्योरमेंट नियमावली के अनुसार राज्य के स्वयं सहायता समूह अब राज्य के विभिन्न विभागों में पांच लाख तक के काम कर सकेंगे। इससे स्वयं सहायता समूहों को मजबूती मिलने के साथ ही उनकी आय के साधन भी बढ़ेंगे। इससे राज्य में स्वयं सहायता समूहों की संख्या में इजाफे की भी उम्मीद है।

स्थानीय उत्पादों की खरीद को वरीयता

नई पॉलिसी के तहत विभिन्न विभाग स्थानीय एमएसएमई की ओर से तैयार किए गए उत्पादों की खरीद को वरीयता देंगे। सचिव बगोली ने बताया कि सरकारी विभागों की निविदा प्रक्रिया में स्वयं सहायता समूहों एवं एमएसएमई को न्यूनतम दर की निविदा से 10 प्रतिशत की सीमा तक की क्रय वरीयता दी जाएगी।

यहां बनेंगे पांच नए योगा हब

2030 तक उत्तराखंड में पांच नए योगा हब स्थापित होंगे। जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील और कोलीढेक झील को योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इन क्षेत्रों में विकसित होने वाले योग केंद्रों को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स में योग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। समुदाय आधारित माइंड फुलनेस कार्यक्रम शुरू होंगे। अलग अलग आयु, लिंग और वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रख कर कार्यक्रम तैयार होंगे। पहले से चल रहे होमस्टे, रिसॉर्ट, होटल, स्कूल, कालेज में योग केंद्र स्थापित किए जाने पर योग अनुदेशक को प्रति सत्र 250 रुपए दिए जाएंगे।

शत प्रतिशत पंजीकरण कराना होगा

योग संस्थानों को नियम कानून के दायरे में लाने को शत प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। एक विशेष ऑनलाइन योग प्लेटफार्म शुरू किया जाएगा। योग पर्यटन को बढ़ावा देने को प्रचार अभियान तेज किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय योग सम्मेलनों का आयोजन होगा। मार्च 2028 तक 15 से 20 राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ भागीदाीर विकसित की जाएगी। योग से जुड़े स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जाएगा। स्कूलों में योग पाठ्यक्रमों को विकसित किया जाएगा। एक ऐसा ऑनलाइन प्लेटफार्म बनाया जाएगा, जहां से लोग उत्तराखंड के प्राकृतिक स्थलों से जुड़ते हुए लाइव योग सत्रों का लाभ ले सकेंगे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।