घपला? इंजीनियर और ठेकेदार मिलकर निकाल रहे पैसे, बिहार में 25 फीसदी रोड समय से पहले जर्जर
ग्रामीण कार्य विभाग ने इन सड़कों को 15 दिनों के भीतर दुरुस्त करने को कहा है। इसके बाद विभाग इन सड़कों की जांच कराएगा।

बिहार की एक चौथाई ग्रामीण सड़कों की स्थिति खराब है। ये वैसी सड़कें हैं, जो अभी पांच साल की मरम्मत अवधि में है। संवेदकों को इसे हर हाल में बेहतर बनाए रखना था। ग्रामीण कार्य विभाग ने इन सड़कों को 15 दिनों के भीतर दुरुस्त करने को कहा है। इसके बाद विभाग इन सड़कों की जांच कराएगा। सड़कें बेहतर नहीं होने पर न केवल संवेदक बल्कि इंजीनियरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में अभी 60 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कें पांच साल की मरम्मत अवधि में है।
निर्माण के समय ही तय था कि संवेदकों को इन सड़कों को पांच साल तक बेहतर बनाए रखना है। इसके लिए सरकार की ओर से समय-समय पर राशि भी जारी की जाती है। इसकी निगरानी इंजीनियरों को करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और इंजीनियरों की मिलीभगत से संवेदक मरम्मत की राशि की निकासी कर ले रहे हैं। विभाग की जांच में यह खुलासा हुआ कि मरम्मत अवधि वाली सड़कें बेहतर स्थिति में नहीं है। एक चौथाई सड़कों की स्थिति खराब हो गई है। मरम्मत अवधि का पैसा दिए जाने के बावजूद इसकी मरम्मत नहीं होने पर विभाग ने गंभीरता से लिया है।
विभाग ने इंजीनियरों को कहा है कि वे अधिकतम 15 दिनों के भीतर इसे दुरुस्त कर लें। अगर सड़कों में गढ्डे हो गए हैं तो उसे तत्काल भर दिया जाए। सड़कों की परत उजड़ गई है तो उसे दुरुस्त कर लिया जाए। 20 जून के बाद इन सड़कों का निरीक्षण होगा। विभाग ने तय किया है कि सड़कों का निरीक्षण कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंताओं के अलावा मुख्यालय की टीम से भी कराई जाएगी। कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंताओं की अदला-बदली कर सड़कों का निरीक्षण कराया जाएगा ताकि वे सही रिपोर्ट दे सकें।
क्या कहते हैं अधिकारी?
ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता बेहतर बनाए रखने के लिए सरकार की ओर से हर संभव कार्रवाई की जा रही है। किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं बरती जाएगी। निरीक्षण में अगर सड़कों की स्थिति खराब पाई गई तो संवेदक और इंजीनियर, दोनों पर कार्रवाई की जाएगी। - भगवत राम, अभियंता प्रमुख, ग्रामीण कार्य विभाग।