ब्रह्मोस मिसाइलों ने पाकिस्तान में कैसी मचाई तबाही? रूसी राजदूत ने बताया
दोनों देशों के बीच S-400 की आपूर्ति, T-90 टैंकों और Su-30 MKI की संयुक्त निर्माण, MiG-29 और कामोव हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति, INS विक्रमादित्य, AK-203 राइफलों का भारत में निर्माण और ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना जैसी अनेक सफल साझेदारियां हैं।

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आतंकी और सैन्य ठिकानों पर ब्रह्मोस मिसाइल कहर बनकर टूट पड़े। इसकी गवाही अब रूस के राजदूत भी दे रहे हैं। डेनिस अलीपोव ने खुलासा किया है कि भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में किए गए सैन्य कार्रवाई में S-400 एयर डिफेंस सिस्टम और भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित ब्रह्मोस मिसाइलों का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया। राजदूत ने इन हथियारों के प्रदर्शन को उत्कृष्ट बताया।
राजदूत अलीपोव ने समाचार एजेंसी IANS से बात करते हुए कहा, “हमें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार भारत ने स्पष्ट रूप से अपने लक्ष्यों की पहचान की और आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की। इस अभियान में S-400 प्रणाली और ब्रह्मोस मिसाइलों का उपयोग किया गया। उपलब्ध रिपोर्टों के आधार पर इन हथियारों का प्रदर्शन बेहतरीन रहा।”
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुआ उपयोग
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में स्थित आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया था। इस अभियान के बाद पाकिस्तान द्वारा तीन दिन बाद जवाबी सैन्य कार्रवाई की गई, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों ने प्रभावशाली ढंग से विफल किया। इस संघर्ष के दौरान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली S-400 ने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराया। भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी कार्रवाई केवल आतंकी शिविरों के खिलाफ थी और यह कदम गैर-उकसावे वाले थे।
S-400 की खरीद पर चर्चा जारी
रूसी राजदूत ने पुष्टि की कि भारत द्वारा अतिरिक्त S-400 सिस्टम की खरीद को लेकर रूस के साथ बातचीत जारी है। उन्होंने कहा, "इस विषय पर हमारी चर्चा चल रही है, लेकिन परिणामों पर टिप्पणी करना इस समय अनुचित होगा।"
भारत और रूस के बीच रक्षा क्षेत्र में दशकों पुराना सहयोग रहा है। दोनों देशों के बीच S-400 की आपूर्ति, T-90 टैंकों और Su-30 MKI की संयुक्त निर्माण, MiG-29 और कामोव हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति, INS विक्रमादित्य, AK-203 राइफलों का भारत में निर्माण और ब्रह्मोस मिसाइल परियोजना जैसी अनेक सफल साझेदारियां हैं।
ब्रह्मोस परियोजना से रूस संतुष्ट
राजदूत अलीपोव ने 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत ब्रह्मोस मिसाइलों की सफलता की सराहना करते हुए कहा, "हमारी संयुक्त परियोजना के तहत इन हथियारों को डिजाइन और निर्मित किया जा रहा है। इसके नतीजे बेहद संतोषजनक हैं। इसके भविष्य की संभावनाएं भी अत्यंत उज्ज्वल हैं और हम इस दिशा में और विस्तार की उम्मीद कर रहे हैं।"