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बिहार में 50 हजार से ज्यादा खाताधारक हो गए जालसाजी के शिकार, लाखों की धोखाधड़ी

  • इंडिया पोस्ट पेंमेंट बैंक में 2021 में ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया था। लेकिन एक सितंबर 2018 से 31 मार्च, 2021 तक के खाताधारी का ई-केवाईसी नहीं है। इसमें कुल ग्राहकों की संख्या लगभग 40 लाख से अधिक है। अब इन सभी ग्राहकों को अपने खाते का ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, मुख्य संवाददाता, पटनाSun, 2 March 2025 07:24 AM
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बिहार में 50 हजार से ज्यादा खाताधारक हो गए जालसाजी के शिकार, लाखों की धोखाधड़ी

ई-केवाईसी लंबित वाले बिहार के 50 हजार 765 खाताधारक वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। इन लोगों के साथ 50 हजार रुपए से लेकर तीन लाख तक की धोखाधड़ी हुई है। इन लोगों ने इसकी शिकायत डाक विभाग से की है। जांच में पता चला है कि इन लोगों के खाते का ई-केवाईसी नहीं है। डाक विभाग की मानें तो 40 लाख इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक खाता धारकों ने ई-केवाईसी नहीं कराया है।

बता दें कि इंडिया पोस्ट पेंमेंट बैंक में 2021 में ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया था। लेकिन एक सितंबर 2018 से 31 मार्च, 2021 तक के खाताधारी का ई-केवाईसी नहीं है। इसमें कुल ग्राहकों की संख्या लगभग 40 लाख से अधिक है। अब इन सभी ग्राहकों को अपने खाते का ई-केवाईसी करवाना अनिवार्य है।

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इसके लिए माइक्रो एटीएम के माध्यम से सभी को ई-केवाईसी करवाने के लिए कहा जा रहा है। डाक विभाग ने ऐसे ग्राहकों को चिह्नित किया है। मालूम हो कि अब उन्हें नियमित रूप से ई-केवाईसी करवाने के लिए निर्देश दिया जा रहा है।

योजना की राशि मिलने में होगी परेशानी

जो ग्राहक ई-केवाईसी नहीं करवाऐंगे उन्हें योजना राशि मिलने में दिक्कतें हो सकती हैं। बता दें कि आईपीपीबी में उन लोगों की संख्या ज्यादा है जिन्हें केंद्र या राज्य सरकार की ओर से विभिन्न योजना की राशि मिलती है। ऐसे ग्राहक अगर ई-केवाईसी नहीं करवाऐंगे तो उन्हें योजना राशि नहीं मिल पाएंगी। जिन ग्राहकों को योजना की राशि प्राप्त हो जाती है तो भी उन्हें ई-केवाईसी करवानी होगी।

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ई-केवाईसी करवाने का चल रहा अभियान

डाक विभाग बिहार सर्किल द्वारा राज्यभर में इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है। लोग साइबर ठगी के शिकार ना हो, इसके लिए ई-केवाईसी काफी जरूरी है। इसके लिए लोगों को अगाह किया जा रहा है। बता दें कि ई-केवाईसी पहचान की पुष्टि के लिए सुरक्षित तरीका है। यह वित्तीय संस्थानों को ग्राहकों की प्राथमिकता सत्यापित करने में मदद करता है। ई-केवाईसी से चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी जैसी घटनाओं को रोका जा सकता है।

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