सेमेस्टर के आधार पर छात्रावास में सीट आवंटन से पढ़ाई में व्यवधान
मोगलपुरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर कल्याण छात्रावास में छात्रों को सीट आवंटन और सुविधाओं की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों का कहना है कि उन्हें केवल डिग्री या पीजी के लिए नहीं बल्कि प्रतियोगी...
शहर के मोगलपुरा स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर कल्याण छात्रावास में वैसे तो कई समस्याएं हैं, लेकिन यहां रहकर पढ़ाई करने वाले छात्रों की सबसे बड़ी समस्या अगले सेशन तक उनकी सीट छात्रावास में बरकरार रहेगी कि नहीं इसको लेकर है। ऐसा इसलिए भी है कि हाल के दिनों में हॉस्टल में नामांकन के नियमों में किए गए बदलाव के बाद अब प्रत्येक सेमेस्टर के लिए हॉस्टल में सीट मिलती है। सेमेस्टर की परीक्षा होते ही आवंटित सीट समाप्त हो जाती है, जबकि यहां रहने वाले छात्रों का कहना है कि घर छोड़कर छात्रावास में केवल डिग्री या पीजी की पढ़ाई करने के लिए नहीं आते।
छात्र हॉस्टल में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए भी आते हैं। ऐसे में यदि कोर्स पूरा होते ही छात्रों को हॉस्टल से निकाल दिया जाता है तो उन्हें केवल डिग्री या पीजी की पढ़ाई करके क्या फायदा मिलेगा। इसलिए छात्रावास में ऐसे छात्रों के लिए भी व्यवस्थ होनी चाहिए जिसके तहत वे हॉस्टल में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सकें। छात्र प्रदीप प्रियदर्शी, पवन कुमार पासवान, पप्पू कुमार सुमन आदि ने कहा कि छात्रावास में डिग्री और पीजी के बाद प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए भी समय दिया जाना चाहिए। इसके लिए हॉस्टल में और भी सुविधाओं को बढ़ाने की जरूरत है। हॉस्टल की लाइब्रेरी को और भी उन्नत करने की जरूरत है। मौजूदा लाइब्रेरी में नई किताबों की घोर कमी है। इसे दूर करने के साथ ही हॉस्टल में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की भी छात्रों को सख्त जरूरत है। छात्रों ने कहा कि दलित समाज के जिन छात्रों को यहां तक पहुंचने का मौका मिलता है, उन्हें थोड़ा मौका और मिलना चाहिए। सही और पयार्प्त मौका मिलने पर ही दलित समुदाय के छात्रों को सही मायने में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। कई छात्रों का कहना है कि छात्रावास में वैसे तो छात्रों की कई समस्याएं हैं, लेकिन जिन समस्याओं से छात्र सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं उनमें से एक हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को मिलने वाली राशि का अनियमित भुगतान है। छात्रों का कहना है कि पिछड़े एवं दलित वर्ग के छात्रों को यहां मिलने वाली सहायता राशि पर ही सारी निर्भरता रहती है। ऐसे में यदि उसका भुगतान तीन से चार महीने पर होता है तो छात्रों को राशि के अभाव में शिक्षा सामग्री की कमी का सामना करना पड़ता है। कई छात्रों का कहना है कि छात्रावास तीन ब्लॉक में बंटा हुआ है। पुराने ब्लॉक में 100, हाल के दिनों में बने ब्लॉक में 200 और तीसरे ब्लॉक में 25 यानी 325 छात्रों के रहने की व्यवस्था है। 100 बेड का नया ब्लॉक बनकर तैयार है, लेकिन अभी तक छात्रों को सीट आवंटित नहीं की गयी है। पुराने ब्लॉक के भवन की स्थिति जर्जर हो गई है। जगह-जगह से प्लास्टर झड़ने लगा है। इसके साथ ही ग्रिल भी कई जगह टूट गया है। इस वजह से छात्रों की सुरक्षा हमेशा खतरे में बनी रहती है। छात्रों को रूम में पढ़ाई के लिए टेबल-कुर्सी की कमी के कारण बेड पर पढ़ाई करनी पड़ती है। इसके अलावा हॉस्टल में सफाई की भी समस्या बनी हुई है। हॉस्टल के छात्र सुनील कुमार, मनोज कुमार, रौशन कुमार आदि ने बताया कि हॉस्टल में फिलहाल चुस्त-दुरुस्त और स्वस्थ सुरक्षा गार्ड की जरूरत महसूस होती है।
- बोले जिम्मेदार-
छात्रावास का संचालन मंत्रालय के ओर से बनाए गए नियम एवं आदेश के मुताबिक होता है। छात्रावास के लिए जो भी आदेश मिलता है उसे पूरा कराया जाता है। फिलहाल छात्रावास के किसी भी छात्र ने लिखित या मौखिक इस प्रकार की सुविधा की मांग नहीं की है। यदि छात्रों की ओर से मांग की जाती है तो उसे निदेशालय भेज दिया जाएगा। इससे ज्यादा मैं कुछ भी नहीं बोल सकता। -आलोक कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी
शहर के मोगलपुरा स्थित आंबेडकर छात्रावास सरकार की ओर से संचालित होता है। सरकार की ओर से सीट के आवंटन के लिए क्या नियन बनाये गए हैं, इसके बारे में विस्तार से जानकारी लेकर छात्रों की समस्या के समाधान की दिशा में आवश्यक पहल करूंगा, ताकि वहां रहने वाले छात्रों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
- डॉ. गोपाल जी ठाकुर, सांसद
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